चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (HSGPC) नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान कर दी गई. कमेटी के कार्यों के प्रबंधन और निगरानी के लिए गठित एडहॉक कमेटी का कार्यकाल 18 महीने बाद समाप्त होने जा रहा है. इसलिए समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए हरियाणा में गुरुद्वारों का चुनाव कराना आवश्यक है. इसी मकसद से इन नियमों को अधिनियमित किया गया है.
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हरियाणा में गुरुद्वारों और गुरुद्वारा संपत्तियों को बेहतर स्वतंत्र प्रबंधन और प्रभावी पर्यवेक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार द्वारा 14 जुलाई, 2014 को अधिसूचना के माध्यम से हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 नाम से कानून बनाया गया था. इस कानून को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका (सिविल) संख्या 735/2014 दाखिल करके चुनौती दी गई थी.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त, 2014 के आदेश के जरिए निर्देश दिए थे कि इस संबंध में यथा स्थिति बनाई रखी जानी चाहिए. इस निर्देश को ध्यान में रखते हुए अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (8) के अधीन 18 महीने की अपनी सीमा की अवधि के बाद भी एडहॉक कमेटी जारी रही. 20 सितंबर 2022 को इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
हरियाणा में गुरुद्वारों का चुनाव कराने के लिए अधिनियम की धारा 52 के अधीन नियम नहीं बनाए गए थे, ताकि विभिन्न वार्डों से सदस्यों का चुनाव किया जा सके. इसलिए अधिनियम की धारा 16 के खंड (8) में संशोधन करने के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के कार्यों के प्रबंधन और पर्यवेक्षण करने के लिए एडहॉक कमेटी गठित की गई थी, जब तक अधिनियम की धारा 3 और 4 के अधीन चुनाव करवाकर नई समिति का गठन नहीं किया जाता.
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