चंडीगढ़: कोरोना के बढ़ते कहर पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर संज्ञान लेते हुए कहा कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते हालत बेहद खराब हो चुके हैं ऐसे में सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है जो लोग ऐसे ही हालत में रेमडेसिवर और टोकिलीजुमेब दवाओं और ऑक्सीजन का भंडारण कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
जस्टिस राजीव गुप्ता एवं जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना वायरस मौजूदा हालातों पर पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ को 4 मई को स्थिति रिपोर्ट भी दायर किए जाने के आदेश दिए हैं. शुक्रवार को लगभग पूरा दिन इस केस पर चली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अब इस मामले में केंद्र सरकार को विपक्ष बनाते हुए कहा कि लोगों को दवाइयां ऑक्सीजन आदि उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की भी ज़िम्मेदारी है. ऐसे में अगली सुनवाई पर इस मामले में केंद्र सरकार भी हाई कोर्ट को जानकारी दें कि वह मौजूदा हालातों से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है और राज्यों को कैसे इसमें सहयोग दे रही है.
ये भी पढ़िए: हरियाणा में MBBS करने वाले IAS और IPS देंगे कोविड अस्पतालों में सेवा, जानें कहां लगेगी ड्यूटी
एडवोकेट रुपिंदर खोसला की अपील पर हुई सुनवाई
यह सुनवाई हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला के आग्रह पर शुरू की गई है. रुपिंदर खोसला ने कहा कि कोरोना के बढ़ते कहर से हालत बेहद नाजुक हो चुके हैं. अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. कहीं ऑक्सीजन की कमी है तो कहीं आईसीयू की और वेंटिलेटर की तो कहीं रेमडेसिवर और टोकिलीजुमेब नहीं मिल रही है. ऐसे में अब इस मामले में हाईकोर्ट के दखल की जरूरत है.
पंजाब के 22 जिलों में 1230 वेंटीलेटर्स
पंजाब के 22 जिलों में निजी और सरकारी अस्पतालों में 1230 वेंटीलेटर्स है. जहां ज्यादा जरूरी वहां ऑक्सीजन की जा रही है. सप्लाई पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक डॉक्टर गुरिंदर वीर सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब के 22 जिलों में सरकारी और निजी अस्पतालों में 1230 वेंटिलेटर है. उनकी ओर से सभी डीसी को पत्र लिख जिस जिले में करोना के ज्यादा केस है, वहां तत्काल ऑक्सीजन की अतिरिक्त अप्लाई करने के आदेश दे दिए हैं.
ये भी पढ़िए: हरियाणा में कोरोना ने उजाड़ दिया हंसता-खेलता परिवार, 10 दिन के अंदर सभी सदस्यों ने तोड़ा दम
यह भी बताया गया कि है कि राज्य में इस समय 227 मैट्रिक टन ऑक्सिजन उपलब्ध है, जिसमें से केंद्र की ओर से 170 मैट्रिक टन और राज्य के अपने स्त्रोत से 50 मैट्रिक तक शामिल है. हाई कोर्ट को बताया गया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए राज्य बाहरी राज्यों पर निर्भर है ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई जाए.
'पंजाब में 227 मैट्रिक टन ऑक्सिजन उपलब्ध है'
पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक डॉक्टर गुरिंदर वीर सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य में इस समय 227 मैट्रिक टन ऑक्सिजन उपलब्ध है. जिसमें से केंद्र की ओर से 170 मैट्रिक टन और राज्य के अपने स्त्रोत से 50 मैट्रिक तक शामिल है. हाई कोर्ट को बताया गया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए राज्य बाहरी राज्यों पर निर्भर है ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई जाए.
ये भी पढ़िए: हरियाणा में MBBS करने वाले IAS और IPS देंगे कोविड अस्पतालों में सेवा, जानें कहां लगेगी ड्यूटी
पंजाब ने 22,561 लोगों को किया गिरफ्तार
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि वह कोरोनावायरस को सख्ती से लागू कर रही है. उनका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. हाई कोर्ट को बताया गया कि गत वर्ष 17 मई से अब तक इन गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 16340 एफआईआर दर्ज कर 22,561 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
हरियाणा में अत्याधिक ऑक्सीजन निर्माण से तीन प्लांट हुए बंद
हरियाणा सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि राज्य के रुड़की, रेवाड़ी और बरोटीवाला के ऑक्सीजन प्लांट में से कुछ प्लांट बंद कर गए हैं. अब राज्यों को उड़ीसा के राउरकेला और अंगुल पलांट से ऑक्सीजन मंगवानी पड़ रही है, जो रेल और हवाई मार्ग से आ रही है. भारतीय वायु सेना ने भी इसमें उनकी मदद की है पर अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी ना हो.