चंडीगढ़: हरियाणा में बढ़ते पेपर लीक के मामले (Paper leak case Haryana) सरकार के गले की फांस बने हुए है. इसी फांस के निकालने के लिए हरियाणा सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में कानून पास किया. हरियाणा सरकार ने पेपर लीक और नकल विरोधी कानून (Paper Leak Law Haryana) को पास कर दिया है. इस कानून के तहत पेपर लीक करने के मामले में दोषी पाए जाने पर 7 से 10 साल तक की सजा और ₹10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है.
इस कानून को लेकर हमने पंजाब एंड हरियाणा हाई (Punjab Haryana High Court) कोर्ट में वकील अशोक शर्मा से बात की. सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए अशोक शर्मा ने कहा कि सरकार का ये कदम बहुत ही सराहनीय है. सरकार में इस कानून के जरिए पेपर लीक करने वाले दोषियों के लिए जो सजा और जुर्माना निर्धारित किया है वो काफी सख्त है. इससे इस तरह का अपराध करने वाले लोगों में डर जरूर बढ़ेगा और वो इस तरह का अपराध करने से पहले सौ बार सोचेंगे.
अशोक शर्मा ने कहा कि अभी तक धारा 420 के तहत भी अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने पेपर लीक मामले में धारा 420 से भी ज्यादा सजा मुकर्रर की है. इस कानून के आने के बाद पेपर लीक के मामले जरूर कम होंगे.
नकल विरोधी कानून को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने ये कानून बनाकर भी अच्छा कदम उठाया है. जिससे नकल करने और कराने वाले को भी सजा दी जाएगी. वकील ने बताया कि कई छात्र परीक्षा में पास होने के लिए अपनी जगह पर दूसरे लोगों को बैठा देते हैं या नकल करने के अन्य तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. नकल विरोधी कानून आने से इस पर अंकुश लगेगा, क्योंकि उन्हें ये डर होगा कि अगर वे पकड़े गए तो वे 2 साल तक के लिए किसी भी सरकारी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे.
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इस कानून में भी ऐसे छात्रों के लिए 2 से 10 साल तक की सजा और ₹5000 जुर्माने का प्रावधान है. वकील ने कहा कि सरकार ने पेपर लीक के मामले रोकने और नकल विरोधी कानून पास कर एक अच्छा काम किया है. जिससे कोई भी छात्र पैसे के दम पर नौकरी हासिल नहीं कर पाएगा, बल्कि जो छात्र मेहनत करके परीक्षा की तैयारी करेगा. वही परीक्षा पास कर नौकरी भी हासिल करेगा.