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टेलीकॉम कंपनियों से 12 हजार करोड़ वसूली से जुड़े मामले का हाईकोर्ट में हुआ निपटारा

टेलीकॉम कंपनियों पर 12 हजार करोड़ से अधिक की बकाया राशि वसूल न करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है. कोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र सरकार से भी जवाब तलब किया है.

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Apr 4, 2019, 11:36 PM IST

चंडीगढ़: देश में काम कर रही टेली कम्यूनिकेशन कंपनियों पर 12 हजार करोड़ से अधिक की बकाया राशि वसूल न करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है. हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई का कोई मतलब नहीं बनता है. ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.

मामले में याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि हाल ही में कैग की रिपोर्ट जारी हुई थी. कैग की रिपोर्ट में सामने आया था कि विभिन्न टेलीकम्यूनिकेशन कंपनीयों के पास केंद्र सरकार का 12 हजार करोड़ रुपये बकाया है. जिसकी वसूली नहीं की गई है. याची ने कहा कि इस प्रकार इतनी बड़ी राशि की वसूली न करना विकास के मार्ग में बाधक है. इस राशि की वसूली के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया हैं.

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार सरकार से पूछा था कि आखिर क्यों नहीं इन कंपनियों से वसूली के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई, जबकि यह लंबित राशि 6 साल पुरानी है. केंद्र ने बताया था कि एयरटेल, वोडाफोन, टाटा सहित कई कंपनियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं और रिकवरी की जानकारी अगली सुनवाई पर कोर्ट को मुहैया करवा दी जाएगी.

चंडीगढ़: देश में काम कर रही टेली कम्यूनिकेशन कंपनियों पर 12 हजार करोड़ से अधिक की बकाया राशि वसूल न करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है. हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई का कोई मतलब नहीं बनता है. ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.

मामले में याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि हाल ही में कैग की रिपोर्ट जारी हुई थी. कैग की रिपोर्ट में सामने आया था कि विभिन्न टेलीकम्यूनिकेशन कंपनीयों के पास केंद्र सरकार का 12 हजार करोड़ रुपये बकाया है. जिसकी वसूली नहीं की गई है. याची ने कहा कि इस प्रकार इतनी बड़ी राशि की वसूली न करना विकास के मार्ग में बाधक है. इस राशि की वसूली के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया हैं.

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार सरकार से पूछा था कि आखिर क्यों नहीं इन कंपनियों से वसूली के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई, जबकि यह लंबित राशि 6 साल पुरानी है. केंद्र ने बताया था कि एयरटेल, वोडाफोन, टाटा सहित कई कंपनियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं और रिकवरी की जानकारी अगली सुनवाई पर कोर्ट को मुहैया करवा दी जाएगी.

टैली कम्यूनिकेशन कंपनियों से 12 हजार करोड़ वसूली से जुड़े मामले का हाईकोर्ट में निपटारा 
-हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है याचिका 
-हाईकोर्ट ने कहा जब सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित यहां सुनवाई का कोई मतलब नहीं 

चंडीगढ़।
देश में काम कर रही टैली कम्यूनिकेशन कंपनियों पर 12 हजार करोड़ से अधिक की बकाया राशि वसूल न करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है। हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है। इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई का कोई मतलब नहीं बनता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिका  का निपटारा कर दिया।  
मामले में याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि हाल ही में कैग की रिपोर्ट जारी हुई थी। कैग की रिपोर्ट में सामने आया था कि विभिन्न टैलिकॉम कंपनियों के पास केंद्र सरकार का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया है जिसकी वसूली नहीं की गई है। याची ने कहा कि इस प्रकार इतनी बड़ी राशि की वसूली न करना विकास के मार्ग में बाधक है। इस राशि की वसूली के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं और इस राशि की वसूली कर इसे विकास कार्यों में लगाया जा सकता है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार सरकार से पूछा था कि आखिर क्यों नहीं इन कंपनियों से वसूली के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई जबकि यह लंबित राशि 6 साल पुरानी है। केंद्र ने बताया था कि एयरटेल, वोडाफोन, टाटा सहित कई कंपनियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैंं और रिकवरी की जानकारी अगली सुनवाई पर कोर्ट को मुहैया करवा दी जाएगी। 


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