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खिलाड़ी अच्छे खाने और मूलभूत सुविधाओं से महरूम क्यों- HC

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Published : Jun 11, 2019, 7:28 PM IST

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शनिवार को खिलाड़ियों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी को दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया है.

पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: शनिवार को पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट में खिलाड़ियों की दुर्दशा को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुये कहा कि देश में खिलाड़ियों की दुर्दशा क्यों है. हाईकोर्ट ने कहा कि खिलाड़ी अच्छे खाने और मूल भूत सुविधाओं को लेकर मोहताज हैं जो बेहद गंभीर मामला है. हाईकोर्ट ने मामले में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी को दिशा निर्देश तैयार करने के आदेश दिए हैं जिससे खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.

याचिकाकर्ता का पक्ष
याचिका दाखिल करते हुए अभिमन्यू तिवारी ने कहा कि इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को अन्य यूनिवर्सिटी में जाने पर न तो सही प्रकार से रहने की व्यवस्था मिलती है और न ही सही खाना. याची ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण खिलाड़ी बेहद परेशान होते हैं.

एआईयू और केंद्र सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब
इस मामले में हाईकोर्ट ने एआईयू से जवाब मांगा था. एआईयू ने जवाब दाखिल करते हुए कहा कि फंड मिलने में देरी की वजह से खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. केंद्र सरकार ने बताया कि फंड अब जारी किया जा रहा है. इसके बाद भी खिलाड़ियों को सही सुविधाएं न मिलने पर अब हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए एआईयू को दिशा निर्देश तैयार करने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख
हाईकोर्ट ने कहा कि फंड कैसे खर्च करना है और किस स्तर की सुविधाएं दी जानी हैं यह निर्धारित कर कोर्ट को सूचित किया जाए. यह नीति भी तैयार की जाए कि फंड कब और कैसे जारी होगा और इसे खर्च करने का तरीका क्या होगा. ताकि सुविधाएं समय पर मिल सकें. हाईकोर्ट के इस आदेश से अब देशभर में होने वाली प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को सही और समय पर सुविधाएं मिल सकेंगी.

चंडीगढ़: शनिवार को पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट में खिलाड़ियों की दुर्दशा को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुये कहा कि देश में खिलाड़ियों की दुर्दशा क्यों है. हाईकोर्ट ने कहा कि खिलाड़ी अच्छे खाने और मूल भूत सुविधाओं को लेकर मोहताज हैं जो बेहद गंभीर मामला है. हाईकोर्ट ने मामले में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी को दिशा निर्देश तैयार करने के आदेश दिए हैं जिससे खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.

याचिकाकर्ता का पक्ष
याचिका दाखिल करते हुए अभिमन्यू तिवारी ने कहा कि इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को अन्य यूनिवर्सिटी में जाने पर न तो सही प्रकार से रहने की व्यवस्था मिलती है और न ही सही खाना. याची ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण खिलाड़ी बेहद परेशान होते हैं.

एआईयू और केंद्र सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब
इस मामले में हाईकोर्ट ने एआईयू से जवाब मांगा था. एआईयू ने जवाब दाखिल करते हुए कहा कि फंड मिलने में देरी की वजह से खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. केंद्र सरकार ने बताया कि फंड अब जारी किया जा रहा है. इसके बाद भी खिलाड़ियों को सही सुविधाएं न मिलने पर अब हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए एआईयू को दिशा निर्देश तैयार करने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख
हाईकोर्ट ने कहा कि फंड कैसे खर्च करना है और किस स्तर की सुविधाएं दी जानी हैं यह निर्धारित कर कोर्ट को सूचित किया जाए. यह नीति भी तैयार की जाए कि फंड कब और कैसे जारी होगा और इसे खर्च करने का तरीका क्या होगा. ताकि सुविधाएं समय पर मिल सकें. हाईकोर्ट के इस आदेश से अब देशभर में होने वाली प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को सही और समय पर सुविधाएं मिल सकेंगी.

Intro:देश में खिलाडी अच्छे खाने और मूल भूत सुविधाओं को मोहताज क्यों: हाईकोर्ट 

-एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी को नीति बनाने के आदेश Body:

खिलाडिय़ों की दुर्दशा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ा रवैया अपनाते हुए कहा कि देश में खिलाडिय़ों की दुर्दशा क्यों है। हाईकोर्ट ने कहा कि खिलाड़ी अच्छे खाने और मूल भूत सुविधाओं को मोहताज हैं जो बेहद गंभीर मामला है। हाईकोर्ट ने मामले में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी ऐसे दिशा निर्देश तैयार करने के आदेश दिए हैं जिससे खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मिले। 

याचिका दाखिल करते हुए अभिमन्यू तिवारी ने कहा कि इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों को अन्य यूनिवर्सिटी में जाने पर न तो सही प्रकार से रहने की व्यवस्था मिलती है और न ही सही खाना। याची ने कहा कि मूल भूत सुविधाओं की कमी के कारण खिलाड़ी बेहद परेशान होते हैं। मामले में हाईकोर्ट ने एआईयू से जवाब मांगा था। एआईयू ने जवाब दाखिल करते हुए कहा कि फंड मिलने में देरी के कारण खिलाडिय़ों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इसपर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र सरकार ने बताया कि फंड अब जारी किया जा रहा है। इसके बाद भी खिलाडिय़ों को सही सुविधाएं न मिलने पर अब हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए एआईयू को दिशा निर्देश तैयार करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि फंड कैसे खर्च करना है और किस स्तर की सुविधाएं दी जानी हैं यह निर्धारित कर कोर्ट को सूचित किया जाए। यह नीति भी तैयार की जाए कि फंड कब और कैसे जारी हो और इसे खर्च करने का तरीका क्या हो ताकि सुविधाएं समय पर मिल सकें। हाईकोर्ट के इस आदेश से अब देश भर में होने वाली प्रतियोगिताओं में खिलाडिय़ों को सही और समय पर सुविधाएं मिल सकेंगी। 



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