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चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण के बाद 180 बिजली कर्मचारियों ने लिया वालंटियर रिटायरमेंट - CHANDIGARH ELECTRICITY DEPARTMENT

बिजली विभाग का निजीकरण हो जाने के बाद 180 कर्मचारियों ने वालंटियर रिटायरमेंट ले लिया है.

CHANDIGARH ELECTRICITY DEPARTMENT
बिजली विभाग का निजीकरण (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 4, 2025, 10:16 PM IST

चंडीगढ़: शहर में बिजली विभाग का निजीकरण हो जाने के बाद 180 कर्मचारियों ने वालंटियर रिटायरमेंट ले लिया है. वहीं 700 से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनी द्वारा चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिया गया है.

कर्मचारियों को 3 कंपनियों में किया गया ट्रांसफर : चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हाल ही में बिजली विभाग को एमिनेंट इलेक्ट्रिकल कंपनी को हैंडओवर किया गया है, जिनके द्वारा 46 कर्मचारियों और इंजीनियर्स को तीन कंपनियों में ट्रांसफर करते हुए दूसरी कंपनियों में रखा गया है. ये कंपनियां इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर, स्टेट लोड डिस्पेचर सेंटर और स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी हैं. सेक्रेटरी इंजीनियरिंग की ओर से 31 जनवरी को तीनों कंपनियों का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. नोटिफिकेशन में कर्मचारियों को सीनियरिटी के आधार पर कंपनी में एडजस्ट किए जाने की बात थी. इसके अलावा 300 रेगुलर कर्मचारियों और 410 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में ट्रांसफर किया गया है. जाहिर है अब एमिनेंट इलेक्ट्रिकल कंपनी चंडीगढ़ शहर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखेगी. जिसके चलते इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर में 16, स्टेट लोड डिस्पेचर सेंटर में 15 और स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी में 15 कर्मचारियों और अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए रखा गया है.

कर्मचारी पहले की तरह करते रहेंगे कम: आरपीएसजी ग्रुप पी आर कुमार का कहना है कि जैसे हमारी कंपनी और शहरों में सेवाएं दे रही है, चंडीगढ़ में भी उसी स्तर पर सेवाएं दी जाएगी. इसके साथ ही ट्रांसफर से पहले कर्मचारियों को जो सुविधा मिल रही थी, वो भी जारी रहेगी. समझौते के मुताबिक कर्मचारियों के सभी अधिकार सुरक्षित रह जाएंगे. सभी की नौकरियां 100 फीसदी सुरक्षित रहेगी. केपीडीएल कंपनी के 710 कर्मचारियों की मीटिंग ली गई है. बिजली विभाग से ट्रांसफर हुए रेगुलर और राइट सोर्स के साथ कर्मचारी यूनियन वाले भी शामिल थे. 1 फरवरी से सीपीडीएल को चंडीगढ़ शहर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. कंपनी का कहना है कि शहर वासियों को 24 घंटे बिजली दी जाएगी. साथ ही कट लगने से भी छुटकारा मिलेगा.

चंडीगढ़ बिजली विभाग के रिटायर्ड अफसर को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी : रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर एमपी सिंह को जी एम डिस्ट्रीब्यूशन लगाया गया है. बता दें कि एमपी सिंह लंबे समय तक बिजली विभाग में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे हैं. अब चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के डायरेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे. उन्हें एक लंबा तजुर्बा है, जिसके चलते उन्हें शहर की बिजली प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी है. इसके अलावा कंपनी के साथ बिजली विभाग से रिटायर्ड हुए एक्सीडेंट सुरेंद्र कुमार को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके साथ ही केपीडीएल में शामिल हुए कर्मचारियों ने एमिनेंट कंपनी के आरपीएसजी ग्रुप के प्रेसिडेंट पावर डिस्ट्रीब्यूशन के साथ आमने-सामने बातचीत की.

इसे भी पढ़ें : चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण हुआ, आरपी-संजीव गोयनका समूह ने संभाला जिम्मा

चंडीगढ़: शहर में बिजली विभाग का निजीकरण हो जाने के बाद 180 कर्मचारियों ने वालंटियर रिटायरमेंट ले लिया है. वहीं 700 से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनी द्वारा चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिया गया है.

कर्मचारियों को 3 कंपनियों में किया गया ट्रांसफर : चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हाल ही में बिजली विभाग को एमिनेंट इलेक्ट्रिकल कंपनी को हैंडओवर किया गया है, जिनके द्वारा 46 कर्मचारियों और इंजीनियर्स को तीन कंपनियों में ट्रांसफर करते हुए दूसरी कंपनियों में रखा गया है. ये कंपनियां इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर, स्टेट लोड डिस्पेचर सेंटर और स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी हैं. सेक्रेटरी इंजीनियरिंग की ओर से 31 जनवरी को तीनों कंपनियों का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. नोटिफिकेशन में कर्मचारियों को सीनियरिटी के आधार पर कंपनी में एडजस्ट किए जाने की बात थी. इसके अलावा 300 रेगुलर कर्मचारियों और 410 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में ट्रांसफर किया गया है. जाहिर है अब एमिनेंट इलेक्ट्रिकल कंपनी चंडीगढ़ शहर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखेगी. जिसके चलते इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर में 16, स्टेट लोड डिस्पेचर सेंटर में 15 और स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी में 15 कर्मचारियों और अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए रखा गया है.

कर्मचारी पहले की तरह करते रहेंगे कम: आरपीएसजी ग्रुप पी आर कुमार का कहना है कि जैसे हमारी कंपनी और शहरों में सेवाएं दे रही है, चंडीगढ़ में भी उसी स्तर पर सेवाएं दी जाएगी. इसके साथ ही ट्रांसफर से पहले कर्मचारियों को जो सुविधा मिल रही थी, वो भी जारी रहेगी. समझौते के मुताबिक कर्मचारियों के सभी अधिकार सुरक्षित रह जाएंगे. सभी की नौकरियां 100 फीसदी सुरक्षित रहेगी. केपीडीएल कंपनी के 710 कर्मचारियों की मीटिंग ली गई है. बिजली विभाग से ट्रांसफर हुए रेगुलर और राइट सोर्स के साथ कर्मचारी यूनियन वाले भी शामिल थे. 1 फरवरी से सीपीडीएल को चंडीगढ़ शहर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. कंपनी का कहना है कि शहर वासियों को 24 घंटे बिजली दी जाएगी. साथ ही कट लगने से भी छुटकारा मिलेगा.

चंडीगढ़ बिजली विभाग के रिटायर्ड अफसर को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी : रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर एमपी सिंह को जी एम डिस्ट्रीब्यूशन लगाया गया है. बता दें कि एमपी सिंह लंबे समय तक बिजली विभाग में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे हैं. अब चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के डायरेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे. उन्हें एक लंबा तजुर्बा है, जिसके चलते उन्हें शहर की बिजली प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी है. इसके अलावा कंपनी के साथ बिजली विभाग से रिटायर्ड हुए एक्सीडेंट सुरेंद्र कुमार को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके साथ ही केपीडीएल में शामिल हुए कर्मचारियों ने एमिनेंट कंपनी के आरपीएसजी ग्रुप के प्रेसिडेंट पावर डिस्ट्रीब्यूशन के साथ आमने-सामने बातचीत की.

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