चंडीगढ़: सीनेट चुनाव जल्द करवाने की मांग वाली याचिका पर जवाब दाखिल ना करना पंजाब विश्वविद्यालय को भारी पड़ गया. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए ये राशि रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा करवाने का आदेश दिया है. हालांकि ये राशि चंडीगढ़ प्रशासन, पंजाब सरकार, केंद्र सरकार और पीयू प्रशासन को मिलकर जमा करनी है.
मामले की सुनवाई शुरू हुई तो पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि उनका जवाब तैयार है जिसे वो हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवा देंगे. इसके बाद जस्टिस फतेह दीप सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी को जुर्माने की राशि के 50 हजार रुपये जमा करवाए जाने के आदेश देते हुए सुनवाई 27 जनवरी तक स्थगित कर दी है.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनेटर प्रोफेसर केशव मल्होत्रा सहित अन्य सीनेटरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीयू की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था सीनेट के जल्द से जल्द चुनाव करवाए जाने की मांग की है और बताया है कि पीयू सीनेट का कार्यकाल खत्म हो चुका है.
पंजाब यूनिवर्सिटी ने बीते वर्ष नवंबर में सीनेट के चुनाव करवाए जाने का शेड्यूल जारी कर दिया था. इस वर्ष जून महीने में चुनावी स्टाफ की नियुक्ति का नोटिस भी जारी कर दिया गया, लेकिन जुलाई महीने में कुछ सीनेटरों ने कोरोना के चलते चुनाव की इस टीम में बदलाव की मांग कर दी थी.
ये भी पढे़ं- हरियाणा में ग्राम सचिव की भर्ती हुई रद्द, करीब 6 लाख अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा
ये रिप्रेजेंटेशन चांसलर सहित चंडीगढ़ प्रशासन को भी दी गई थी. अगस्त महीने में चंडीगढ़ के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल ने अपनी राय देते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के कारण इस समय चुनाव करवाना सही नहीं होगा. जिसके बाद अगस्त को वीसी ने सीनेट के चुनाव 2 महीनों के लिए स्थगित कर दिए थे. फिर 17 अक्तूबर को चुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया था.