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भारत में अचानक क्यों हुआ कोरोना विस्फोट, कब तक सुधरेंगे हालात, ईटीवी भारत ने बात की चंडीगढ़ PGI डायरेक्टर के से - कोरोना का इलाज हिंदी में

चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक प्रोफेसर जगतराम के मुताबित यूके स्ट्रेन ने देश में तेजी से लोगों को चपेट में लिया था, लेकिन अब इंडियन स्ट्रेन की चपेट में भी बड़ी तादात में लोग आ रहे हैं. इस वजह से देश में हालात बिगड़ रहे हैं.

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क्या यूके और इंडियन कोरोना स्ट्रेन ने मिलकर बढ़ाया देश में कोरोना के मामले
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Published : May 5, 2021, 4:17 PM IST

Updated : May 5, 2021, 9:04 PM IST

चंडीगढ़: देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसका जिम्मेदार कोरोना के नए यूके स्ट्रेन को माना जा रहा है, लेकिन अब इंडियन स्ट्रेन के मामले भी सामने आने लगे हैं. इंडियन स्ट्रेन को भी यूके स्ट्रेन की तरह घातक माना जा रहा है. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम से बात की.

प्रोफेसर जगतराम ने बताया यूके स्ट्रेन आने के बाद कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. अब इंडियन स्ट्रेन के मामले भी सामने आने लगे हैं. देश में कोरोना के मामले बढ़ने का यह एक बड़ा कारण है. इसके अलावा लोगों की लापरवाही भी मुख्य कारण है, क्योंकि अगर लापरवाही ना बरतें तो केसों में होने वाले इजाफे को रोका जा सकता है. लोगों की वजह से ही दिन-प्रतिदिन घातक होता जा रहा है.

क्या यूके और इंडियन कोरोना स्ट्रेन ने मिलकर बढ़ाया देश में कोरोना के मामले, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- सोशल मीडिया पर वायरल इस होम्योपैथी दवा से नहीं बढ़ता ऑक्सीजन लेवल, ईटीवी भारत का रियलिटी चेक

कोरोना एयरबोर्न इंफेक्शन है- डॉ. जगत राम

साल 2020 तक नहीं माना जाता था की करोना एक ड्रॉपलेट इनफेक्शन है. जबकि नई रिसर्च में सामने आया है कि यह एयरबोर्न इंफेक्शन है. यानी एक बंद कमरे में अगर कई लोग मौजूद हो तो सभी लोगों में यह आसानी से फैल सकता है.

डॉक्टर जगत राम ने कहा कि लॉक डाउन लगाना आसान नहीं है, क्योंकि इसका असर बहुत से लोगों पर पड़ता है. पिछले साल हम लॉकडाउन को देख चुके हैं. अगर लोग अनुशासन में रहें और निर्देशों का गंभीरता से पालन करें तो लॉकडाउन लगाने से बचा जा सकता है, लेकिन लोग ऐसा नहीं करते हैं और लगातार लापरवाही बरतते हैं, तो लॉकडाउन लगाना ही विकल्प बचता है.

ये भी पढ़ें- कोरोना का मतलब अस्पताल जाना नहीं, चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर बोले- इन तीन चीजों का ध्यान रखना जरूरी

हम कोरोना के पीक तक पहुंच चुके हैं- डॉ. जगत राम

डॉक्टर जगत राम के मुताबिक आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि हम कोरोना की पीक तक पहुंच चुके हैं. भविष्य में मामले कम होंगे और आने वाले दो हफ्तों में मामलों में काफी कमी आएगी. डॉ. जगत राम ने कहा कि अगर चंडीगढ़ पीजीआई की बात की जाए तो यहां पर मरीजों का दबाव काफी ज्यादा है.

हालांकि पीजीआई में बेड ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी नहीं है. यहां पर सभी उपकरण आवश्यक मात्रा में मौजूद है, लेकिन पीजीआई में चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और उत्तर भारत के कई अन्य राज्यों से भी मरीज आ रहे हैं. जिस वजह से यहां पर मरीजों का बोझ काफी बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ क्यों लगाई जाती है, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर बता रहे हैं दोनों का फर्क

चंडीगढ़: देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसका जिम्मेदार कोरोना के नए यूके स्ट्रेन को माना जा रहा है, लेकिन अब इंडियन स्ट्रेन के मामले भी सामने आने लगे हैं. इंडियन स्ट्रेन को भी यूके स्ट्रेन की तरह घातक माना जा रहा है. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम से बात की.

प्रोफेसर जगतराम ने बताया यूके स्ट्रेन आने के बाद कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. अब इंडियन स्ट्रेन के मामले भी सामने आने लगे हैं. देश में कोरोना के मामले बढ़ने का यह एक बड़ा कारण है. इसके अलावा लोगों की लापरवाही भी मुख्य कारण है, क्योंकि अगर लापरवाही ना बरतें तो केसों में होने वाले इजाफे को रोका जा सकता है. लोगों की वजह से ही दिन-प्रतिदिन घातक होता जा रहा है.

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कोरोना एयरबोर्न इंफेक्शन है- डॉ. जगत राम

साल 2020 तक नहीं माना जाता था की करोना एक ड्रॉपलेट इनफेक्शन है. जबकि नई रिसर्च में सामने आया है कि यह एयरबोर्न इंफेक्शन है. यानी एक बंद कमरे में अगर कई लोग मौजूद हो तो सभी लोगों में यह आसानी से फैल सकता है.

डॉक्टर जगत राम ने कहा कि लॉक डाउन लगाना आसान नहीं है, क्योंकि इसका असर बहुत से लोगों पर पड़ता है. पिछले साल हम लॉकडाउन को देख चुके हैं. अगर लोग अनुशासन में रहें और निर्देशों का गंभीरता से पालन करें तो लॉकडाउन लगाने से बचा जा सकता है, लेकिन लोग ऐसा नहीं करते हैं और लगातार लापरवाही बरतते हैं, तो लॉकडाउन लगाना ही विकल्प बचता है.

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हम कोरोना के पीक तक पहुंच चुके हैं- डॉ. जगत राम

डॉक्टर जगत राम के मुताबिक आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि हम कोरोना की पीक तक पहुंच चुके हैं. भविष्य में मामले कम होंगे और आने वाले दो हफ्तों में मामलों में काफी कमी आएगी. डॉ. जगत राम ने कहा कि अगर चंडीगढ़ पीजीआई की बात की जाए तो यहां पर मरीजों का दबाव काफी ज्यादा है.

हालांकि पीजीआई में बेड ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी नहीं है. यहां पर सभी उपकरण आवश्यक मात्रा में मौजूद है, लेकिन पीजीआई में चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और उत्तर भारत के कई अन्य राज्यों से भी मरीज आ रहे हैं. जिस वजह से यहां पर मरीजों का बोझ काफी बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ क्यों लगाई जाती है, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर बता रहे हैं दोनों का फर्क

Last Updated : May 5, 2021, 9:04 PM IST
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