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स्पेशल रिपोर्टः अब फोन से जानें शहर का प्रदूषण स्तर, 2 करोड़ 10 लाख की लागत से मशीन तैयार

ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ की हरियाली और साफ हवा को बनाए रखना प्रशासन के लिए आसान काम नहीं है. चंडीगढ़ प्रशासन लगातार इसे बनाए रखने के लिए काम करता रहता है. इसी कड़ी में चंडीगढ़ प्रशासन ने अब इस काम के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

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Published : Jul 18, 2019, 9:09 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 11:18 PM IST

घर बैठे देखें प्रदूषण स्तर

चंडीगढ़ः प्रशासन ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में एक कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाया है. इस स्टेशन में हवा में प्रदूषण का स्तर मापने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया गया है. यह स्टेशन ना सिर्फ आसपास की हवा की जांच कर उसमें प्रदूषण का स्तर बताता है बल्कि हवा में गैस की मात्रा कितनी है ये भी बताता है.

घर बैठे देखें अपने शहर का प्रदूषण स्तर

घर बैठे देखें प्रदूषण स्तर
स्टेशन की सबसे खास बात ये है कि यह स्टेशन प्रदूषण की रिपोर्ट को तैयार कर उसे लोगों के मोबाइल तक पहुंचा देता है. जिसे लोग मोबाइल एप और एसएमएस के जरिए देख सकते हैं. इससे लोगों को घर बैठे ही ये जानकारी मिल पाएगी कि उनके आसपास की हवा में प्रदूषण का स्तर कितना है.

शहर में फैल रहे प्रदूषण स्तर की मिलेगी जानकारी
पंजाब यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग में कार्यरत डॉक्टर सुमन मोर ने बताया ये मशीन लोगों के लिए काफी कारगर है. इससे लोगों को अपने शहर में फैल रहे प्रदूषण के बारे में जानकारी मिलेगी. जिससे लोगों में प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता फैलेगी.

कई बीमारियों से भी बच पाएंगे आप
साथ ही इसका सबसे बड़ा लाभ उन लोगों को होगा, जिनको प्रदूषण और गैसों से एलर्जी है. उन्होंने बताया कि इस मशीन के आंकड़ों को जानने के बाद सांस के रोगी ये जान पाएंगे कि बाहर की हवा उनके अनुकूल है या नहीं इससे वे कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहेंगे. बता दें इस मशीन को लगाने में करीब दो करोड़ 10 लाख रुपए की लागत आई है.

चंडीगढ़ः प्रशासन ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में एक कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाया है. इस स्टेशन में हवा में प्रदूषण का स्तर मापने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया गया है. यह स्टेशन ना सिर्फ आसपास की हवा की जांच कर उसमें प्रदूषण का स्तर बताता है बल्कि हवा में गैस की मात्रा कितनी है ये भी बताता है.

घर बैठे देखें अपने शहर का प्रदूषण स्तर

घर बैठे देखें प्रदूषण स्तर
स्टेशन की सबसे खास बात ये है कि यह स्टेशन प्रदूषण की रिपोर्ट को तैयार कर उसे लोगों के मोबाइल तक पहुंचा देता है. जिसे लोग मोबाइल एप और एसएमएस के जरिए देख सकते हैं. इससे लोगों को घर बैठे ही ये जानकारी मिल पाएगी कि उनके आसपास की हवा में प्रदूषण का स्तर कितना है.

शहर में फैल रहे प्रदूषण स्तर की मिलेगी जानकारी
पंजाब यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग में कार्यरत डॉक्टर सुमन मोर ने बताया ये मशीन लोगों के लिए काफी कारगर है. इससे लोगों को अपने शहर में फैल रहे प्रदूषण के बारे में जानकारी मिलेगी. जिससे लोगों में प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता फैलेगी.

कई बीमारियों से भी बच पाएंगे आप
साथ ही इसका सबसे बड़ा लाभ उन लोगों को होगा, जिनको प्रदूषण और गैसों से एलर्जी है. उन्होंने बताया कि इस मशीन के आंकड़ों को जानने के बाद सांस के रोगी ये जान पाएंगे कि बाहर की हवा उनके अनुकूल है या नहीं इससे वे कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहेंगे. बता दें इस मशीन को लगाने में करीब दो करोड़ 10 लाख रुपए की लागत आई है.

Intro:देश मे चंडीगढ़ को एक हरा और साफ आबोहवा वाला शहर माना जाता है। मगर इसकी हरियाली और साफ हवा को बनाए रखना प्रशासन के लिए आसान काम नहीं है मगर चंडीगढ़ प्रशासन लगातार इसे बनाए रखने के लिए काम करता रहता है । चंडीगढ़ प्रशासन ने अब इस काम के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है


Body:चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में एक कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाया है। इस स्टेशन में हवा में प्रदूषण का स्तर मापने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया गया है ।यह स्टेशन ना सिर्फ आसपास की हवा की जांच कर उसमें प्रदूषण का स्तर बताता है। बल्कि यह भी बताता है कि हवा में किस गैस की मात्रा कितनी है।
स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि यह स्टेशन प्रदूषण की रिपोर्ट को तैयार कर उसे लोगों के मोबाइल तक पहुंचा देता है। जिसे लोग मोबाइल एप और एसएमएस के जरिए देख सकते हैं इससे लोगों को घर बैठे ही यह जानकारी मिल पाएगी कि उनके आसपास की हवा में प्रदूषण का स्तर कितना है।
पंजाब यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग में कार्यरत डॉक्टर सुमन मोर ने बताया यह मशीन लोगों के लिए काफी कारगर है। इससे लोगों को अपने शहर में फैल रहे प्रदूषण के बारे में जानकारी मिलेगी। जिससे लोगों में प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूकता फैलेगी।
साथ ही इसका सबसे बड़ा लाभ उन लोगों को होगा । जिनको प्रदूषण और गैसों से एलर्जी है। कई बार लोग खराब हवा में सांस ले लेते हैं । जिससे उन्हें सांस से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है । इस मशीन के आंकड़ों को जानने के बाद सांस के रोगी यह जान पाएंगे कि बाहर की हवा उनके अनुकूल है या नहीं इससे वे कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
इस मशीन को लगाने में करीब दो करोड़ 10 लाख रुपए की लागत आई है


बाइट- डॉ सुमन मोर , पर्यावरण विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी



Conclusion:
Last Updated : Jul 18, 2019, 11:18 PM IST
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