चंडीगढ़ः भारतीय सेना में ड्राइवर व क्लीनर के तौर पर पठानकोट में तैनात कर्मियों के ट्रांसफर मामले में की गई गई अपील पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि आप भारतीय सेना का हिस्सा हैं जो अनुशासन के लिए जानी जाती है. आप देश की सेवा कर रहें हैं और यदि अपनी सुविधा को ही देखना है तो नौकरी छोड़ दो.
हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सभी ने याचिका को वापिस ले लिया जिसके चलते हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.निर्मल सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि वे आर्मी के पठानकोट केंद्र में ड्राइवर व क्लीनर पद पर काम करते हैं. हाल ही में उनका ट्रांसफर कर विभिन्न स्थानों पर पोस्टिंग के आदेश उन्हें थमा दिए गए जो सीधे तौर पर 2013 की इंस्ट्रक्शन के खिलाफ हैं.
मामला सिंगल बेंच के सामने पहुंचा तो सिंगल बेंच ने याचिका को सीधे तौर पर खारिज कर दिया. अब सिंगल बेंच के आदेश को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई तो मामला चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरूण पल्ली की खंडपीठ के समक्ष पहुंचा. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याची को फटकार लगाते हुए पूछा कि जब नियुक्ति दी गई थी तब क्या यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि देश में और यहां तक की देश के बाहर भी ट्रांसफर किया जा सकता है.
कोर्ट ने कहा कि आर्मी देश की सेवा का पेश है और इन हालात में जब देश की सीमा पर तनाव की स्थिति है आप अपने निजी हित को देख रहें हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि जगह छोड़ना नहीं चाहते तो नौकरी छोड़ दो क्योंकि इस स्थिति में हाईकोर्ट के पास उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं है.