चंडीगढ़/नई दिल्लीः एक प्लेसमेंट एजेंसी ने एक गरीब घर की लड़की काे हरियाणा के एक बड़े अफसर के घर काम करने के लिए रखवाया, लेकिन उसे क्या पता था कि अपने परिवार का सहारा बनने के लिए जहां काम करने जा रही है. उस घर में इंसान नहीं हैवान रहते हैं. एक बाउल टूटने की सजा इतनी कठाेर नहीं हाे सकती. पीड़िता के पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. उन्हाेंने बताया कि बाउल टूटने के बाद अधिकारी की पत्नी का व्यवहार बदल गया.
बेटी को दिसंबर जनवरी में घर के एक गड्ढे में पानी डालकर पतला कपड़ा पहना कर घंटो तक खड़ा रहने को बोला जाता था. वह ठंड में ठिठुरती रहती लेकिन उसे बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. हाथ पैर बांधकर उसके साथ पिटाई की जाती थी. खाने में एक दिन बीच करके चार ब्रेड दिया जाता था. लड़की के पिता ने बताया कि चार फरवरी को पीड़िता के पिता के पास एक अनजान नंबर से फोन आया, जिसने बताया कि उनकी बेटी की हालत बहुत बुरी है. पंचकूला में एक राम मंदिर के पास वह अचेत हालत में पड़ी हुई है.
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पीड़िता के परिजन वहां पहुंचे जब तक मंदिर के लोगों ने उन्हें कपड़े देकर उसे मंदिर में ही सुलाया था. पीड़िता के घर वाले वहां पहुंचकर उसे दिल्ली के फतेहपुर बेरी जहां वह रहते हैं, लेकर आ गए. उसके बाद इन लोगों ने यहीं से 100 नंबर पर कॉल करके दिल्ली पुलिस को इस घटना की जानकारी दी. पीड़िता की हालत बेहद खराब थी लिहाजा उसे तुरंत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. घंटों इलाज के बाद भी पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है.
पीड़ित की शिकायत पर फतेहपुर बेरी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की (Zero FIR registered at Fatehpur Beri police station in Delhi) गई. जिसे दिल्ली पुलिस ने हरियाणा पुलिस को जांच के लिए सौंप दिया है.
लड़की के पिता ने बताया कि फरवरी 2021 में बेटी सीनियर अधिकारी के यहां काम करने के लिए गई थी. कुछ दिनों बाद से ही लड़की काे उसके परिजन से फोन पर बात नहीं करने दिया जा रहा था. अक्टूबर 2021 में पीड़िता का पूरा परिवार उनके घर जाकर अपनी बेटी से मिलने की कोशिश की,लेकिन मिलने नहीं दिया गया. उन लाेगाें काे वहां से भगा दिया.