चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन के मद्देनजर इंटरनेट पर बैन लगाया. अभी भी प्रदेश सरकार ने दो जिलों में इंटरनेट बैन किया हुआ है. इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के खिलाफ की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बता दें कि यमुनानगर निवासी संदीप सिंह और एक अन्य ने याचिका में कोर्ट को बताया कि 26 जनवरी को केंद्र सरकार ने सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर, टिकरी, मुकरबा चौक और नागलोई के आसपास इंटरनेट सेवाओं को रोक दिया जिसके बाद हरियाणा सरकार ने 17 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी. अभी भी कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक जारी है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार की इस तरह की कार्रवाई मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.
ये भी पढ़ें- सोनीपत और झज्जर में इंटरनेट बैन बढ़ाया गया
इंटरनेट बंद से काम प्रभावित होते हैं- याचिकाकर्ता
सरकार की इस कार्रवाई के कारण बच्चों की पढ़ाई, कार्यलय का काम भी प्रभावित हो रहा है. सरकार के इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के फैसले के चलते सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ये भी पढे़ं- इंटरनेट बंद होने से चरखी दादरी में व्यापारियों, छात्रों को हुई परेशानी
सरकार HC ने जारी किया नोटिस
हाई कोर्ट से मांग की गई है कि सरकार को आदेश दिया जाए कि वो इस तरह के आदेश जारी न करे व अगर किसी कारणवश सेवा बाधित हो तो आम जनता को 7 दिन पूर्व का नोटिस जारी किया जाए. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
ये खबर पढे़ं- हरियाणा में मोबाइल इंटरनेट बंद करने पर सरकार और टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ PIL दाखिल
आप बता दें कि हरियाणा और दिल्ली आसपास के जिलों में इंटरनेट सेवाएं बाधित होने का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जोरों शोरों से मुद्दा बना हुआ है. रिहाना, मिया खलीफा और ग्रेटा थनबर्ग जैसी हस्ती दिल्ली एनसीआर में इंटरनेट बैन पर ट्वीट कर सवाल किए हैं.