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कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ क्यों लगाई जाती है, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर बता रहे हैं दोनों का फर्क

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अब 18 साल से ज्यादा उम्र के हर शख्स को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना जरूरी है?

coronavirus ke lakshan
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Published : May 2, 2021, 7:00 AM IST

Updated : May 2, 2021, 12:39 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है. प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की 2 डेज लगवानी जरूरी है. अब बड़ा सवाल ये है कि दो ही डोज क्यों? क्या एक डोज लगवाने के बाद कोरोना से बचाव नहीं हो सकता

ये भी पढ़ें- अगर पहली डोज के बाद हो जाए कोरोना तो क्या दूसरी डोज लेनी चाहिए? जानिए पीजीआई के डॉक्टर से

इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि ऐसा नहीं है कि पहली डोज लगवाने का कोई फायदा नहीं होता. कोरोना की वैक्सीन की दो डोज इस लिए लगाई जाती है, क्योंकि पहली डोज लगाने के बाद व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन वो 60% तक बढ़ती है.

जानें क्यों लगाई जाती है कोरोना वैक्सीन की 2 डोज

इस क्षमता को और ज्यादा बढ़ाने के लिए कुछ दिन का अंतर रखने के बाद दूसरी डोज लगाई जाती है. दूसरी डोज लगने के बाद व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता 80% तक बढ़ जाती है. ऐसे में ये संभावना भी बढ़ जाती है कि दोनों डोज लेने के बाद व्यक्ति को कोरोना अपनी चपेट में नहीं ले पाएगा, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को करोना हो भी जाता है. तब भी उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ चुकी होगी कि कोरोना व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार नहीं कर पाएगा.

ये भी पढ़ें- प्लाज़्मा डोनेट करने से डरें नहीं लेकिन ये सुरक्षित तरीका ज़रूर जान लें

ऐसी सूरत में व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ना ही उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होगा. वो सामान्य इलाज से पूरी तरह ठीक हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समय देश में लोगों को दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं. जिनमें से एक कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन है. डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज में 4 से 8 हफ्ते का अंतर रखा जाता है और कोवैक्सीन की दोनों डोज में 4 से 6 हफ्ते का अंतर रखा जाता है.

चंडीगढ़: कोरोना से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है. प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की 2 डेज लगवानी जरूरी है. अब बड़ा सवाल ये है कि दो ही डोज क्यों? क्या एक डोज लगवाने के बाद कोरोना से बचाव नहीं हो सकता

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इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि ऐसा नहीं है कि पहली डोज लगवाने का कोई फायदा नहीं होता. कोरोना की वैक्सीन की दो डोज इस लिए लगाई जाती है, क्योंकि पहली डोज लगाने के बाद व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन वो 60% तक बढ़ती है.

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इस क्षमता को और ज्यादा बढ़ाने के लिए कुछ दिन का अंतर रखने के बाद दूसरी डोज लगाई जाती है. दूसरी डोज लगने के बाद व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता 80% तक बढ़ जाती है. ऐसे में ये संभावना भी बढ़ जाती है कि दोनों डोज लेने के बाद व्यक्ति को कोरोना अपनी चपेट में नहीं ले पाएगा, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को करोना हो भी जाता है. तब भी उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ चुकी होगी कि कोरोना व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार नहीं कर पाएगा.

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ऐसी सूरत में व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ना ही उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होगा. वो सामान्य इलाज से पूरी तरह ठीक हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समय देश में लोगों को दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं. जिनमें से एक कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन है. डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज में 4 से 8 हफ्ते का अंतर रखा जाता है और कोवैक्सीन की दोनों डोज में 4 से 6 हफ्ते का अंतर रखा जाता है.

Last Updated : May 2, 2021, 12:39 PM IST
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