चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के मंत्री संदीप सिंह पर लगे छेड़छाड़ का मामला सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है. मंत्री के खिलाफ खाफ पंचायतों के विरोध ने बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर दी है. मंत्री संदीप सिंह ने महिला कोच के आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताते हुए इस राजनीति से प्रेरित बताया था. अब मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ खाप पंचायतें ( Khap Panchayat Against Sandeep Singh) और कई सामाजिक संगठन उतर आये हैं. इस मामले में खाप पंचायतों की एंट्री से मामला सियासी तौर पर गरमा गया है.
5 जनवरी को चरखी दादरी में फोगाट खाप की बैठक हुई. फोगाट खाप ने संदीप सिंह को जल्द से जल्द बर्खास्त करने की मांग की. सरकार को खापों ने सोमवार तक का अल्टीमेटम भी दिया है. खाप नेताओं का कहना है कि अगर संदीप सिंह पर कार्रवाई नहीं हुई तो महापंचायत बुलाकर कड़े फैसले लेंगे. इससे पहले 2 जनवरी को झज्जर में धनखड़ खाप (Dhankhar Khap on Sandeep Singh) की पंचायत हो चुकी है. धनखड़ खाप ने पीड़ित महिला कोच का समर्थन करते हुए फैसला लिया गया कि सरकार जल्द से जल्द पीड़िता को न्याय दिलाए. धनखड़ खाप ने ऐलान किया कि अगर संदीप सिंह को मंत्री पद से हटाकर गिरफ्तार नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन शोषण (Sandeep Singh Molestation Case) मामले में खापों द्वारा लगातार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि सार्वजनिक पदों पर जो भी आसीन होता है उसका जीवन सुचिता वाला होना चाहिए. लेकिन जब उस पर इस तरीके के आरोप लगते हैं तो समाज में उसके खिलाफ आवाज उठना लाजमी है. गुरमीत सिंह ने कहा कि संदीप सिंह पर जिस तरीके के आरोप लगे हैं उसमें सरकार को भी जल्द कार्रवाई कर दूध का दूध पानी का पानी कर देना चाहिए.
गुरमीत सिंह कहते हैं कि इस तरीके के मामले में देरी होती है तो समाज में गलत संदेश जाता है. उसी का परिणाम है कि सभी खापें इस मामले में संदीप सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है. गुरमीत सिंह का ये भी मानना है कि हरियाणा में खापों का समाज में बड़ा असर है. खापें हमेशा सामाजिक मुद्दों पर मुखर रही हैं. ऐसे में सरकार के एक मंत्री पर छेड़छाड़ का आरोप लगने से खापों में गुस्सा है, जो सरकार के लिए मुश्किल बन सकता है.
हरियाणा सरकार में मंत्री और छेड़छाड़ के आरोपी संदीप सिंह कुरुक्षेत्र के पिहोवा सीट से विधायक हैं. कुरुक्षेत्र और आस पास के जिलों में सिख और पंजाबी आबादी बड़ी संख्या में है. सीएम मनोहर लाल खट्टर खुद भी पंजाबी समुदाय से आते हैं. हरियाणा की राजनीति में जातीय और सामुदायिक समीकरण बेहद अहम हैं. कुरुक्षेत्र में सिख समुदाय करीब 15 प्रतिशत है. संदीप सिंह सरकार में अकेले सिख मंत्री हैं. कुरुक्षेत्र में 4 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से दो बीजेपी के पास हैं. यहां सिख और पंजाबी समुदाय निर्णायक संख्या में है.
हरियाणा में जाट और गैर जाट का मुद्दा पुराना है. 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा ने इस मुद्दे को और बड़ा कर दिया. फरवरी 2016 में जाट आरक्षण के लिए आंदोलन कर रही भीड़ हिंसक हो गई. रोहतक समेत कई शहरों में आगजनी हुई. सैकड़ों दुकानें और सरकारी प्रतिष्ठान जला दिये गये. पुलिस की गोलीबारी में 32 लोग मारे गये. हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार को सेना बुलानी पड़ी.
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि हिंसक आंदोलन के बाद जाट गौर जाट की खाई और चौड़ी हुई. जाट और गैर जाट समुदाय इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराता रहा. हिंसा में जलाई गई ज्यादातर दुकानें गैर जाटों की थी. जाट समुदाय ने सरकार पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाया. ग्रामीण इलाकों में नेताओं ने इसको मुद्दा बनाकर वोट मांगा. खुले मंच से भले सभी ने बोलने से परहेज किया हो लेकिन अंदरूनी तौर पर इसको सभी ने भुनाया. इसलिए संदीप सिंह के मामले में खाप पंचायतों के विरोध प्रदर्शन को कुछ लोग इस नजरिये से भी देख रहे हैं.
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प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जहां तक राजनीतिक तौर पर इस मामले का सवाल है, तो निश्चित तौर पर ही इसका असर सरकार के खिलाफ जायेगा. विपक्ष भी लगातार इस मामले में सरकार को घेर रहा है. इन हालातों में सरकार को सवालों का जवाब तो देना ही होगा.
संदीप सिंह पर छेड़छाड़ मामला- 29 दिसंबर 2022 को एक महिला नेशनल एथलीट और जूनियर कोच ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस इनेलो की ऑफिस में की गई. महिला कोच ने हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर छेड़छाड़ समेत कई गंभीर आरोप लगाये. जूनियर कोच ने कहा कि, खेल मंत्री ने इंस्टाग्राम के जरिए उससे कॉन्टैक्ट किया था. संदीप सिंह ने कहा कि मेरी बात मानने पर सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी. जब बात नहीं मानी तो उसका तबादला कर दिया गया और ट्रेनिंग तक रोक दी गई. पीड़िता के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले घटना की शिकायत के लिए डीजीपी कार्यालय, सीएम हाउस और गृह मंत्री अनिल विज हर स्तर पर प्रयास किया. पीड़िता ने संदीप सिंह पर रेप और रेप के प्रयास की धारा (376 और 511) लगाने की भी मांग की है. फिलहाल पुलिस ने संदीप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. महिला और संदीप सिंह को आमने सामने बैठाकर भी पूछताछ हो चुकी है.
पीड़ित महिला कोच का समर्थन करते हुए इनेलो नेता अभय चौटाला ने मंत्री पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. अभय चौटाला ने इस मामले में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा से भी बात की थी. शायद इसीलिए संदीप सिंह ने छेड़छाड़ के आरोप को राजनीति से प्रेरित बताया है. हलांकि का कहना है कि वो अभय चौटाला के पास राजनीतिक पार्टी के नेता के तौर पर नहीं गई बल्कि इसलिए गई क्योंकि वो इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.
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