चंडीगढ़: प्राइवेट स्कूल संचालकों को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हिदायत दी थी कि वो किसी भी सूरत में अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य फीस ना लें. अगर ट्यूशन फीस से अधिक फीस ली गई तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
हाइकोर्ट ने 15 जुलाई को जारी दिशा-निर्देशों के बाद शुक्रवार को मामले पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान निजी स्कूल संचालकों ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि जब से हाइकोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं तब से पेरेंट्स ने सभी तरह की फीस देना बंद कर दिया है. जिसके चलते स्कूलों को आर्थिक संकट पैदा हो गया है, इसलिए कोर्ट उन्हें फीस लेने की अनुमति दे.
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निजी स्कूलों की ओर से लगाई गुहार पर हाइकोर्ट ने कहा कि निजी स्कूल इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन के समक्ष प्रस्ताव रखे. मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है. हाइकोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर कोई अभिभावक बच्चों का स्कूल बदलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाना चाहते हैं तो निजी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट देने में आनाकानी ना करे.