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HC ने खारिज की निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका - हाई कोर्ट याचिका खारिज हरियाणा

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में निजी सेक्टर में 75 फीसद आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि ये प्री मेच्योर याचिका है, इसलिए इस पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है.

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HC ने खारिज की हरियाणा में निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका
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Published : Dec 14, 2020, 10:56 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि अभी तक इस बाबत कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. इस पर अभी राज्यपाल के हस्ताक्षर भी नहीं हुए. वहीं पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि याचिका प्रीमेच्योर है, इसलिए इस पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. हाई कोर्ट ने याचिका वापस लेने की छूट देते हुए इसे खारिज किया है.

याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया था कि हरियाणा सरकार का ये फैसला अयोग्यता के साथ अन्याय है. ओपन की जगह आरक्षित क्षेत्र से चयन करना एक प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.

ये भी पढ़िए: कड़ाके की ठंड में किसानों के लिए लंगर लगा रहे 80 साल के बुजुर्ग

बता दें कि हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण के लिए विधानसभा में विधेयक लाया गया था. आरक्षण का प्रावधान 50,000 मासिक तक के वेतन की नौकरियों में होगा. राज्य में चल रही निजी क्षेत्र की उन कंपनियों सोसायटीओं, ट्रस्ट, साझेदार फर्म पर ये कानून लागू होगा, जिसमें 10 से ज्यादा कर्मचारी कार्य करते हैं. सदन में ये विधायक उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा रखा गया था.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि अभी तक इस बाबत कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. इस पर अभी राज्यपाल के हस्ताक्षर भी नहीं हुए. वहीं पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि याचिका प्रीमेच्योर है, इसलिए इस पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. हाई कोर्ट ने याचिका वापस लेने की छूट देते हुए इसे खारिज किया है.

याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया था कि हरियाणा सरकार का ये फैसला अयोग्यता के साथ अन्याय है. ओपन की जगह आरक्षित क्षेत्र से चयन करना एक प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.

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बता दें कि हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण के लिए विधानसभा में विधेयक लाया गया था. आरक्षण का प्रावधान 50,000 मासिक तक के वेतन की नौकरियों में होगा. राज्य में चल रही निजी क्षेत्र की उन कंपनियों सोसायटीओं, ट्रस्ट, साझेदार फर्म पर ये कानून लागू होगा, जिसमें 10 से ज्यादा कर्मचारी कार्य करते हैं. सदन में ये विधायक उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा रखा गया था.

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