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HC ने 'मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट' को लेकर कई राज्यों से मांगा जवाब, 28 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

हाईकोर्ट ने भविष्य में ऐसे और केस सामने ना आएं, इसलिए इस एक्ट में संशोधन के लिए निर्देश दिए थे. इस मामले में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और केंद्र से जवाब मांगा था.

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Published : Aug 10, 2020, 10:46 PM IST

HC seeks response from many states regarding 'Medical Termination of Pregnancy Act', next hearing to be held on November 28
HC ने 'मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट' को लेकर कई राज्यों से मांगा जवाब

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के प्रावधान के एक मामले में सुनवाई की. ये सुनवाई एक 20 सप्ताह की गर्भवती महिला की याचिका पर थी. सोमवार को पीजीआई चंडीगढ़ की तरफ से महिला की मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई और जरूरत के अनुसार चिकित्सक उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी.

महिला को गर्भपात के लिए मिल चुकी है मंजूरी

आपको बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महिला को मंजूरी देते हुए कहा था कि एक्ट के तहत अगर किसी गर्भवती महिला का भ्रूण स्थिति घातक रोग या विकृति से ग्रस्त है तो 20 सप्ताह के भ्रूण का मेडिकल बोर्ड की इजाजत से गर्भपात किया जा सकता है.

वहीं हाईकोर्ट ने भविष्य में ऐसे और केस सामने ना आएं, इसलिए इस एक्ट में संशोधन के लिए निर्देश दिए थे. इस मामले में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और केंद्र से जवाब मांगा था. जिसपर वकीलों ने हाई कोर्ट से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए उनको कुछ समय और चाहिए. वकीलों के आग्रह पर हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर तक स्थगित कर दी है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद: मंत्री मूलचंद शर्मा ने नगर निगम अधिकारियों के साथ की बैठक

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के प्रावधान के एक मामले में सुनवाई की. ये सुनवाई एक 20 सप्ताह की गर्भवती महिला की याचिका पर थी. सोमवार को पीजीआई चंडीगढ़ की तरफ से महिला की मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई और जरूरत के अनुसार चिकित्सक उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी.

महिला को गर्भपात के लिए मिल चुकी है मंजूरी

आपको बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महिला को मंजूरी देते हुए कहा था कि एक्ट के तहत अगर किसी गर्भवती महिला का भ्रूण स्थिति घातक रोग या विकृति से ग्रस्त है तो 20 सप्ताह के भ्रूण का मेडिकल बोर्ड की इजाजत से गर्भपात किया जा सकता है.

वहीं हाईकोर्ट ने भविष्य में ऐसे और केस सामने ना आएं, इसलिए इस एक्ट में संशोधन के लिए निर्देश दिए थे. इस मामले में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और केंद्र से जवाब मांगा था. जिसपर वकीलों ने हाई कोर्ट से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए उनको कुछ समय और चाहिए. वकीलों के आग्रह पर हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर तक स्थगित कर दी है.

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