चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई. जिसमें कहा गया कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जो प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर जा रहे हैं उनको सरकार कुछ राहत दे. याचिका में कहा गया कि ये देखा जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों की हालत काफी खराब है और कई मजदूरों की तो घर जाते समय मौत तक हो गई.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि इसी संबंध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है. जिसमें सभी राज्य सरकरों को और केंद्र शासित प्रदेशों को जवाब देने के लिए कहा गया है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 5 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले से ही संज्ञान ले रखा है. याचिकाकर्ता को कहा गया कि अगर वो चाहे तो सुप्रीम में अपनी याचिका दाखिल कर सकता है.
वहीं, याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता ने जो भी दलील दी है उसमें अखबार की कटिंग दिखाई गई है. जिसके तहत ये बताया जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटते समय काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास प्रवासी मजदूरों की मौजूदा हालत को लेकर कोई आंकड़ा नहीं है. ना ही ये मालूम है कि उन्होंने किसी संबंधित अथॉरिटी को मुआवजे के लिए कहा या नहीं.
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के लिए लगाई गई इस याचिका को आगे सुनने से इंकार कर दिया है. हां, कोर्ट ने जरूर कहा है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पहले ही इस संबंध में याचिका दायर और सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है.