जींद: आर्ट ऑफ लिविंग के गुरु श्री श्री रविशंकर ने प्रदेश के लोगों का नशा छोड़ने का आह्वान करते हुए कहा है कि हर व्यक्ति को गांव को समृद्ध बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. आज हरियाणा के गांव से नशे की गंध आ रही है, जिससे बचने के लिए योगासन जरुरी है. हरियाणा की खापों की मुहिम का समर्थन करते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि एक गांव और एक गोत्र में शादी नहीं होनी चाहिए. वैज्ञानिक भी एक गौत्र में शादी को नकार चुके हैं. उन्होंने लोगों को आध्यात्मिकता से जुड़ कर जीवनशैली को सुधारने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मोक्ष केवल कुंभ के संगम में स्नान करने से नहीं बल्कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्ञान जरूरी है. इस कार्यक्रम में विस उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, काफी संख्या में खापों के चौधरी, जाने-माने खिलाड़ी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
नस्ल बचाओ, फसल बचाओ अभियान की शुरुआत : आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर मंगलवार को श्रीधाम सोसायटी में आयोजित आध्यात्मिक संगम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने नस्ल बचाओ, फसल बचाओ अभियान की शुरुआत करते हुए प्रदेश के लोगों से आह्वान किया कि वो चिंता छोड़ कर चिंतन करें. अगर मन प्रसन्न होगा तो व्यक्ति आगे बढ़ेगा. गुरु श्री रविशंकर ने कहा कि जब वे हेलीकॉप्टर से आ रहे थे तो उनको नीचे खेत तो देखे लेकिन पेड़ नहीं देखे. उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि किसान अपने खेत की वृक्षों से चार दिवारी बनाएं. इसमें फलदार पेड़ लगाए जा सकते हैं. अगर हम भी अच्छे फल पैदा करेंगे तो वह भी विदेश जाएंगे और किसानों को अच्छा पैसा मिलेगा.
"अंग्रेजी दवाइयों को केवल इमरजेंसी में प्रयोग करें" : उन्होंने कहा कि अंग्रेजी दवाइयों को केवल इमरजेंसी में प्रयोग करने और सामान्य जीवन में आयुर्वेद योग और प्राणायाम को बढ़ावा देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पहले आयुर्वेद योग और प्राणायाम, ध्यान को मान्यता नहीं थी, लेकिन आज सरकार इन्हे प्रोत्साहन दे रही है. जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल चुकी है. स्वास्थ्य और मन की शांति के लिए ध्यान करना चाहिए. ध्यान के परिणामों से पूरी दुनिया अचंभित है कि किस प्रकार ध्यान लगाने से मन शांत होता है और शरीर निरोग बनता है.
![Save Breed Save Crop campaign](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-02-2025/hr-jin01-visbyte-hr10037_18022025165608_1802f_1739877968_802.jpg)
उन्होंने जहर मुक्त खेती को लेकर कहा कि किसानों को अपने जोश को बरकरार रखते हुए होश में रहना चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए. जोश, होश और प्रार्थना से उनकी मांग को पूरी होने से कोई रोक नहीं सकता.
"कैसे लगेगी तलाक पर रोक" : आर्ट ऑफ लिविंग के इस आध्यात्मिक संगम में दो प्रश्न भी गुरु रविशंकर के सामने रखे गए. पहला सवाल यो था कि आज समाज में तलाक बढ़ रहे हैं, इस पर गुरुदेव ने कहा कि तलाक बढ़ने का सबसे बड़ा कारण तनाव है. उन्होंने कहा कि आम व्यक्ति को योग, प्राणायाम और ध्यान की तरफ बढ़ना चाहिए, जिससे मन शांत हो. इससे तलाक पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
![Save Breed Save Crop campaign](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-02-2025/hr-jin01-visbyte-hr10037_18022025165608_1802f_1739877968_728.jpg)
"जीरो बजट खेती की तरफ बढ़ें" : एक किसान के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह खेत में एक किलो गेहूं डाल कर हजार किलो गेहूं पैदा करता है. उसके बावजूद वह नुकसान में है, लेकिन एक व्यक्ति एक किलो गेहूं खरीद कर उसका दलिया बना कर बेचता है और वह फायदे में है. जिस पर उन्होंने जीरो बजट खेती की तरफ बढ़ने का आह्वान किया. उन्होंने गांव में काल ज्ञानी का भी समर्थन किया.
"फसल और नस्ल बचाने को देश में सबसे गंभीर है हरियाणा" : श्री श्री रविशंकर ने कहा कि पूरे देश में फसल और नस्ल बचाने को लेकर हरियाणा सबसे ज्यादा गंभीर है. हरियाणा अपनी विरासत को बचाने का भी प्रयास कर रहा है तो वहीं यहां का अन्नदाता पूरे देश को अन्न दे रहा है. कुश्ती, नृत्य, संगीत में लगातार आगे बढ़ रहा है. श्री श्री रविशंकर ने कहा कि हरियाणा में अभी भी गांवों में नशे की गंध आ रही है. इसलिए जो भी गांवों में नशा बेचता है, उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले करें और जो नशा करता है, उसे योग की शिक्षा में डाल दें. हमें परिवर्तन लाना होगा, नहीं तो न फसल बचेगी और न ही नस्ल बचेगी. युवाओं में शक्ति और बल नहीं बचेगा.
"हर घर में हो आयुर्वेदिक चिकित्सक" : उन्होंने कहा कि हर घर में एक आयुर्वेदिक चिकित्सक होना चाहिए. दुनिया आयुर्वेद का स्वागत कर रही है, जबकि हम भूलते जा रहे हैं. इस मौके पर कार्यक्रम के आयोजक दयाकिशन गिल, अनिल जागलान, चरण सिंह, नरेश जागलान, कुश्ती खिलाड़ी अंशु मलिक, मानसी लाठर समेत खाप संयोजक पहुंचे थे.
इसे भी पढ़ें : सूरजमुखी की बुवाई के लिए सही बीजों का करें चयन, ऐसे करें फसल की देखरेख, कुछ ही दिनों में तैयार होगी फसल
इसे भी पढ़ें : बदलते मौसम में मटर, लहसुन और बैंगन के पौधे में लग रहा रोग, कृषि विशेषज्ञ से जानें बचाव के तरीके
इसे भी पढ़ें : तापमान में वृद्धि से किसानों के चेहरे मुरझाए, गेहूं की फसल में बीमारियों का बढ़ा खतरा