नई दिल्ली/चंडीगढ़: खोरी गांव तोड़फोड़ (Khori Village Demolition) मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका मामले से जुड़ी अन्य याचिकाओं के साथ टैग कर दी गई है. इन सभी याचिकाओं पर एक साथ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (Khori Village Supreme Court Hearing) होगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से फरीदाबाद खोरी गांव में प्रशासन की ओर से तोड़फोड़ (Khori Village Demolition) जारी है.
अबतक सैकड़ों मकानों को धराशायी किया जा चुका है. तोड़फोड़ की कार्रवाई बिना किसी रुकावट के जारिए रहे इसके लिए अब प्रशासन ने खोरी गांव आने वाले सभी रास्तों को भी बंद कर दिया है. साथ ही खोरी गांव में आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि फरीदाबाद पुलिस की ओर से दिल्ली की तरफ से आने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है और फरीदाबाद सूरजकुंड रोड से गुरुग्राम की तरफ आने वाली सड़क पर भी बैरिकेडिंग की गई है.
आज यानी 19 जुलाई तक प्रशासन को खोरी गांव में तोड़फोड़ पूरी रिपोर्ट सुप्रीप कोर्ट में पेश करनी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से गूगल मैप के जरिए भी तोड़फोड़ की तस्वीर मांगी गई है, जो प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनोती है. ऐसे में प्रशासन ने किसी को भी गांव के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी है. यहां पर ये भी बता दें कि खोरी गांव में बिजली और पानी का कनेक्शन पहले ही काटा जा चुका है और मोबाइल नेटवर्क भी बंद कर दिए गए हैं.
पूरा मामला ये है कि फरीदाबाद में अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया था. जमीन माफिया ने औने-पौने दाम पर प्रतिबंधित वन जमीन को बेचा था. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. यहां करीब 10 हजार मकान बने हैं. जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तोड़ा जा रहा है.