चंडीगढ़: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second Wave Of Corona) खत्म होती नजर आ रही है. जानकार इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination In India) को मान रहे हैं. देश में बड़े स्तर पर कोरोना वैक्सीन लगाने का काम जोरों पर चल रहा है. जिसकी वजह से कोरोना के नए केसों में गिरावट देखने मिल रही है. मंगलवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 14,313 नए मामले सामने आए.
पिछले 224 दिन की अवधि में, एक दिन में सामने आए संक्रमण के ये सबसे कम मामले हैं. वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 98.04 प्रतिशत हो गई है. बात हरियाणा की करें तो मंलवार को हरियाणा से सिर्फ 9 नए मरीज सामने आए हैं. इतना ही नहीं प्रदेश के 6 जिले कोरोना मुक्त हो चुके हैं. हरियाणा का रिकवरी रेट (haryana corona recovery rate) राष्ट्रीय रिकवरी रेट से बेहतर है. सूबे का रिकवरी रेट 98.69 फीसदी है. भारत में अभी कोरोना की दो तरह की वैक्सीन लग रही हैं. एक कोविशील्ड और दूसरा को-वैक्सीन. दोनों वैक्सीन के दो-दो डोज लगते हैं.
को-वैक्सीन की पहली डोज (First Dose Of Corona Vaccine) लेने के बाद कम से कम 6 हफ्ते और कोवीशील्ड की पहली डोज लेने के बाद 8 हफ्ते के अंदर दूसरी (Second Dose Of Corona Vaccine) डोज लेनी चाहिए. खबर लिखे जाने तक देश में 96 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है. इसमें से 69 करोड़ से ज्यादा को पहली डोज और 27 करोड़ से ज्यादा लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है.
पहली डोज और दूसरी डोज लगवाने वालों संख्या में अंतर (Second Dose Delayed Of Corona Vaccine ) कहीं ज्यादा है. इससे साफ है कि आधे से ज्यादा लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है. बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनका दूसरी डोज लगवाने का समय पूरा हो चुका है. ऐसे में उन लोगों पर कोरोना का कितना खतरा है? और उनके पास अब डोज लगवाने का क्या विकल्प मौजूद है? इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा ने रेड क्रॉस सोसाइटी के डॉक्टर आरके शर्मा से बात की.
बातचीत में डॉक्टर आरके शर्मा ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए दोनों डोज लगवाने बेहद जरूरी हैं. जिन लोगों ने पहली डोज लगवा ली है. इसका मतलब ये नहीं कि उनको अब कोरोना का खतरा नहीं है. दूसरी डोज लगवाने के बाद ही शरीर में कोरोना के लड़ने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडिज बनती हैं. पहली डोज लगवाने का फायदा ये होता है कि उससे शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होने शुरू होता है. जिससे इम्यूनिटी का स्तर बढ़ता है, लेकिन बूस्टर यानी दूसरी डोज का भी महत्वपूर्ण योगदान है. बूस्टर डोज लगवाने के बाद एंटीबॉडी का स्तर और ज्यादा बढ़ जाता है. जो हमें कोरोना से बचाने में ज्यादा कारगर है. इसीलिए सभी लोगों को दोनों डोज लगवाना जरूरी हैं.
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डॉक्टर आरके शर्मा ने कहा कि बहुत से लोग ऐसे भी हैं. जिन्होंने समय रहते दूसरी डोज नहीं लगवाई. ऐसे में वो लोग ये ना सोचें कि अब वो दूसरी डोज नहीं लगवा सकते. वो अब भी दूसरी डोज लगवा सकते हैं. कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठता है कि समय पूरा होने के बाद क्या उन्हें अब पहली डोज दोबारा लगवानी पड़ेगी? डॉक्टर आरके शर्मा ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई गाइडलाइन सामने नहीं आई है. जिन लोगों ने पहली डोज लगवा रही है. अगर तय वक्त पर वो दूसरी डोज नहीं लगवा पाए. तो वो बिना कोई देरी किए दूसरी डोज लगवा सकते हैं.