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दिव्यांग कर्मचारी को संस्थान के परिसर में सरकारी मकान दिया तो भी देना होगा वाहन भत्ता: हाईकोर्ट  - vehicle allowance should be pay

हरियाणा सरकार ने कहा कि याची को फैक्ट्री के भीतर ही सरकारी आवास दिया गया है और ऐसे में वह वाहन भत्ते के लिए दावा नहीं कर सकता. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि नियमों में कहीं पर भी यह नहीं दर्ज है कि संस्थान परिसर में अगर आवास दिया गया हो तो वाहन भत्ता नहीं दिया जाता.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 13, 2019, 5:02 AM IST

चंड़ीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारियों के हक में एक अहम फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने ये स्पष्ट कर दिया कि अगर दिव्यांग कर्मचारी को संस्थान परिसर के भीतर आवास दिया गया है तो भी उसे वाहन भत्ते का भुगतान करना होगा.

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को याचिकाकर्ता को याचिका दाखिल करने से 38 महीने पहले से भत्ते का भुगतान कारने के आदेश दिए हैं. याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट संसार कुंडू ने हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. याची ने कहा कि वह 45 प्रतिशत स्थाई रूप से दिव्यांग है. सरकार के नियम के अनुसार दिव्यांग कर्मचारियों को वाहन भत्ता दिया जाता है. याची ने भी इस भत्ते के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका आवेदन 22 मार्च 2016 को खारिज कर दिया गया.

याचिका पर हरियाणा सरकार ने कहा कि याची को फैक्ट्री के भीतर ही सरकारी आवास दिया गया है और ऐसे में वह वाहन भत्ते के लिए दावा नहीं कर सकता. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि नियमों में कहीं पर भी यह नहीं दर्ज है कि संस्थान परिसर में अगर आवास दिया गया हो तो वाहन भत्ता नहीं दिया जाता. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का दावा सही है और ऐसे में सरकार उसे याचिका दाखिल करने से 38 महीने पहले से अब तक का वाहन भत्ते का भुगतान करें.

चंड़ीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारियों के हक में एक अहम फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने ये स्पष्ट कर दिया कि अगर दिव्यांग कर्मचारी को संस्थान परिसर के भीतर आवास दिया गया है तो भी उसे वाहन भत्ते का भुगतान करना होगा.

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को याचिकाकर्ता को याचिका दाखिल करने से 38 महीने पहले से भत्ते का भुगतान कारने के आदेश दिए हैं. याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट संसार कुंडू ने हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. याची ने कहा कि वह 45 प्रतिशत स्थाई रूप से दिव्यांग है. सरकार के नियम के अनुसार दिव्यांग कर्मचारियों को वाहन भत्ता दिया जाता है. याची ने भी इस भत्ते के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका आवेदन 22 मार्च 2016 को खारिज कर दिया गया.

याचिका पर हरियाणा सरकार ने कहा कि याची को फैक्ट्री के भीतर ही सरकारी आवास दिया गया है और ऐसे में वह वाहन भत्ते के लिए दावा नहीं कर सकता. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि नियमों में कहीं पर भी यह नहीं दर्ज है कि संस्थान परिसर में अगर आवास दिया गया हो तो वाहन भत्ता नहीं दिया जाता. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का दावा सही है और ऐसे में सरकार उसे याचिका दाखिल करने से 38 महीने पहले से अब तक का वाहन भत्ते का भुगतान करें.

Intro:दिव्यांग कर्मचारी को संस्थान के परिसर में सरकारी मकान दिया तो भी देना होगा वाहन भत्ता: हाईकोर्ट 

-दिव्यांग कर्मचारी की याचिका पर सुनाया हाईकोर्ट ने अहम फैसला 

-सैकड़ों कर्मचारी होंगे इस फैसले से लाभांवित 


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चंड़ीगढ़।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्टï कर दिया कि यदि दिव्यांग कर्मचारी को संस्थान परिसर के भीतर आवास दिया गया है तो भी उसे वाहन भत्ते का भुगतान करना होगा। यह आदेश सुनाते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को याचिकाकर्ता को याचिका दाखिल करने से 38 माह पूर्व से भत्ते का भुगतान कारने के आदेश दिए हैं। 

याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट संसार कुंडू ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। याची ने कहा कि वह 45 प्रतिशत स्थाई रूप से दिव्यांग है। सरकार के नियम के अनुसार दिव्यांग कर्मचारियों को वाहन भत्ता दिया जाता है। याची ने भी इस भत्ते के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका आवेदन 22 मार्च 2016 को खारिज कर दिया गया। याचिका पर हरियाणा सरकार ने कहा कि याची को फैक्ट्रि के भीतर ही सरकारी आवास दिया गया है और ऐसे में वह वाहन भत्ते के लिए दावा नहीं कर सकता। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि नियमों में कहीं पर भी यह नहीं दर्ज है कि संस्थान परिसर में यदि आवास दिया गया हो तो वाहन भत्ता नहीं दिया जाता। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का दावा सही है और ऐसे में सरकार उसे याचिका दाखिल करने से 38 माह पहले से अब तक का वाहन भत्ते का भुगतान करे।  




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