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Tree Man Of Haryana: चंडीगढ पुलिस का ये कांस्टेबल बैंक से लोन लेकर कर रहा पौधारोपण

कभी आपने ऐसे पुलिसवाले के बारे में सुना है जो इमानदारी के साथ जनता की सेवा तो करता ही है, इसके साथ ही पेड़-पौधों की भी रक्षा करता है. ईटीवी भारत की टीम ने एक ऐसे ही पुलिसकर्मी से खास मुलाकात की जो अपनी पुलिस की ड्यूटी के साथ-साथ पूरे हरियाणा को हरा-भरा बनाने का बीड़ा उठाया है, और अपने इसी काम की वजह से वो हरियाणा के ट्री मैन (Tree Man Of Haryana) के तौर पर जाने जाते हैं.

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चंडीगढ का पुलिसकर्मी बना हरियाणा का 'ट्री मैन'
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Published : Dec 7, 2021, 11:07 AM IST

Updated : Dec 7, 2021, 12:52 PM IST

चंडीगढ़: खाकी वर्दी पहने एक जवान की सबसे पहले जिम्मेदारी होती है कि वह अपने समाज और लोगों की रक्षा करे, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस में एक ऐसा जवान भी है जो समाज की रक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करने में भी पीछे नहीं है. चंडीगढ़ पुलिस कांस्टेबल देवेंद्र सूरा एक ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो पिछले करीब 10 सालों से ना सिर्फ पुलिस में रहकर समाज की सेवा कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अभूतपूर्व काम कर रहे हैं. पिछले 10 सालों में देवेंद्र हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में 2 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं और उनका यह सफर अभी जारी है. आज देवेंद्र सूरा हरियाणा के ट्री मैन (Tree Man Of Haryana) के नाम से जाने जाते हैं.

हमने देवेंद्र से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि वह साल 2011 में चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे. जब चंडीगढ़ आए तो उन्होंने देखा कि यह बहुत सुंदर और हरा भरा शहर है, जबकि हरियाणा के शहर ऐसे नहीं हैं. हरियाणा के नाम में तो हरियाली है, लेकिन वास्तविकता में हरियाली खत्म होती जा रही है. इसी बात से प्रेरित होकर उन्होंने हरियाणा को फिर से हरा-भरा करने की ठान ली और तभी से ही उन्होंने पेड़ लगाने शुरू कर दिए. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने गृह जिले सोनीपत से की. उन्होंने पहले सोनीपत में अपने गांव में पेड़ लगाए, फिर शहर की ओर बढ़े. उसके बाद वो हरियाणा के अलग-अलग गांवों में जाकर पेड़ लगाते हैं.

चंडीगढ का पुलिसकर्मी बना हरियाणा का 'ट्री मैन', देखिए वीडियो

सारी सैलरी पेड़ लगाने में करते हैं खर्च: देवेंद्र ने बताया कि पुलिस की नौकरी से मिली सारी सैलरी को वह पेड़ लगाने में ही खर्च कर देते हैं. इसमें उनका परिवार भी उनका पूरा सहयोग करता है. उन्होंने बताया कि वह सामान्य परिवार से आते हैं और उनके परिवार की जरूरतें इतनी कम है कि उन्हें ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं पड़ती. वह खुद भी साइकिल पर ही चलते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता फौज में थे. रिटायर होने के बाद उनकी पेंशन से ही घर चलता है और वह अपनी सैलरी पर्यावरण के लिए खर्च कर देते हैं.

ये पढे़ं- पर्यावरण से प्यार का संदेश दे रही है चंडीगढ़ की ये नर्स, बेकार बोतलों और डब्बों से बना दिया रंग-बिरंगा गार्डन

5 बैंकों से लिया 17 लाख का लोन: देवेंद्र बताते हैं कि उन्हें ज्यादा पेड़ लगाने के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत थी. इसलिए उन्होंने अलग-अलग बैंकों से करीब 17 लाख रुपए का लोन ले रखा है और लोन की सारी राशि को उन्होंने पेड़ लगाने में ही खर्च कर दिया. वह हरियाणा के अलग-अलग गांव में जाते हैं और वहां पर ऑक्सीजन वाले पेड़ लगाते हैं, ताकि पर्यावरण की रक्षा की जा सके.

देवेंद्र ने कहा कि उनके साथ अब और भी बहुत से लोग जुड़ गए हैं. जिससे उनका मिशन अब ज्यादा तेजी से चल रहा है. इस मिशन में चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें पूरा सहयोग करती है. उन्हें जब भी छुट्टियों की जरूरत होती है उन्हें छुट्टियां मिल जाती हैं और अपने साप्ताहिक छुट्टी को भी वह पेड़ लगाने में ही इस्तेमाल करते हैं.

ये पढे़ं- कैथल: लोगों की जिंदगी पर भारी फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकल, पर्यावरण में घुल रहा है जहर

सजावटी नहीं बल्कि भारतीय पेड़ लगाने जरूरी: देवेंद्र ने कहा कि हालांकि अब बहुत से लोग हरियाली की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन कई लोग अपने घरों में या आसपास सजावटी पेड़ पौधे लगाते हैं. वैसे तो यह अच्छी बात है कि वह पेड़-पौधे लगा रहे हैं, लेकिन अगर वह भारतीय प्रजातियों के पीपल, अमलतास, बरगद आदि के पेड़ लगाएंगे तो हमारे पर्यावरण को इससे ज्यादा फायदा होगा. यह पेड़ ज्यादा ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं. वो खुद भी इसी तरह के पेड़ ही लगाते हैं.

देवेंद्र ने कहा कि जिनके घरों में ज्यादा जगह नहीं हैं, वे लोग सजावटी पौधों की जगह तुलसी, एलोवेरा, पुदीना आदि पौधे लगाएं. जिनके औषधीय गुण बहुत ज्यादा हैं. लोग इनके उसके गुणों का फायदा उठा सकते हैं और इसके अलावा इन औषधीय पौधों के बारे में बच्चों को भी बताना चाहिए, जिसेस बच्चे भी इनके गुणों के बारे में सीख सके और इनसे फायदा ले सकें.

ये पढ़ें- ये है करनाल का 4 हजार पेड़-पौधों वाला घर, हर तरफ बिखरी है हरियाली की छटा

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चंडीगढ़: खाकी वर्दी पहने एक जवान की सबसे पहले जिम्मेदारी होती है कि वह अपने समाज और लोगों की रक्षा करे, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस में एक ऐसा जवान भी है जो समाज की रक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करने में भी पीछे नहीं है. चंडीगढ़ पुलिस कांस्टेबल देवेंद्र सूरा एक ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो पिछले करीब 10 सालों से ना सिर्फ पुलिस में रहकर समाज की सेवा कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अभूतपूर्व काम कर रहे हैं. पिछले 10 सालों में देवेंद्र हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में 2 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं और उनका यह सफर अभी जारी है. आज देवेंद्र सूरा हरियाणा के ट्री मैन (Tree Man Of Haryana) के नाम से जाने जाते हैं.

हमने देवेंद्र से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि वह साल 2011 में चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे. जब चंडीगढ़ आए तो उन्होंने देखा कि यह बहुत सुंदर और हरा भरा शहर है, जबकि हरियाणा के शहर ऐसे नहीं हैं. हरियाणा के नाम में तो हरियाली है, लेकिन वास्तविकता में हरियाली खत्म होती जा रही है. इसी बात से प्रेरित होकर उन्होंने हरियाणा को फिर से हरा-भरा करने की ठान ली और तभी से ही उन्होंने पेड़ लगाने शुरू कर दिए. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने गृह जिले सोनीपत से की. उन्होंने पहले सोनीपत में अपने गांव में पेड़ लगाए, फिर शहर की ओर बढ़े. उसके बाद वो हरियाणा के अलग-अलग गांवों में जाकर पेड़ लगाते हैं.

चंडीगढ का पुलिसकर्मी बना हरियाणा का 'ट्री मैन', देखिए वीडियो

सारी सैलरी पेड़ लगाने में करते हैं खर्च: देवेंद्र ने बताया कि पुलिस की नौकरी से मिली सारी सैलरी को वह पेड़ लगाने में ही खर्च कर देते हैं. इसमें उनका परिवार भी उनका पूरा सहयोग करता है. उन्होंने बताया कि वह सामान्य परिवार से आते हैं और उनके परिवार की जरूरतें इतनी कम है कि उन्हें ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं पड़ती. वह खुद भी साइकिल पर ही चलते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता फौज में थे. रिटायर होने के बाद उनकी पेंशन से ही घर चलता है और वह अपनी सैलरी पर्यावरण के लिए खर्च कर देते हैं.

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5 बैंकों से लिया 17 लाख का लोन: देवेंद्र बताते हैं कि उन्हें ज्यादा पेड़ लगाने के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत थी. इसलिए उन्होंने अलग-अलग बैंकों से करीब 17 लाख रुपए का लोन ले रखा है और लोन की सारी राशि को उन्होंने पेड़ लगाने में ही खर्च कर दिया. वह हरियाणा के अलग-अलग गांव में जाते हैं और वहां पर ऑक्सीजन वाले पेड़ लगाते हैं, ताकि पर्यावरण की रक्षा की जा सके.

देवेंद्र ने कहा कि उनके साथ अब और भी बहुत से लोग जुड़ गए हैं. जिससे उनका मिशन अब ज्यादा तेजी से चल रहा है. इस मिशन में चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें पूरा सहयोग करती है. उन्हें जब भी छुट्टियों की जरूरत होती है उन्हें छुट्टियां मिल जाती हैं और अपने साप्ताहिक छुट्टी को भी वह पेड़ लगाने में ही इस्तेमाल करते हैं.

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सजावटी नहीं बल्कि भारतीय पेड़ लगाने जरूरी: देवेंद्र ने कहा कि हालांकि अब बहुत से लोग हरियाली की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन कई लोग अपने घरों में या आसपास सजावटी पेड़ पौधे लगाते हैं. वैसे तो यह अच्छी बात है कि वह पेड़-पौधे लगा रहे हैं, लेकिन अगर वह भारतीय प्रजातियों के पीपल, अमलतास, बरगद आदि के पेड़ लगाएंगे तो हमारे पर्यावरण को इससे ज्यादा फायदा होगा. यह पेड़ ज्यादा ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं. वो खुद भी इसी तरह के पेड़ ही लगाते हैं.

देवेंद्र ने कहा कि जिनके घरों में ज्यादा जगह नहीं हैं, वे लोग सजावटी पौधों की जगह तुलसी, एलोवेरा, पुदीना आदि पौधे लगाएं. जिनके औषधीय गुण बहुत ज्यादा हैं. लोग इनके उसके गुणों का फायदा उठा सकते हैं और इसके अलावा इन औषधीय पौधों के बारे में बच्चों को भी बताना चाहिए, जिसेस बच्चे भी इनके गुणों के बारे में सीख सके और इनसे फायदा ले सकें.

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Last Updated : Dec 7, 2021, 12:52 PM IST
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