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कोरोना से जंग में एंटीबॉडी कॉकटेल बना नया हथियार, डॉक्टर से जानिए किन मरीजों पर होगा इसका असर - chandigarh pgi antibody cocktail

कोरोना से जंग में एंटीबॉडी कॉकटेल (antibody cocktail) को नए हथियार के रूप में देखा जा रहा है. अब भारत में भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है. बताया ये भी जा रहा है कि ये कोरोना के नए वैरिएंट (coronavirus new variant) पर भी कारगर साबित होगी. इसी दवा के बारे में और जानने के लिए हमारी टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के वरिष्ठ डॉक्टर जी.डी पूरी से बात की.

antibody cocktail medicine for coronavirus patients treatment
antibody cocktail medicine for coronavirus patients treatment
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Published : May 28, 2021, 10:05 AM IST

चंडीगढ़: कोरोना को लेकर दुनियाभर के अलग-अलग संस्थानों में रिसर्च जारी है. वायरस के इलाज के लिए नई-नई दवाइयों को इस्तेमाल में लाया जा रहा है. इसी बीच अब एक और दवा आ चुकी है जिसे एंटीबॉडी कॉकटेल (antibody cocktail) कहा जाता है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये दवा कोरोना संक्रमित (corona positive) मरीज की जान बचा सकती है. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर जी.डी पूरी से बातचीत की.

डॉक्टर पूरी ने बताया कि इस दवा का निर्माण स्विट्जरलैंड की एक कंपनी करती है. ये दवा मरीजों की जान बचाने में काफी हद तक सक्षम है. ये दवा उन मरीजों को दी जा सकती है जो मरीज कोविड पॉजिटिव आने के साथ-साथ कई अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं.

क्या है एंटीबॉडी कॉकटेल, कैसे बचा रही है कोरोना मरीजों की जान? डॉक्टर से जानिए सब कुछ

ये भी पढे़ं- भारत में पहली बार हरियाणा के मरीज को दी गई एंटीबॉडी कॉकटेल, ट्रंप के इलाज में हुआ था इस्तेमाल

डॉक्टर ने उदाहरण देते हुए बताया कि जिन मरीजों को डायबिटीज है और साथ ही साथ दिल, लीवर या किडनी की कोई बीमारी है, तो ऐसे मरीजों पर कोरोना का ज्यादा प्रभाव पड़ता है. ऐसे मरीजों का शरीर कोरोना को नहीं झेल पाता. इन्हीं मरीजों को एंटीबॉडी कॉकटेल दी जा सकती है.

मरीज को दवा कब दी सकती है?

डॉ. पूरी ने बताया कि ये दवा कोरोना के शुरुआती दिनों में ही दी जानी जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है और उसकी हालत गंभीर नहीं है, ऐसे मरीज को ये दवा तुरंत दी जानी चाहिए, ताकि उसके शरीर में संक्रमण ज्यादा ना बढ़े. डॉक्टर ने बताया कि अगर मरीज गंभीर है अस्पताल में भर्ती है, तो उसे ये दवा नहीं दी जानी चाहिए. इस दवा का असर गंभीर मरीजों पर ना के बराबर होता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा ने कोरोना वैक्सीन के लिए 1 करोड़ डोज का किया ग्लोबल टेंडर, ब्लैक फंगस से निपटने के लिए भी तैयार सरकार

'दवाओं की कालाबाजारी रोकना जरूरी'

कोरोना काल में दवाओं की खूब कालाबाजारी हो रही है. एंटीबॉडी कॉकटेल की कीमत भी 60 हजार रुपये प्रति डोज बताई जा रही है. डॉक्टर पूरी कहते हैं कि अभी दवा की कालाबाजारी हुई तो काफी समस्या हो सकती है. कालाबाजारी से दवा की कीमत काफी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि कालाबाजारी को रोका जा सके.

चंडीगढ़: कोरोना को लेकर दुनियाभर के अलग-अलग संस्थानों में रिसर्च जारी है. वायरस के इलाज के लिए नई-नई दवाइयों को इस्तेमाल में लाया जा रहा है. इसी बीच अब एक और दवा आ चुकी है जिसे एंटीबॉडी कॉकटेल (antibody cocktail) कहा जाता है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये दवा कोरोना संक्रमित (corona positive) मरीज की जान बचा सकती है. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर जी.डी पूरी से बातचीत की.

डॉक्टर पूरी ने बताया कि इस दवा का निर्माण स्विट्जरलैंड की एक कंपनी करती है. ये दवा मरीजों की जान बचाने में काफी हद तक सक्षम है. ये दवा उन मरीजों को दी जा सकती है जो मरीज कोविड पॉजिटिव आने के साथ-साथ कई अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं.

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मरीज को दवा कब दी सकती है?

डॉ. पूरी ने बताया कि ये दवा कोरोना के शुरुआती दिनों में ही दी जानी जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है और उसकी हालत गंभीर नहीं है, ऐसे मरीज को ये दवा तुरंत दी जानी चाहिए, ताकि उसके शरीर में संक्रमण ज्यादा ना बढ़े. डॉक्टर ने बताया कि अगर मरीज गंभीर है अस्पताल में भर्ती है, तो उसे ये दवा नहीं दी जानी चाहिए. इस दवा का असर गंभीर मरीजों पर ना के बराबर होता है.

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'दवाओं की कालाबाजारी रोकना जरूरी'

कोरोना काल में दवाओं की खूब कालाबाजारी हो रही है. एंटीबॉडी कॉकटेल की कीमत भी 60 हजार रुपये प्रति डोज बताई जा रही है. डॉक्टर पूरी कहते हैं कि अभी दवा की कालाबाजारी हुई तो काफी समस्या हो सकती है. कालाबाजारी से दवा की कीमत काफी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि कालाबाजारी को रोका जा सके.

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