चंडीगढ़/देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने लगातार दूसरे साल कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है. इसके मद्देनजर देशभर से धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में 8 राज्यों के पुलिस आलाधिकारियों की इस मुद्दे को लेकर बैठक भी हुई. इस बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे 8 राज्यों के आईजी इंटेलिजेंस स्तर के भी अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
जबरन घुसने पर होगा मुकदमा
बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि अपने-अपने राज्यों में थाना स्तर पर सोशल मीडिया सहित अन्य तरीकों के प्रचार-प्रसार का सहारा लेकर कांवड़ मेला प्रतिबंध के बारे में जागरूक किया जाएगा. वहीं कांवड़ मेला रद्द होने के बावजूद भी अगर बाहरी राज्यों से कांवड़ियों के जबरन उत्तराखंड में प्रवेश करने की बात सामने आती है तो ऐसी सूरत में आपदा व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत ना सिर्फ मुकदमा दर्ज किया जाएगा बल्कि 14 दिन के लिए क्वारंटाइन भी किया जाएगा.
बड़ी संख्या में हरियाणा से जाते हैं श्रद्धालु
बता दें कि, 23 जुलाई से 6 अगस्त तक चलने वाला कांवड़ मेला पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है. उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक पिछले वर्षों की बात करें तो लगभग 31% कांवड़ मेला में शिरकत करने वाले श्रद्धालु हरियाणा राज्य से उत्तराखंड पहुंचते हैं. वहीं, 27% श्रद्धालु उत्तर प्रदेश से सावन पर कांवड़ लेने आते हैं.
अनुमति से ले जा सकते हैं गंगाजल
कावड़ मेला रद्द होने के कारण पुलिस प्रशासन ने गंगाजल को लेकर नई व्यवस्था बनाई है. बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी राज्य के स्थानीय लोग अगर सावन में हरिद्वार के गंगाजल द्वारा ही जल अभिषेक करना चाहते हैं तो वहां के थाने स्तर पर समिति बनाकर अनुमति लेकर एक टैंकर के जरिए हरिद्वार से गंगाजल ले जा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए टैंकर का खर्च श्रद्धालुओं को खुद ही वहन करना होगा.
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