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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया गन्ना किसानों की मांग का समर्थन, बोले- बिना देरी किये गन्ने का रेट बढ़ाए सरकार

हरियाणा में गन्ने के भाव पर किसानों का धरना प्रदर्शन (Bhupinder Hooda on sugarcane price in haryana) तो जारी है ही, इसके अलावा प्रदेश में सियासत भी जारी है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गन्ने का भाव बढ़ाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जो पूरी तरह से जायज है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी इस मांग को लेकर किसानों के साथ खड़ी है. इसके अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ई-टेंडरिंग के खिलाफ आंदोलनरत सरपंचों का भी समर्थन किया है.

Bhupinder Singh Hooda on sugarcane price in haryana
हरियाणा में गन्ने के भाव पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया.
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Published : Jan 18, 2023, 7:56 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा में गन्ने का भाव बढ़ाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर मनोहर लाल सरकार पर जमकर हमला बोला है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांग पूरी तरह जायज है. सरकार को बिना देरी किए रेट में बढ़ोतरी करनी चाहिए. आज किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल हुड्डा से मिलने पहुंचा था. इस मौके पर बयान जारी करते हुए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ किसानों के हर संघर्ष में साथ खड़ी है. पार्टी ने गन्ना किसानों की मांग को विधानसभा में भी उठाया गया था. क्योंकि गन्ने का सीजन खत्म होने को आ रहा है, लेकिन अब तक सरकार द्वारा रेट में एक भी पैसे की बढ़ोतरी नहीं की गई.

आंकड़ों का हवाला देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के सवा 8 साल के दौरान गन्ने के रेट में हुई बढ़ोतरी न के बराबर है. क्योंकि, प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने साढ़े 9 साल के दौरान गन्ने के भाव में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करते हुए इसे 117 से 310 रुपये तक पहुंचाया था. यानी कांग्रेस कार्यकाल में गन्ने के रेट में 165% बढ़ोतरी हुई, लेकिन BJP ने सवा 8 साल में मात्र 17% वृद्धि की. इतनी बढ़ोतरी तो कांग्रेस हर साल कर देती थी. हैरानी की बात तो यह है कि इस साल तो सरकार ने गन्ने के रेट में एक नये पैसे की बढ़ोतरी नहीं की. सरकार की इन्हीं ज्यादतियों की वजह से किसानों को बार-बार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ता है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ई-टेंडरिंग के खिलाफ आंदोलनरत सरपंचों का भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि चुने हुए सरपंचों से गांव के विकास कार्य करवाने का अधिकार छीनकर सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को तार-तार कर रही है. ई-टेंडरिंग व्यवस्था गांव को विकास से वंचित करने और भ्रष्टाचार के केंद्रीकरण का माध्यम है. सरकार की यह बात किसी के गले नहीं उतरती कि ई-टेंडरिंग से भ्रष्टाचार कम होगा. नगर निगम, नगर पालिकाएं, बी एंड आर, खनन आदि और सभी सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार इस समय चरम पर है. उन्होंने कहा कि, जो BJP-JJP सरकार खुद सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी है, उसे पहले खुद में सुधार करना चाहिए, बाद में सरपंचों को नसीहत देनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: दूसरे राज्यों के मुकाबले हरियाणा ने हमेशा गन्ने के ज्यादा दाम दिए हैं: कृषि मंत्री जेपी दलाल

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा में गन्ने का भाव बढ़ाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर मनोहर लाल सरकार पर जमकर हमला बोला है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांग पूरी तरह जायज है. सरकार को बिना देरी किए रेट में बढ़ोतरी करनी चाहिए. आज किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल हुड्डा से मिलने पहुंचा था. इस मौके पर बयान जारी करते हुए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ किसानों के हर संघर्ष में साथ खड़ी है. पार्टी ने गन्ना किसानों की मांग को विधानसभा में भी उठाया गया था. क्योंकि गन्ने का सीजन खत्म होने को आ रहा है, लेकिन अब तक सरकार द्वारा रेट में एक भी पैसे की बढ़ोतरी नहीं की गई.

आंकड़ों का हवाला देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के सवा 8 साल के दौरान गन्ने के रेट में हुई बढ़ोतरी न के बराबर है. क्योंकि, प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने साढ़े 9 साल के दौरान गन्ने के भाव में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करते हुए इसे 117 से 310 रुपये तक पहुंचाया था. यानी कांग्रेस कार्यकाल में गन्ने के रेट में 165% बढ़ोतरी हुई, लेकिन BJP ने सवा 8 साल में मात्र 17% वृद्धि की. इतनी बढ़ोतरी तो कांग्रेस हर साल कर देती थी. हैरानी की बात तो यह है कि इस साल तो सरकार ने गन्ने के रेट में एक नये पैसे की बढ़ोतरी नहीं की. सरकार की इन्हीं ज्यादतियों की वजह से किसानों को बार-बार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ता है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ई-टेंडरिंग के खिलाफ आंदोलनरत सरपंचों का भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि चुने हुए सरपंचों से गांव के विकास कार्य करवाने का अधिकार छीनकर सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को तार-तार कर रही है. ई-टेंडरिंग व्यवस्था गांव को विकास से वंचित करने और भ्रष्टाचार के केंद्रीकरण का माध्यम है. सरकार की यह बात किसी के गले नहीं उतरती कि ई-टेंडरिंग से भ्रष्टाचार कम होगा. नगर निगम, नगर पालिकाएं, बी एंड आर, खनन आदि और सभी सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार इस समय चरम पर है. उन्होंने कहा कि, जो BJP-JJP सरकार खुद सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी है, उसे पहले खुद में सुधार करना चाहिए, बाद में सरपंचों को नसीहत देनी चाहिए.

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