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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: BJP और AAP के पास थे बराबर वोट, फिर भी कैसे बीजेपी ने मारी बाजी? और आप के भविष्य पर है अब कैसा संकट?

चंडीगढ़ मेयर चुनाव (chandigarh mayor election) में बीजेपी ने तीनों पदों पर जीत दर्ज करते हुए आप का सूफड़ा साफ कर दिया है. नगर निगम में बीजेपी और आप के बराबर वोट थे. फिर भी कैसे बीजेपी ने मारी बाजी और आप के भविष्य पर है अब कैसा संकट छा सकता है. पढ़ें पूरी खबर

chandigarh mayor election
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Published : Jan 8, 2022, 8:05 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए शनिवार को चुनाव (chandigarh mayor election) संपन्न हो गए हैं. जिसमें भाजपा ने तीनों पदों पर कब्जा कर लिया है. भाजपा की जीत इसलिए भी हैरान करती है क्योंकि भाजपा के पास 14 वोट थे जबकि आम आदमी पार्टी के पास भी 14 ही वोट थे. चुनाव में न तो कांग्रेस ने हिस्सा लिया और न ही अकाली दल ने. चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी की सीधी टक्कर थी. इसके बावजूद भाजपा ने तीनों सीटों पर अपना अधिकार जमा लिया.

मेयर पद पर ऐसे जीती बीजेपी

सदन में शनिवार को सबसे पहले मेयर पद के लिए मतदान हुआ. भाजपा की ओर से मेयर पद के लिए सरबजीत कौर (Sarabjeet kaur chandigarh) और आम आदमी पार्टी की तरफ से अंजू कत्याल मैदान में थीं. वोटिंग के बाद जब परिणाम सामने आए तब भाजपा की सरबजीत कौर को विजय घोषित कर दिया गया. क्योंकि भाजपा उम्मीदवार को 14 वोट मिले थे. जबकि आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार को 13 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी के 1 वोट को निरस्त कर दिया गया था. क्योंकि उसका बैलेट पेपर फटा हुआ था.

chandigarh mayor election
बीजेपी उम्मीदवार सरबजीत कौर को चंडीगढ़ का मेयर चुना गया

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ मेयर चुनाव: तीनों पदों पर BJP का कब्जा, AAP पार्षदों ने किया हंगामा

इस बात को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और सदन में धरना लगाकर बैठ गए. आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के संयोजक प्रेम कुमार गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या है. भाजपा ने धोखाधड़ी करते हुए इस चुनाव में अपने उम्मीदवार को जिताया है. उन्होंने कहा कि अगर बैलट पेपर फटा हुआ था तो उसे आम आदमी पार्टी के पार्षद को क्यों दिया गया. यह भाजपा की सोची समझी साजिश थी.

सांसद के वोट पर उठा सवाल

आप नेताओं ने चंडीगढ़ की सांसद के वोट पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है जिसमें सांसद चुनाव में हिस्सा ले सके. जिस पर भाजपा नेताओं ने कहा कि सांसद शुरु से ही चुनाव में हिस्सा लेते आएं हैं. अब आगे पार्टी के नेताओं ने कहा कि अगर कोई गलत प्रथा चली आ रही है तो उसे खत्म किया जाना चाहिए. इन आरोपों के बाद भाजपा नेताओं ने कहा कि इससे जुड़ा नोटिफिकेशन उनके पास है जो बाद में मुहैया करवा दिया जाएगा और इसके बाद बीजेपी सांसद किरण खेर ने मतदान किया.

chandigarh mayor election
आप पार्षदों ने किया हंगामा

आप को अपनों ने ही दिया धोखा

वहीं इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुआ. आप की ओर से सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेमलता और बीजेपी की तरफ से दलीप शर्मा मैदान में थे. इस चुनाव का परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए और भी ज्यादा घातक था क्योंकि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के किसी एक पार्षद ने भाजपा को वोट डाला था. इस चुनाव में भाजपा को 15 वोट मिले जबकि आम आदमी पार्टी को 13 वोट मिले. मतलब साफ है कि आप का कोई पार्षद पार्टी से जरूर टूटा है. जिसने भाजपा को वोट की. ये परिणाम इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद भाजपा आम आदमी पार्टी के किसी पार्षद को तोड़ने में कामयाब हो गई हो. ये परिणाम आम आदमी पार्टी को झटका देने वाला था क्योंकि अगर भाजपा आम आदमी पार्टी के पार्षद को अपनी तरफ करने में कामयाब हुई है तो यह है आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए बेहद घातक है.

chandigarh mayor election
बीजेपी सांसद किरण खेर ने भी किया मतदान

ड्रा निकालने पर भी बीजेपी की किस्मत ही चमकी

इसके बाद डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुआ. आप ने डिप्टी मेयर के लिए रामचंद्र यादव को और बीजेपी ने अनुप गुप्ता को मैदान में उतारा था. डिप्टी मेयर के पद पर भी बीजेपी ने कब्जा जमाया है. बीजेपी के अनूप गुप्ता डिप्टी मेयर चुने गए. बता दें कि, डिप्टी मेयर पर मुकाबला टाई हो गया था. बीजेपी को 14 और आप को भी 14 मिले थे. जिसके बाद ड्रा से नतीजा निकाला गया. नगर निगम कमिश्नर ने ड्रा निकाला जिसमें बीजेपी के अनूप गुप्ता डिप्टी मेयर चुने गए.

बहरहाल मेयर चुनाव में 1 वोट का निरस्त होना महज संयोग भी हो सकता है, लेकिन ये भाजपा की नीयत पर भी सवाल खड़े करता है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा ने मेयर चुनाव को प्रभावित करने के लिए आम आदमी पार्टी के किसी पार्षद को विश्वास में लिया हो और जिस पार्षद ने सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए क्रॉस वोटिंग की है उसी पार्षद की वोट मेयर चुनाव में निरस्त हुई हो.

chandigarh mayor election
सीनियर डिप्टी मेयर पद पर भी बीजेपी के दलीप शर्मा की जीत

सबसे ज्यादा पार्षद जीते थे आप के

नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. पार्टी के पास 14 वोट थे जबकि भाजपा के पास सांसद का वोट मिला कर भी 13 ही वोट थे. हालांकि बाद में कांग्रेस की एक पार्षद ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी. जिससे भाजपा के पास 14 वोट हो गए. भाजपा के पास बहुमत नहीं था, लेकिन नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही भाजपा ने सार्वजनिक मंचों पर यह कहना शुरू कर दिया था कि मेयर भाजपा का ही बनेगा.

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बीजेपी के अनूप गुप्ता डिप्टी मेयर चुने गए

ये भी पढ़ें- देश में सबसे अलग है चंडीगढ़ का मेयर चुनाव, जानिए क्यों हर साल चुना जाता है अलग-अलग उम्मीदवार

मेयर चुनाव परिणाम के बाद से ही आप ने नगर निगम दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. आप नेताओं का कहना है कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता. तब तक वे इस धरना प्रदर्शन को खत्म नहीं करेंगे. चुनाव परिणाम और उसके खिलाफ धरना प्रदर्शन एक अलग बात है, लेकिन भाजपा की जीत के बाद आम आदमी पार्टी के खेमे में घबराहट जरूर शुरू हो चुकी है. आज के चुनाव में 1 वोट का निरस्त होना और क्रॉस वोटिंग होना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चिंता बन गई है. अब तक आम आदमी पार्टी यही कहती आई थी कि उनके पार्षदों को कोई दूसरी पार्टी प्रभावित नहीं कर सकती, लेकिन आज आए चुनाव परिणाम के बाद उनकी है बात झूठी साबित होती दिख रही है. ये साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़ना भाजपा के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.

chandigarh mayor election
जीत का बाद खुश बीजेपी का खेमा

क्या होगी अब बीजेपी की रणनीति?

वहीं भाजपा ने इस साल तो मेयर पद का चुनाव जीत लिया है, लेकिन यह चुनाव अगले साल फिर होगा. भाजपा का मुख्य लक्ष्य कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करवाना होगा. क्योंकि भाजपा मेयर पद की ये लड़ाई अगले 5 साल तक नहीं लड़ना चाहेगी. भाजपा की कोशिश होगी कि कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़कर बहुमत लाया जाए ताकि हर साल बिना विरोध के भाजपा के उम्मीदवार को मेयर बनाया जा सके.

ये भी पढ़ें- Chandigarh Mayor Election: AAP का भाजपा पर गंभीर आरोप, बोली- बीजेपी कर रही हमारे पार्षदों को खरीदने की कोशिश

इन चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया था. कांग्रेस के पास 7 वोटें थी जिससे उनकी हार तय थी. इसी हार से बचने के लिए कांग्रेस ने ना तो अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया और ना ही मतदान में शामिल होने दिया. हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से लगातार यह अपील की जाती रही कि कांग्रेस को चुनाव में जरूर हिस्सा लेना चाहिए. क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं कर रही तो वह अपने पार्षदों के मतदान के अधिकार का हनन कर रही है और दूसरी ओर भाजपा की सहायता भी कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव से दूरी बनाकर रखी.

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बीजेपी के विजेता प्रत्याशी

इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के पास भी एक वोट थी जो शिरोमणि अकाली दल चंडीगढ़ के प्रधान हरदीप सिंह की खुद की वोट थी. वह इस चुनाव में किंग मेकर साबित हो सकते थे. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि वह दोनों पार्टियों में से किसी एक पार्टी का साथ दे सकते हैं. जिससे वह किसी भी पार्टी का मेयर बनवाने की क्षमता रखते हैं. ऐसा माना जा रहा था कि वे भाजपा का साथ दे सकते हैं जिससे भाजपा के उम्मीदवार के मेयर बनने की राह साफ हो जाएगी क्योंकि अब तक भाजपा और अकाली दल गठबंधन चला रहा था. जिसके तहत वह अपना वोट भाजपा उम्मीदवार को ही देते, लेकिन अब गठबंधन टूटने के बाद उनके वोट पर संशय बरकरार था, लेकिन चुनाव का दिन आने पर उन्होंने भी किसी भी पार्टी को अपना वोट ना देने का फैसला किया और उन्होंने चुनाव में हिस्सा ही नहीं लिया.

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए शनिवार को चुनाव (chandigarh mayor election) संपन्न हो गए हैं. जिसमें भाजपा ने तीनों पदों पर कब्जा कर लिया है. भाजपा की जीत इसलिए भी हैरान करती है क्योंकि भाजपा के पास 14 वोट थे जबकि आम आदमी पार्टी के पास भी 14 ही वोट थे. चुनाव में न तो कांग्रेस ने हिस्सा लिया और न ही अकाली दल ने. चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी की सीधी टक्कर थी. इसके बावजूद भाजपा ने तीनों सीटों पर अपना अधिकार जमा लिया.

मेयर पद पर ऐसे जीती बीजेपी

सदन में शनिवार को सबसे पहले मेयर पद के लिए मतदान हुआ. भाजपा की ओर से मेयर पद के लिए सरबजीत कौर (Sarabjeet kaur chandigarh) और आम आदमी पार्टी की तरफ से अंजू कत्याल मैदान में थीं. वोटिंग के बाद जब परिणाम सामने आए तब भाजपा की सरबजीत कौर को विजय घोषित कर दिया गया. क्योंकि भाजपा उम्मीदवार को 14 वोट मिले थे. जबकि आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार को 13 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी के 1 वोट को निरस्त कर दिया गया था. क्योंकि उसका बैलेट पेपर फटा हुआ था.

chandigarh mayor election
बीजेपी उम्मीदवार सरबजीत कौर को चंडीगढ़ का मेयर चुना गया

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ मेयर चुनाव: तीनों पदों पर BJP का कब्जा, AAP पार्षदों ने किया हंगामा

इस बात को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और सदन में धरना लगाकर बैठ गए. आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के संयोजक प्रेम कुमार गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या है. भाजपा ने धोखाधड़ी करते हुए इस चुनाव में अपने उम्मीदवार को जिताया है. उन्होंने कहा कि अगर बैलट पेपर फटा हुआ था तो उसे आम आदमी पार्टी के पार्षद को क्यों दिया गया. यह भाजपा की सोची समझी साजिश थी.

सांसद के वोट पर उठा सवाल

आप नेताओं ने चंडीगढ़ की सांसद के वोट पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है जिसमें सांसद चुनाव में हिस्सा ले सके. जिस पर भाजपा नेताओं ने कहा कि सांसद शुरु से ही चुनाव में हिस्सा लेते आएं हैं. अब आगे पार्टी के नेताओं ने कहा कि अगर कोई गलत प्रथा चली आ रही है तो उसे खत्म किया जाना चाहिए. इन आरोपों के बाद भाजपा नेताओं ने कहा कि इससे जुड़ा नोटिफिकेशन उनके पास है जो बाद में मुहैया करवा दिया जाएगा और इसके बाद बीजेपी सांसद किरण खेर ने मतदान किया.

chandigarh mayor election
आप पार्षदों ने किया हंगामा

आप को अपनों ने ही दिया धोखा

वहीं इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुआ. आप की ओर से सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेमलता और बीजेपी की तरफ से दलीप शर्मा मैदान में थे. इस चुनाव का परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए और भी ज्यादा घातक था क्योंकि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के किसी एक पार्षद ने भाजपा को वोट डाला था. इस चुनाव में भाजपा को 15 वोट मिले जबकि आम आदमी पार्टी को 13 वोट मिले. मतलब साफ है कि आप का कोई पार्षद पार्टी से जरूर टूटा है. जिसने भाजपा को वोट की. ये परिणाम इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद भाजपा आम आदमी पार्टी के किसी पार्षद को तोड़ने में कामयाब हो गई हो. ये परिणाम आम आदमी पार्टी को झटका देने वाला था क्योंकि अगर भाजपा आम आदमी पार्टी के पार्षद को अपनी तरफ करने में कामयाब हुई है तो यह है आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए बेहद घातक है.

chandigarh mayor election
बीजेपी सांसद किरण खेर ने भी किया मतदान

ड्रा निकालने पर भी बीजेपी की किस्मत ही चमकी

इसके बाद डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुआ. आप ने डिप्टी मेयर के लिए रामचंद्र यादव को और बीजेपी ने अनुप गुप्ता को मैदान में उतारा था. डिप्टी मेयर के पद पर भी बीजेपी ने कब्जा जमाया है. बीजेपी के अनूप गुप्ता डिप्टी मेयर चुने गए. बता दें कि, डिप्टी मेयर पर मुकाबला टाई हो गया था. बीजेपी को 14 और आप को भी 14 मिले थे. जिसके बाद ड्रा से नतीजा निकाला गया. नगर निगम कमिश्नर ने ड्रा निकाला जिसमें बीजेपी के अनूप गुप्ता डिप्टी मेयर चुने गए.

बहरहाल मेयर चुनाव में 1 वोट का निरस्त होना महज संयोग भी हो सकता है, लेकिन ये भाजपा की नीयत पर भी सवाल खड़े करता है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा ने मेयर चुनाव को प्रभावित करने के लिए आम आदमी पार्टी के किसी पार्षद को विश्वास में लिया हो और जिस पार्षद ने सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए क्रॉस वोटिंग की है उसी पार्षद की वोट मेयर चुनाव में निरस्त हुई हो.

chandigarh mayor election
सीनियर डिप्टी मेयर पद पर भी बीजेपी के दलीप शर्मा की जीत

सबसे ज्यादा पार्षद जीते थे आप के

नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. पार्टी के पास 14 वोट थे जबकि भाजपा के पास सांसद का वोट मिला कर भी 13 ही वोट थे. हालांकि बाद में कांग्रेस की एक पार्षद ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी. जिससे भाजपा के पास 14 वोट हो गए. भाजपा के पास बहुमत नहीं था, लेकिन नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही भाजपा ने सार्वजनिक मंचों पर यह कहना शुरू कर दिया था कि मेयर भाजपा का ही बनेगा.

chandigarh mayor election
बीजेपी के अनूप गुप्ता डिप्टी मेयर चुने गए

ये भी पढ़ें- देश में सबसे अलग है चंडीगढ़ का मेयर चुनाव, जानिए क्यों हर साल चुना जाता है अलग-अलग उम्मीदवार

मेयर चुनाव परिणाम के बाद से ही आप ने नगर निगम दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. आप नेताओं का कहना है कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता. तब तक वे इस धरना प्रदर्शन को खत्म नहीं करेंगे. चुनाव परिणाम और उसके खिलाफ धरना प्रदर्शन एक अलग बात है, लेकिन भाजपा की जीत के बाद आम आदमी पार्टी के खेमे में घबराहट जरूर शुरू हो चुकी है. आज के चुनाव में 1 वोट का निरस्त होना और क्रॉस वोटिंग होना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चिंता बन गई है. अब तक आम आदमी पार्टी यही कहती आई थी कि उनके पार्षदों को कोई दूसरी पार्टी प्रभावित नहीं कर सकती, लेकिन आज आए चुनाव परिणाम के बाद उनकी है बात झूठी साबित होती दिख रही है. ये साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़ना भाजपा के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.

chandigarh mayor election
जीत का बाद खुश बीजेपी का खेमा

क्या होगी अब बीजेपी की रणनीति?

वहीं भाजपा ने इस साल तो मेयर पद का चुनाव जीत लिया है, लेकिन यह चुनाव अगले साल फिर होगा. भाजपा का मुख्य लक्ष्य कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करवाना होगा. क्योंकि भाजपा मेयर पद की ये लड़ाई अगले 5 साल तक नहीं लड़ना चाहेगी. भाजपा की कोशिश होगी कि कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़कर बहुमत लाया जाए ताकि हर साल बिना विरोध के भाजपा के उम्मीदवार को मेयर बनाया जा सके.

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इन चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया था. कांग्रेस के पास 7 वोटें थी जिससे उनकी हार तय थी. इसी हार से बचने के लिए कांग्रेस ने ना तो अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया और ना ही मतदान में शामिल होने दिया. हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से लगातार यह अपील की जाती रही कि कांग्रेस को चुनाव में जरूर हिस्सा लेना चाहिए. क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं कर रही तो वह अपने पार्षदों के मतदान के अधिकार का हनन कर रही है और दूसरी ओर भाजपा की सहायता भी कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव से दूरी बनाकर रखी.

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बीजेपी के विजेता प्रत्याशी

इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के पास भी एक वोट थी जो शिरोमणि अकाली दल चंडीगढ़ के प्रधान हरदीप सिंह की खुद की वोट थी. वह इस चुनाव में किंग मेकर साबित हो सकते थे. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि वह दोनों पार्टियों में से किसी एक पार्टी का साथ दे सकते हैं. जिससे वह किसी भी पार्टी का मेयर बनवाने की क्षमता रखते हैं. ऐसा माना जा रहा था कि वे भाजपा का साथ दे सकते हैं जिससे भाजपा के उम्मीदवार के मेयर बनने की राह साफ हो जाएगी क्योंकि अब तक भाजपा और अकाली दल गठबंधन चला रहा था. जिसके तहत वह अपना वोट भाजपा उम्मीदवार को ही देते, लेकिन अब गठबंधन टूटने के बाद उनके वोट पर संशय बरकरार था, लेकिन चुनाव का दिन आने पर उन्होंने भी किसी भी पार्टी को अपना वोट ना देने का फैसला किया और उन्होंने चुनाव में हिस्सा ही नहीं लिया.

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