चंडीगढ़: मरीजों की परेशानी कम होने वाली नहीं हैं. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. ओपीडी सेवा तो बंद रहेगी ही इमरजेंसी सेवा भी ठप रहेगी. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन(HCMSA) ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि उनकी मांगे नहीं मांगी गयी तो 29 दिसंबर से सरकारी अस्पताल में कामकाज ठप हो जाएगा. सरकार और HCMSA के बीच बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है.
मरीजों होंगे परेशान: डॉक्टरों की हड़ताल का सीधा असर मरीजों और उनके परिजनों पर पड़ता है. उसमें भी गरीब मरीजों को तो और ज्यादा दिक्कत होती है. 27 दिसंबर को डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा बंद की थी तब स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी थी. अस्पतालों से मरीजों को बैरंग वापस लौटना पड़ा रहा था. दूरदराज के मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी थी. सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू थी. लेकिन कल से तो ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवा भी ठप कर दी जाएगी.
डॉक्टर अपनी मांगो पर अडिग: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान डॉ राजेश ख्यालिया का कहना है कि हम अपने मांगों पर कायम है. 29 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी. ओपीडी के साथ साथ इमरजेंसी सेवा भी बंद कर दी जाएगी. राज्य में हालत बिगड़ते हैं तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. डॉक्टर राजेश ख्यालिया ने बताया कि डॉक्टरों की सभी मुख्य चार मांगें दो साल पुरानी है. दो साल से कोई नई मांग शामिल नहीं की गई है. इनकी मांग है कि डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन हो, गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति (ACP) योजना लागू हो, SMO की सीधी भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए और पीजी के लिए बॉन्ड राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख किया जाए.
सरकार ने हड़ताल को बताया गलत: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डॉक्टरों की हड़ताल को नजायज बताया है. 27 दिसंबर को जो डॉक्टर हड़ताल पर रहे उनकी लिस्ट सभी सिविल सर्जन से मांगी गयी है. डीजी हेल्थ डा. आरएस पूनिया ने जिले के सिविल सर्जने से हड़ताली डॉक्टरों की लिस्ट मांगी है.