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जश हत्याकांड: आपके परिवार में भी हो सकता है कोई खतरनाक मानसिक रोगी, मनोचिकित्सक से जानिए कैसे करें जानलेवा हरकत की पहचान - जश हत्याकांड मानसिक रोगी चाची

करनाल जश हत्याकांड (Jash murder case Karnal) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. जहां मानसिक रोगी महिला ने अपने ही 5 साल के भतीजे के बेरहमी से हत्या कर दी. ऐसे मानसिक रोगी आपके और हमारे बीच या परिवार में भी हो सकते हैं, लेकिन ये कितने खतरनाक हो सकते हैं इसकी पहचान कैसे करें. पढ़िए...

Jash murder case Karnal
Jash murder case Karnal
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Published : Apr 15, 2022, 10:18 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 6:12 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल में हुए जश हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. 5 साल के बच्चे जश की हत्या का आरोप उसकी चाची पर ही लगा है. आरोप के मुताबिक जश अपने चाचा चाची घर पर खेल रहा था और तब किसी बात पर नाराज होकर उसकी चाची ने मोबाइल चार्जर की तार से उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. एक 5 साल के छोटे बच्चे की हत्या की इस घटना के बाद पूरे देश में ना सिर्फ लोगों ने दुख महसूस किया बल्कि आरोपी के लिए गुस्सा भी जाहिर किया.

पुलिस जांच में ये सामने आया कि आरोपी महिला मानसिक रोगी है और पिछले कई सालों से उसका इलाज भी चल रहा था. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि मानसिक रोगी तो किसी भी घर में हो सकता है, जहां पर परिवार के सदस्य उसके साथ रह रहे होते हैं, लेकिन क्या कोई मानसिक रोगी इतना ज्यादा बीमार भी हो सकता है कि वह किसी अपने की हत्या भी कर सकता है और अगर ऐसा है तो यह कैसे पता चलेगा कि कोई मानसिक रोगी किस हद तक बीमार हो चुका है.

आपके परिवार में भी हो सकता है कोई खतरनाक मानसिक रोगी, मनोचिकित्सक से जानिए कैसे करें जानलेवा हरकत की पहचान

इस बारे में हमने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल सेक्टर-32 (जीएमसीएच 32) के मनोरोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रीति अरुण से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि मानसिक रोगी कई तरह के होते हैं और ऐसा नहीं है कि हर मानसिक रोगी इस तरह की घटना को अंजाम दे. ज्यादातर मामलों में मानसिक रोगी हत्या जैसे संगीन अपराध नहीं कर सकते. करनाल में जो मामला सामने आया है उसे देखकर ऐसा लगता है कि आरोपी महिला गंभीर मानसिक रोगी है. ऐसे मरीज साइकोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित होते हैं, जिन्हें गंभीर मानसिक रोगी माना जाता है.

ये भी पढ़ें- करनाल जश हत्याकांड: अपने पति को भी मारने की कोशिश कर चुकी है आरोपी अंजली, घुमा दी थी गाड़ी

उन्होंने बताया कि कई साल पहले उनके सामने भी एक ऐसा मामला आया था जब एक मानसिक रोगी ने अपने घर के सदस्य को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी. इस तरह मानसिक रोगी अपने मन में कई तरह के वहम पाल लेते हैं या कई मरीजों को ऐसा लगता है कि सामने वाला व्यक्ति उसे नुकसान पहुंचा सकता है और इसी तरह के वहमों के चलते वह दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है. ऐसे केस में एक बात सबसे जरूरी है कि बीमार व्यक्ति का इलाज लगातार चलता रहना चाहिए, उसका इलाज रुकना नहीं चाहिए.

उन्होंने बताया कि लोग अलग-अलग तरह के वहम करते हैं. कई छोटे वहम होते हैं और कई वहम बड़े होते हैं. कई बार लोग बार-बार सफाई में लगे रहते हैं, यह बार-बार हाथ धोते हैं या बार-बार घर के ताले चेक करते हैं. इस तरह के छोटे छोटे वहम कई मानसिक रोगियों में आम तौर पर देखे जाते हैं, लेकिन साइकोसिस की बीमारी में लोग इस तरह के भ्रम में पड़ जाते हैं जो वास्तविकता से बिल्कुल अलग होते हैं. मरीज वास्तविकता से बिल्कुल दूर हो जाता है. उनके सामने जो एक इस तरह का केस आया था उसमें व्यक्ति को ऐसा वहम हो गया था अगर एक व्यक्ति का खून दूसरे के शरीर में डाला जाएगा तो उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी. इस तरह के भ्रम वास्तविकता से बिल्कुल अलग होते हैं.

ये भी पढ़ें- Jash murder case Karnal: तीनों आरोपी महिलाओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

करनाल में सामने आए मामले को लेकर उन्होंने कहा कि आमतौर पर जो मानसिक रोगी होते हैं उन्हें घबराहट और डिप्रेशन की समस्या होती है. जिन मरीजों को साइकोसिस होता है उन्हें गंभीर मानसिक रोगी माना जाता है, लेकिन उनमें से भी ऐसे रोगी बेहद कम होते हैं जो किसी दूसरे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनकी संख्या मात्र 1% कही जा सकती है. करनाल केस में आरोपी महिला की स्थिति के बारे में साफ नहीं कहा जा सकता कि उसने इस अपराध को अंजाम क्यों दिया. इस मामले में जो भी मनोचिकित्सक शामिल किए गए होंगे वह जांच के बाद स्थिति को साफ कर पाएंगे.

प्रोफेसर प्रीति अरुण ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि कौन सा मानसिक रोगी अपने ही परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि ज्यादातर मानसिक रोगी तो ऐसे होते हैं जिन्हें लगता है कि सामने वाला व्यक्ति कहीं उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा दें इसलिए वे हमेशा डरे-डरे रहते हैं. इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि मानसिक रोगी का इलाज जिस डॉक्टर से करवाया जा रहा हो उसके परिवार वाले उसी डॉक्टर से इस बारे में बात करें कि उसकी स्थिति क्या है और उसका रोग कितना बड़ा है. वह डॉक्टर ही उसके परिवार वालों को यह बात स्पष्ट कर सकता है. मानसिक रोगी किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचाएं यह बात तो जरूरी है ही, साथ ही ये भी जरूरी है कि वह कहीं अपने आप को नुकसान न पहुंचा लें, इसलिए दोनों बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्या है जश हत्याकांड करनाल- घटना करनाल के कमालपुर रोड़ान गांव की है. 5 अप्रैल की दोपहर में जश अपनी मां से पैसा लेकर खाने की चीज खरीदने के लिए निकला था. उसके बाद वो लापता हो गया. बाद में परिवार के विकास ने शिकायत दी कि उसके ताऊ के लड़के रामफल का पांच साल का बच्चा जश सुबह 11:30 बजे से गायब है. जश के घरवालों ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक बाबा पर शक जाहिर किया. सीसीटीवी फुटेज में बाबा की चाल और थैले की बड़ी साइज को देखकर सबको उसी पर शक हुआ.

पुलिस ने इस मामले में संदिग्ध बाबा को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान बाबा की भूमिका नहीं पाई गई. इसके बाद गांव में पुलिस ने गांव वालों के साथ सर्च अभियान चलाया. 6 अप्रैल सुबह पुलिस के सर्च अभियान में 10 से 12 घरों की तलाशी बाकी थी. इसी दौरान बच्चे का शव पड़ोस के घर में जानवरों के लिए बनी टीन की छत पर फेंक दिया गया. टीन की छत पर बच्चे के गिरते ही हड़कंप मच गया. पशुओं को चारा डाल रही महिला कौशल्या ने शोर मचाना शुरू किया तो लोग मौके पर पहुंचे. इस हत्या के आरोप में पुलिस ने जश की चाची अंजली को गिरफ्तार किया था. इस मामले में एसआईटी टीम द्वारा बुधवार को दो और महिला आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दोनों महिला आरोपियों के संबंध में जांच में ये खुलासा हुआ कि दोनों ने सबूत मिटाने के लिये बच्चे के शव को अपनी छत से पड़ोसी के घर की छत पर फेंक दिया था.

ये भी पढ़ें- Jash murder case Karnal: जश हत्याकांड में दो और गिरफ्तारी, दोनों परिवार के, हुआ बड़ा खुलासा

चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल में हुए जश हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. 5 साल के बच्चे जश की हत्या का आरोप उसकी चाची पर ही लगा है. आरोप के मुताबिक जश अपने चाचा चाची घर पर खेल रहा था और तब किसी बात पर नाराज होकर उसकी चाची ने मोबाइल चार्जर की तार से उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. एक 5 साल के छोटे बच्चे की हत्या की इस घटना के बाद पूरे देश में ना सिर्फ लोगों ने दुख महसूस किया बल्कि आरोपी के लिए गुस्सा भी जाहिर किया.

पुलिस जांच में ये सामने आया कि आरोपी महिला मानसिक रोगी है और पिछले कई सालों से उसका इलाज भी चल रहा था. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि मानसिक रोगी तो किसी भी घर में हो सकता है, जहां पर परिवार के सदस्य उसके साथ रह रहे होते हैं, लेकिन क्या कोई मानसिक रोगी इतना ज्यादा बीमार भी हो सकता है कि वह किसी अपने की हत्या भी कर सकता है और अगर ऐसा है तो यह कैसे पता चलेगा कि कोई मानसिक रोगी किस हद तक बीमार हो चुका है.

आपके परिवार में भी हो सकता है कोई खतरनाक मानसिक रोगी, मनोचिकित्सक से जानिए कैसे करें जानलेवा हरकत की पहचान

इस बारे में हमने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल सेक्टर-32 (जीएमसीएच 32) के मनोरोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रीति अरुण से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि मानसिक रोगी कई तरह के होते हैं और ऐसा नहीं है कि हर मानसिक रोगी इस तरह की घटना को अंजाम दे. ज्यादातर मामलों में मानसिक रोगी हत्या जैसे संगीन अपराध नहीं कर सकते. करनाल में जो मामला सामने आया है उसे देखकर ऐसा लगता है कि आरोपी महिला गंभीर मानसिक रोगी है. ऐसे मरीज साइकोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित होते हैं, जिन्हें गंभीर मानसिक रोगी माना जाता है.

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उन्होंने बताया कि कई साल पहले उनके सामने भी एक ऐसा मामला आया था जब एक मानसिक रोगी ने अपने घर के सदस्य को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी. इस तरह मानसिक रोगी अपने मन में कई तरह के वहम पाल लेते हैं या कई मरीजों को ऐसा लगता है कि सामने वाला व्यक्ति उसे नुकसान पहुंचा सकता है और इसी तरह के वहमों के चलते वह दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है. ऐसे केस में एक बात सबसे जरूरी है कि बीमार व्यक्ति का इलाज लगातार चलता रहना चाहिए, उसका इलाज रुकना नहीं चाहिए.

उन्होंने बताया कि लोग अलग-अलग तरह के वहम करते हैं. कई छोटे वहम होते हैं और कई वहम बड़े होते हैं. कई बार लोग बार-बार सफाई में लगे रहते हैं, यह बार-बार हाथ धोते हैं या बार-बार घर के ताले चेक करते हैं. इस तरह के छोटे छोटे वहम कई मानसिक रोगियों में आम तौर पर देखे जाते हैं, लेकिन साइकोसिस की बीमारी में लोग इस तरह के भ्रम में पड़ जाते हैं जो वास्तविकता से बिल्कुल अलग होते हैं. मरीज वास्तविकता से बिल्कुल दूर हो जाता है. उनके सामने जो एक इस तरह का केस आया था उसमें व्यक्ति को ऐसा वहम हो गया था अगर एक व्यक्ति का खून दूसरे के शरीर में डाला जाएगा तो उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी. इस तरह के भ्रम वास्तविकता से बिल्कुल अलग होते हैं.

ये भी पढ़ें- Jash murder case Karnal: तीनों आरोपी महिलाओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

करनाल में सामने आए मामले को लेकर उन्होंने कहा कि आमतौर पर जो मानसिक रोगी होते हैं उन्हें घबराहट और डिप्रेशन की समस्या होती है. जिन मरीजों को साइकोसिस होता है उन्हें गंभीर मानसिक रोगी माना जाता है, लेकिन उनमें से भी ऐसे रोगी बेहद कम होते हैं जो किसी दूसरे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनकी संख्या मात्र 1% कही जा सकती है. करनाल केस में आरोपी महिला की स्थिति के बारे में साफ नहीं कहा जा सकता कि उसने इस अपराध को अंजाम क्यों दिया. इस मामले में जो भी मनोचिकित्सक शामिल किए गए होंगे वह जांच के बाद स्थिति को साफ कर पाएंगे.

प्रोफेसर प्रीति अरुण ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि कौन सा मानसिक रोगी अपने ही परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि ज्यादातर मानसिक रोगी तो ऐसे होते हैं जिन्हें लगता है कि सामने वाला व्यक्ति कहीं उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा दें इसलिए वे हमेशा डरे-डरे रहते हैं. इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि मानसिक रोगी का इलाज जिस डॉक्टर से करवाया जा रहा हो उसके परिवार वाले उसी डॉक्टर से इस बारे में बात करें कि उसकी स्थिति क्या है और उसका रोग कितना बड़ा है. वह डॉक्टर ही उसके परिवार वालों को यह बात स्पष्ट कर सकता है. मानसिक रोगी किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचाएं यह बात तो जरूरी है ही, साथ ही ये भी जरूरी है कि वह कहीं अपने आप को नुकसान न पहुंचा लें, इसलिए दोनों बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्या है जश हत्याकांड करनाल- घटना करनाल के कमालपुर रोड़ान गांव की है. 5 अप्रैल की दोपहर में जश अपनी मां से पैसा लेकर खाने की चीज खरीदने के लिए निकला था. उसके बाद वो लापता हो गया. बाद में परिवार के विकास ने शिकायत दी कि उसके ताऊ के लड़के रामफल का पांच साल का बच्चा जश सुबह 11:30 बजे से गायब है. जश के घरवालों ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक बाबा पर शक जाहिर किया. सीसीटीवी फुटेज में बाबा की चाल और थैले की बड़ी साइज को देखकर सबको उसी पर शक हुआ.

पुलिस ने इस मामले में संदिग्ध बाबा को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान बाबा की भूमिका नहीं पाई गई. इसके बाद गांव में पुलिस ने गांव वालों के साथ सर्च अभियान चलाया. 6 अप्रैल सुबह पुलिस के सर्च अभियान में 10 से 12 घरों की तलाशी बाकी थी. इसी दौरान बच्चे का शव पड़ोस के घर में जानवरों के लिए बनी टीन की छत पर फेंक दिया गया. टीन की छत पर बच्चे के गिरते ही हड़कंप मच गया. पशुओं को चारा डाल रही महिला कौशल्या ने शोर मचाना शुरू किया तो लोग मौके पर पहुंचे. इस हत्या के आरोप में पुलिस ने जश की चाची अंजली को गिरफ्तार किया था. इस मामले में एसआईटी टीम द्वारा बुधवार को दो और महिला आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दोनों महिला आरोपियों के संबंध में जांच में ये खुलासा हुआ कि दोनों ने सबूत मिटाने के लिये बच्चे के शव को अपनी छत से पड़ोसी के घर की छत पर फेंक दिया था.

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Last Updated : Apr 22, 2022, 6:12 PM IST
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