चंडीगढ़: ओमप्रकाश चौटाला सरकार के वक्त हुए जेबीटी भर्ती घोटाले के बाद दोषी अधिकारियों की पेंशन और सेवनिवृत्ति लाभ रोक दिया गया. जिसके बाद इस फैसले को अधिकारियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. इस मामले पर ना सिर्फ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सनुवाई हुई, बल्कि कोर्ट ने हरियाणा सरकार को जमकर फटकारा भी.
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार
हाइकोर्ट ने सरकार से दो टूक शब्दों में पूछा कि जब अधिकारियों की पेंशन रोक दी गई तो राजनेताओं पर सरकार मेहरबान क्यों है? हाईकोर्ट ने कहा कि जिन राजनेताओं को सजा हो चुकी है, सरकार उनको उनकी पेंशन और सुविधा जेल तक देकर आती है, लेकिन इन अधिकारियों की पेंशन और लाभ रोकने में जुटी हुई है. हाईकोर्ट की फटकार पर सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने अब सभी को नोटिस जारी कर उनकी पेंशन और सुविधाओं की रिकवरी का निर्णय लिया है
जेबीटी घोटाले के दोषी अधिकारियों ने लगाई है याचिका
गौरतलब है कि इस मामले में एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी समेत कई दूसरे अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उस नोटिस को चुनौती दी है, जिसके तहत उनके सभी सेवानिवृति लाभ और पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया है. याचीकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और 56 अधिकारियों को जेबीटी भर्ती घोटाले में दोषी करार दिया गया था. साल 2013 में कोर्ट ने इन सभी को सजा सुनाई थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने 2015 में सभी अधिकारियों को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ रोकने के आदेश जारी कर दिए थे.
ये भी पढ़िए: हरियाणा और यूपी के सीएम को मिली जान से मारने की धमकी
14 फरवरी को होगी मामले पर अगली सुनवाई
याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि किसी भी कर्मचारी को उसकी पेंशन और सेवानिवृति लाभ से नही रोका जा सकता. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जिन राजनेताओं को सजा हों चुकी है सरकार उनको उनकी पेंशन और सुविधा जेल तक देकर आती है, लेकिन इन अधिकारियों की पेंशन और लाभ रोकने में जुटी हुई है. इस पर सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने अब सभी को नोटिस जारी कर उनकी पेंशन और सुविधाओं की रिकवरी का निर्णय लिया है. अब मामले पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी. इस दौरान हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपेार्ट सौंपनी होगी.