चंडीगढ़: निकाय चुनाव में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन का उतना दबदबा देखने को नहीं मिला, जितना सरकार दावा कर रही थी. बात अगर बीजेपी की साथी जेजेपी की जाए तो उनके के लिए नगर पालिका चुनाव अच्छा नहीं गया.
धारूहेड़ा नगर पालिका के चेयरमैन पद के लिए कड़े संघर्ष में निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व सरपंच कंवर सिंह ने 632 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. वहीं हैरत की बात ये है कि जिस जेजेपी-बीजेपी संयुक्त प्रत्याशी को सबसे आगे माना जा रहा था, वो इस चुनावी लड़ाई में छठे स्थान तक खिसक गए. चुनाव में जीत हासिल करने वाले कंवर सिंह को 3,048 वोट मिले तो वहीं जेजेपी प्रत्याशी राव मान सिंह को महज 1657 वोट ही मिले.
1. कंवर सिंह (निर्दलीय) | 3,048 वोट |
2. संदीप बोहरा (निर्दलीय) | 2,416 वोट |
3. बाबूलाल (निर्दलीय) | 2,280 वोट |
4. कुमारी राज (निर्दलीय) | 2,160 वोट |
5. खेमचंद (निर्दलीय) | 2,061 वोट |
6. राव मानसिंह (जेजेपी) | 1,657 वोट |
वहीं बात की जाए हिसार जिले के उकलाना की तो वहां भी जेजेपी की हालत बेहद खराब दिखी. यहां भी जेजेपी को हार का सामना करना पड़ा. उकलाना में निर्दलीय उम्मीदवार सुशील साहुवाला को जीत मिली और उन्हें 2,993 वोट मिले. जेजेपी प्रत्याशी महेंद्र सोनी को 2,574 वोट ही मिले हैं. हालांकि उकलाना में जेजेपी प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे.
| 2,993 वोट |
2. महेंद्र सोनी (जेजेपी) | 2,574 वोट |
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ये कहना गलत नहीं होगा कि किसान आंदोलन का असर इन चुनावों पर दिखाई दिया है. जिस तरह से प्रदेश के कई जगहों पर चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी-जेजेपी के नेताओं का विरोध किया जा रहा था. उसी से ही अंदाजा लग गया था कि इस बार सरकार के लिए चुनावी मैदान में बाजी मारना आसान नहीं होने वाला.