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HC ने आदर्श पोंजी स्कैम के आरोपियों की बढ़ाई सिक्योरिटी, अब 8 पुलिसकर्मी होंगे तैनात - haryana

मामला 10 हजार करोड़ के पोंजी स्कैम से जुड़ा है, जिसमें 21 लाख निवेशकों का पैसा डूबा है. हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल को दोनों को अंतरिम जमानत देते हुए दो पुलिसकर्मियों की निगरानी में रखने के आदेश दिए थे, लेकिन अब सिक्योरिटी बढ़ाने के आदेश दिए हैं.

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Apr 22, 2019, 11:50 PM IST

चंडीगढ़ः पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को पोंजी स्कैम मामले में 15 दिन पुलिस की निगरानी में जमानत के आदेश में संशोधन किया है. हाईकोर्ट ने ये संशोधन हरियाणा सरकार की अर्जी पर किया है और दोनों को 2 पुलिसकर्मियों की जगह अब 8 पुलिसकर्मियों की निगरानी में रखने के आदेश दिए हैं.

सोमवार को हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की अर्जी हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंची थी. मामला 10 हजार करोड़ के पोंजी स्कैम से जुड़ा है, जिसमें 21 लाख निवेशकों का पैसा डूबा है. हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल को दोनों को अंतरिम जमानत देते हुए दो पुलिसकर्मियों की निगरानी में रखने के आदेश दिए थे.

साथ ही ट्रायल कोर्ट को 20 अप्रैल तक नियमित जमानत पर फैसला लेने के आदेश दिए थे. ट्रायल कोर्ट दोनों की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर चुका है. अब ऐसे में एक ओर हरियाणा सरकार ने अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि दो पुलिसकर्मी इस मामले में पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि ये संवेदनशील मामला है इसलिए 8 पुलिसकर्मियों को नियुक्त करने के आदेश दिए जाएं.

हाईकोर्ट ने इस मांग को मंजूर करते हुए आदेश जारी कर दिए. वहीं केंद्र सरकार ने अपनी अर्जी में कहा कि 15 दिन के अंतरिम जमानत के आदेश गलत तथ्यों को आधार बनाकर लिए गए थे. हाईकोर्ट को बताया गया था कि याची की मां और दादी बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं जबकि जांच में सामने आया कि उस अस्पताल में वो भर्ती ही नहीं हैं.

याची ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आदेश में भर्ती हैं गलती से लिखा गया है, जबकि बताया गया था कि भर्ती कराया जाना है. हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश जारी करने वाले जज ही बेहतर बता सकते हैं कि आखिर क्या दलील दी गई थी. ऐसे में हाईकोर्ट ने ये केस उसी जज को वापिस भेज दिया जिसने आदेश जारी किए थे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 हजार करोड़ का गबन करने के आरोपी राहुल मोदी और मुकेश मोदी को दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा जमानत देने का फैसला खारिज कर दिया था. पौंजी स्कीम के तहत करीब 21 लाख निवेशकों का रुपया गबन करने के इन दोनों आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दरकिनार करते हुए दोनों को 1 अप्रैल को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. अहमदाबाद की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को सीएफआईओ ने गबन के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ गुरुग्राम की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था.

पढें-पंचकूला में रेल की पटरी पर मिला युवका का क्षत-विक्षत शव

चंडीगढ़ः पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को पोंजी स्कैम मामले में 15 दिन पुलिस की निगरानी में जमानत के आदेश में संशोधन किया है. हाईकोर्ट ने ये संशोधन हरियाणा सरकार की अर्जी पर किया है और दोनों को 2 पुलिसकर्मियों की जगह अब 8 पुलिसकर्मियों की निगरानी में रखने के आदेश दिए हैं.

सोमवार को हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की अर्जी हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंची थी. मामला 10 हजार करोड़ के पोंजी स्कैम से जुड़ा है, जिसमें 21 लाख निवेशकों का पैसा डूबा है. हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल को दोनों को अंतरिम जमानत देते हुए दो पुलिसकर्मियों की निगरानी में रखने के आदेश दिए थे.

साथ ही ट्रायल कोर्ट को 20 अप्रैल तक नियमित जमानत पर फैसला लेने के आदेश दिए थे. ट्रायल कोर्ट दोनों की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर चुका है. अब ऐसे में एक ओर हरियाणा सरकार ने अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि दो पुलिसकर्मी इस मामले में पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि ये संवेदनशील मामला है इसलिए 8 पुलिसकर्मियों को नियुक्त करने के आदेश दिए जाएं.

हाईकोर्ट ने इस मांग को मंजूर करते हुए आदेश जारी कर दिए. वहीं केंद्र सरकार ने अपनी अर्जी में कहा कि 15 दिन के अंतरिम जमानत के आदेश गलत तथ्यों को आधार बनाकर लिए गए थे. हाईकोर्ट को बताया गया था कि याची की मां और दादी बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं जबकि जांच में सामने आया कि उस अस्पताल में वो भर्ती ही नहीं हैं.

याची ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आदेश में भर्ती हैं गलती से लिखा गया है, जबकि बताया गया था कि भर्ती कराया जाना है. हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश जारी करने वाले जज ही बेहतर बता सकते हैं कि आखिर क्या दलील दी गई थी. ऐसे में हाईकोर्ट ने ये केस उसी जज को वापिस भेज दिया जिसने आदेश जारी किए थे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 हजार करोड़ का गबन करने के आरोपी राहुल मोदी और मुकेश मोदी को दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा जमानत देने का फैसला खारिज कर दिया था. पौंजी स्कीम के तहत करीब 21 लाख निवेशकों का रुपया गबन करने के इन दोनों आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दरकिनार करते हुए दोनों को 1 अप्रैल को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. अहमदाबाद की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को सीएफआईओ ने गबन के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ गुरुग्राम की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था.

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आदर्श पोंजी स्कैम के आरोपियों को रखा जाए 8 पुलिस कर्मियों की निगरानी में: हाईकोर्ट 
-हरियाणा सरकार की अर्जी पर हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश 
-केंद्र सरकार की जमानत मामले में अर्जी पर आदेश देने वाले जज ही करेंगे सुनवाई: हाईकोर्ट 

चंडीगढ़।
पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को पोंजी सकैम मामले में 15 दिन पुलिसकी निगरानी में जमानत के आदेश में संशोधन किया है। हाईकोर्ट ने यह संशोधन हरियाणा सरकार की अर्जी पर किया है और दोनों को 2 पुलिस कर्मियों की जगह अब 8 पुलिस कर्मियों की निगरानी में रखने के आदेश दिए हैं। 
सोमवार को हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की अर्जी हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंची थी। मामला 10 हजार करोड़ के पौंजी स्कैम से जुड़ा है जिसमें 21 लाख निवेशकों का पैसा डूबा है। हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल को दोनों को अंतरिम जमानत देते हुए दो पुलिस वालों की निगरानी में रखने के आदेश दिए थे और साथ ही ट्रायल कोर्ट को 20 अप्रैल तक नियमित जमानत पर फैसला लेने के आदेश दिए थे। ट्रायल कोर्ट दोनों की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर चुका है। अब ऐसे में एक ओर हरियाणा सरकार ने अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि दो पुलिसकर्मी इस मामले में पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि यह संवेदनशील मामला है इसलिए 8 पुलिस कर्मियों को नियुक्त करने के आदेश दिए जाएं। हाईकोर्ट ने इस मांग को मंजूर करते हुए आदेश जारी कर दिए। वहीं केंद्र सरकार ने अपनी अर्जी में कहा कि 15 दिन के अंतरिम जमानत के आदेश गलत तथ्यों को आधार बनाकर लिए गए थे। हाईकोर्ट को बताया गया था कि याची की मां और दादी बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं जबकि जांच में सामने आया कि उस अस्पताल में वह भर्ती ही नहीं हैं। याची ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आदेश में भर्ती हैं गलती से लिखा गया है जबकि बताया गया था कि भर्ती कराया जाना है। हाईकोर्टने कहा कि आदेश जारी करने वाले जज ही बेहतर बता सकते हैं कि आखिर क्या दलील दी गई थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने यह केस उसी जज को वापिस भेज दिया जिसने आदेश जारी किए थे। 
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 हजार करोड़ का गबन करने के आरोपी राहुल मोदी और मुकेश मोदी को दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा जमानत देने का फैसला खारिज कर दिया था। पोंजी स्कीम के तहत करीब 21 लाख निवेशकों का रुपया गबन करने के इन दोनों आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दरकिनार करते हुए दोनों को 1 अप्रैल को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। अहमदाबाद की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को सीएफआईओ ने गबन के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ गुरुग्राम की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था। 

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