चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के वक्तव्य ‘विपक्ष सहयोग दे तो हम तैयार है’ पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी है. हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री करोना के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने से क्यों हिचक रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की अपनी-अपनी भूमिका होती है. कई मुद्दों पर दोनों पक्षों को जनहित में एकजुट होकर काम करने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में प्रदेश के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वो आपदा के इस दौर में प्रतिपक्ष का भी सहयोग लें.
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बीजेपी शासित अन्य राज्यों में भी कोरोना पर विचार-विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई हैं लेकिन यो समझ से परे है कि हरियाणा सरकार ने अब तक ऐसा क्यों नहीं किया. अगर प्रदेश सरकार विपक्ष के साथ मंथन करके उसके सुझावों पर काम करेगी तो इसका लाभ जनता को मिलेगा.
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास तमाम संसाधन होते हैं और पूरा तंत्र उनके निर्देश पर काम करता है. इसलिए जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हमने हमेशा जनता की समस्याएं सरकार तक पहुंचाने का काम किया है. पिछले दिनों ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयों की कमी की वजह से प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ था, हमने लगातार सरकार तक ये बात पहुंचाने का काम किया.
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इतना ही नहीं हमारे तमाम विधायकों और इकलौते सांसद ने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने स्तर पर लोगों की यथासंभव मदद की. कोरोना महामारी से लड़ाई में मैं, मेरी पार्टी, सारे विधायक और सांसद सहयोग के लिए तत्पर है. ये लड़ाई एकजुटता और सहयोग से ही जीती जा सकती है.
महामारी जैसे मुद्दों पर राजनीति नहीं की: हुड्डा
हुड्डा ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी जवाब दिया जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोरोना पर राजनीति कर रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने कहा कि वो एक राजनीतिक व्यक्ति ज़रूर हैं लेकिन उन्होंने हमेशा मूल्यों पर आधारित राजनीति की है. उनका संबंध एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से है और उनके पूर्वजों ने देश की आजादी के लिए जेल काटी है, वो लड़ाई किसी पार्टी की नहीं, किसी वर्ग की नहीं थी, पूरे देश की लड़ाई थी.
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करोना के खिलाफ लड़ाई मानवता की लड़ाई है और उन्होंने कभी भी महामारी और आपदा जैसे मुद्दों पर राजनीति नहीं की. उन्होंने संक्रमण के इस दौर में सरकार को जगाने के साथ आम जनता को भी जागरूक करने की लगातार कोशिश की है. उन्होंने मुख्यमंत्री और जनता के नाम खुले पत्र लिखें हैं, जिनमें इस आपदा से निपटने और बचने के तमाम सुझाव दिए गए थे. मुख्यमंत्री को समझना चाहिए कि सरकार को सकारात्मक सुझाव देना राजनीति नहीं बल्कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि और हर एक नागरिक की जिम्मेदारी होती है.