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राज्यसभा में कुमारी सैलजा ने उठाया PLPA एक्ट का मुद्दा, फॉरेस्ट टास्क फोर्स के गठन की मांग - राज्यसभा में कुमारी शैलजा ने उठाया अरावली का मुद्दा

अरावली के मुद्दे को उठाते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा भारत का सबसे कम वन क्षेत्र वाला प्रदेश है. जहां केवल साढ़े तीन प्रतिशत फॉरेस्ट कवर है. उन्होंने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेस्ट एंड इनवायरमेंट ने कहा है कि 1999 से लेकर 2019 के बीच हरियाणा के एनसीआर और अरावली सहित प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों में 47 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.

plpa act issue in rajyasabha
राज्यसभा में गूंजा PLPA एक्ट
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Published : Dec 10, 2019, 3:20 PM IST

दिल्ली/चंडीगढ़ः राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा ने एक बार फिर राज्यसभा में अरावली के मुद्दे को उठाया है. पंजाब भू परीक्षण विधेयक (पीएलपीए) में हरियाणा सरकार द्वारा किए गए संशोधन पर कुमारी सैलजा ने सवाल उठाए हैं.

शीतकालीन सत्र में सदन की कार्रवाई के दौरान कुमारी सैलजा ने बताया कि अरावली का ज्यादातर हिस्सा जंगल के क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने कहा कि पीएलपीए के लागू होने से अरावली को काफी नुकसान हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि उच्च न्यायालय ने वन विभाग क्षेत्रों के साथ छेड़छाड़ करने से साफ इंकार किया है. लेकिन उसके बावजूद हरियाणा सरकार ने पीएलपीए एक्ट लागू किया है.

राज्यसभा में गूंजा PLPA एक्ट का मुद्दा

वन क्षेत्रों का 47 प्रतिशत नुकसान- सैलजा
अरावाली के मुद्दे को उठाते हुए कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा भारत का सबसे कम वन क्षेत्र वाला प्रदेश है. जहां केवल साढ़े तीन प्रतिशत फॉरेस्ट कवर है. इसका ज्यादातर हिस्सा उत्तर में शिवालिक में है और बाकी अरावली में शामिल है.

उन्होंने कहा कि अरावली का कुछ हिस्सा ऐसा भी है जिसे कानूनी तौर पर वन क्षेत्र नहीं माना गया है. उन्होंने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेस्ट एंड इनवायरमेंट ने कहा है कि 1999 से लेकर 2019 के बीच हरियाणा के एनसीआर और अरावली सहित प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों में 47 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.

PLPA से हुआ वन क्षेत्रों को नुकसान- सैलजा
कुमारी शैलजा ने हरियाणा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक 57728 हेक्टेयर जमीन का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों के इतने नुकसान होने के बावजूद हरियाणा सरकार ने 27 फरवरी 2019 को पीएलपीए एक्ट को लागू कर दिया है. जिसके कारण 19सौ का एक्ट कमजोर हो गया है. सैलजा ने कहा कि पीएलपीए एक्ट ने 130 गांवों के पहाड़ी क्षेत्रों में 74हाजर एकड़ भूमि को वन क्षेत्र से बाहर कर दिया है.

ये भी पढ़ेंः नूंह में मुधमक्खियां लाएंगी रोजगार की बयार! फल-फूल सकता है शहद का व्यापार

ग्रीन लंग्स है अरावली
राज्यसभा में सैलजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑडर दिए थे कि वन क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए लेकिन हरियाणा सरकार ऐसा नहीं कर रही.कुमारी सैलजा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिए थे कि अरावली को हर हालत में बचाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तमाम एनसीआर समेत हरियाणा के लिए अरावली को बचाना जरूरी है क्योंकि अरावली एनसीआर के लिए ग्रीन लंग्स का काम कर रही है.

फॉरेस्ट टास्क फोर्स के गठन की मांग
कुमारी सैलजा ने कहा कि ऐसे में मेरी मांग है सरकार एक फॉरेस्ट टास्क फोर्स का गठन करे. ये फॉरेस्ट टास्क फोर्स का काम होगा कि 2024 तक फॉरेस्ट कवर को 5 प्रतिशत बढ़ाया जाए और 2030 तक इसे 10 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए.

दिल्ली/चंडीगढ़ः राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा ने एक बार फिर राज्यसभा में अरावली के मुद्दे को उठाया है. पंजाब भू परीक्षण विधेयक (पीएलपीए) में हरियाणा सरकार द्वारा किए गए संशोधन पर कुमारी सैलजा ने सवाल उठाए हैं.

शीतकालीन सत्र में सदन की कार्रवाई के दौरान कुमारी सैलजा ने बताया कि अरावली का ज्यादातर हिस्सा जंगल के क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने कहा कि पीएलपीए के लागू होने से अरावली को काफी नुकसान हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि उच्च न्यायालय ने वन विभाग क्षेत्रों के साथ छेड़छाड़ करने से साफ इंकार किया है. लेकिन उसके बावजूद हरियाणा सरकार ने पीएलपीए एक्ट लागू किया है.

राज्यसभा में गूंजा PLPA एक्ट का मुद्दा

वन क्षेत्रों का 47 प्रतिशत नुकसान- सैलजा
अरावाली के मुद्दे को उठाते हुए कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा भारत का सबसे कम वन क्षेत्र वाला प्रदेश है. जहां केवल साढ़े तीन प्रतिशत फॉरेस्ट कवर है. इसका ज्यादातर हिस्सा उत्तर में शिवालिक में है और बाकी अरावली में शामिल है.

उन्होंने कहा कि अरावली का कुछ हिस्सा ऐसा भी है जिसे कानूनी तौर पर वन क्षेत्र नहीं माना गया है. उन्होंने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेस्ट एंड इनवायरमेंट ने कहा है कि 1999 से लेकर 2019 के बीच हरियाणा के एनसीआर और अरावली सहित प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों में 47 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.

PLPA से हुआ वन क्षेत्रों को नुकसान- सैलजा
कुमारी शैलजा ने हरियाणा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक 57728 हेक्टेयर जमीन का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों के इतने नुकसान होने के बावजूद हरियाणा सरकार ने 27 फरवरी 2019 को पीएलपीए एक्ट को लागू कर दिया है. जिसके कारण 19सौ का एक्ट कमजोर हो गया है. सैलजा ने कहा कि पीएलपीए एक्ट ने 130 गांवों के पहाड़ी क्षेत्रों में 74हाजर एकड़ भूमि को वन क्षेत्र से बाहर कर दिया है.

ये भी पढ़ेंः नूंह में मुधमक्खियां लाएंगी रोजगार की बयार! फल-फूल सकता है शहद का व्यापार

ग्रीन लंग्स है अरावली
राज्यसभा में सैलजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑडर दिए थे कि वन क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए लेकिन हरियाणा सरकार ऐसा नहीं कर रही.कुमारी सैलजा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिए थे कि अरावली को हर हालत में बचाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तमाम एनसीआर समेत हरियाणा के लिए अरावली को बचाना जरूरी है क्योंकि अरावली एनसीआर के लिए ग्रीन लंग्स का काम कर रही है.

फॉरेस्ट टास्क फोर्स के गठन की मांग
कुमारी सैलजा ने कहा कि ऐसे में मेरी मांग है सरकार एक फॉरेस्ट टास्क फोर्स का गठन करे. ये फॉरेस्ट टास्क फोर्स का काम होगा कि 2024 तक फॉरेस्ट कवर को 5 प्रतिशत बढ़ाया जाए और 2030 तक इसे 10 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए.

Intro:नाइजीरिया में फ़सा मर्चेंट नेवी का भारतीय जहाज
अपहरण किये जहाज में थे 18 जन, 17 भारतीय
महेंद्रगढ़ के गांव डेरोली अहीर का जयसिंह भी हुआ शिकार
महेंद्रगढ़, 10 दिसंबर।Body:नाइजीरिया में एक भारतीय जहाज का अपहरण कर लिया गया उस जहाज पर 18 लोगों में से 17 भारतीय हैं जिसमे जिला महेंद्रगढ़ के गांव डेरोली अहीर निवासी थर्ड ग्रेड ऑफिसर जयसिंह भी शामिल है। जयसिंह की अपहरण की सूचना पाकर उनके परिजनों ओर गांव में लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
मुंबई से “ एंजेलो ईस्टर्न शीप मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ” कंपनी का जहाज तीन दिसंबर को मुंबई से नईजीरिया के लिए तेल लेने के लिए निकला था, चार दिसंबर को जहाज में कार्यरत ऑफिसर के परिजनों के पास सूचना आई कि जहाज का अपहरण हो गया है। जिसमें 18 लोग हैं जिनमें 17 भारतीय हैं। इस जहाज में महेंद्रगढ़ जिला के गांव डरोली अहीर निवासी जयसिंह भी है। जो इस कंपनी में थर्ड ग्रेड ऑफिसर के पद पर तैनात है। अपहण की सूचना कंपनी द्वारा जयसिंह के परिजनों को दी गई। सूचना मिलने के बाद परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। जय सिंह के पिता ने बताया कि कंपनी की तरफ से उनके पास एक लेटर भी आया है और उसी के साथ कंपनी की तरफ से व अंबेसी की तरफ से उनके पास सूचनाएं आ रही हैं और उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि जल्दी ही उनके बेटे को सकुशल वापस लाया जाएगा। वही जयसिंह के पिता व परिजनों ने केंद्र सरकार से उनके बेटे को सकुशल वापस लाने की अपील की है।
किसान परिवार से संबंध रखने वाले जयसिंह ने 2012 में मर्चेंट नेवी का कोर्स करके मर्चेंट नेवी को जॉइन किया था और वह पिछले दो साल से इस कंपनी में कार्यरत है। उसके साथ कंपनी में काम कर चुके अमित शर्मा ने आज उनके घर पर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि कंपनी की तरफ से उनके बेटे की रिहाई के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। मर्चेंट नेवी में कार्यरत अमित शर्मा ने बताया कि नाइजीरिया में एक्टिव एक्शन पाइरेट ग्रुप है जिसमें वेस्ट अफ्रीकन पाइरेट हैं। जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं और इस तरह की घटनाएं अक्सर उस क्षेत्र में होती रहती हैं। उनकी कुछेक डिमांड हैं। इसको लेकर कंपनी की तरफ से बातचीत की जा रही है और जल्दी ही इस पूरे मामले को सुलझा लिया जाएगा
बाइट 1 : सुरेन्द्र सिंह पंच, जयसिंह का पिता।
बाइट 2 : अमित शर्मा, ऑफिसर मर्चेंट नेवी।
Conclusion:पीड़ित परिवार ने की बेटे को बचाने की फरियाद 
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