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हरियाणा के लिंगानुपात में आया बेहतरीन सुधार, पांच साल में हुआ 923- सरकार

हरियाणा ने पिछले पांच वर्षों में लिंगानुपात में बेहतरीन सुधार किया है. ऐसा हम नहीं बल्कि आंकड़ें बता रहे हैं. सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों में बताया गया है कि इस समय हरियाणा का लिंगानुपात 923 है. ये भी बता दें कि 2014 में हरियाणा का लिंगानुपात 870 था.

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Published : Jan 11, 2020, 4:33 PM IST

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से हरियाणा के जिला पानीपत से शुरू किए गए राष्ट्र स्तरीय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए किए गए हस्तक्षेप और कुशल मार्गदर्शन से 5 सालों में 923 के अद्भुत लिंगानुपात को प्राप्त कर लिया है. हरियाणा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने ये जानकारी दी.

5 वर्षों में 25 हजार बेटियों को बचाया गया
उन्होंने बताया कि इस अभियान के शुभारंभ के समय साल 2015 में प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था जो वर्ष 2019 में बढ़कर 923 हो गया है जोकि लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि दर्शाता है और ये अपने आप में अभूतपूर्व उपलब्धि है. कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध चलाए गए इस अभियान के माध्यम से पिछले 5 वर्षों के दौरान हरियाणा में लगभग 25,000 लड़कियों को बचाया जा सका है.

हरियाणा के लिंगानुपात में आया बेहतरीन सुधार, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- 20 जनवरी से शुरू होगा विधानसभा का स्पेशल सेशन, नए विधायकों को दी जाएगी ट्रेनिंग

हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों की ये वृद्धि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दिशानिर्देशों के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए वार्षिक लक्ष्य से भी अधिक है. इस प्रकार हरियाणा लिंगानुपात के मामले में 1000 पुरुषों पर 950 महिलाओं के बैंचमार्क को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है.

हर जिले का लिंगानुपात
पंचकूला में लिंगानुपात 963, अम्बाला में 959, पानीपत में 939, जींद में 938, यमुनानगर में 936, हिसार में 932, पलवल में 930, कुरुक्षेत्र में 929, फतेहाबाद में 922, नूंह में 921, फरीदाबाद में 921, सिरसा में 920, कैथल में 919, रेवाड़ी में 919, महेन्द्रगढ़ में 917, झज्जर में 914, सोनीपत में 911, रोहतक में 911, गुरुग्राम में 910, करनाल में 908 है जबकि इस सूची में भिवानी 894 के साथ रहा है.

वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश में कुल 5,18,725 जन्म पंजीकृत किए गए, जिनमें 2,48,950 बालिकाएं और 2,69,775 बालक शामिल हैं. ऐसे जिले जहां दशकों से लिंगानुपात 900 से कम रहा है, वहां भी अब लिंगानुपात 920 से अधिक हो गया है. दो जिलों पंचकूला और अंबाला ने लिंगानुपात में 950 से अधिक का आंकड़ा प्राप्त किया है, जोकि जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक आदर्श लिंगानुपात है.

2014 में 870 था लिंगानुपात
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के ऐतिहासिक जिला पानीपत से कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्घ राष्टीय स्तर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारम्भ किया था. उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अभियान को एक चुनौती के रूप में लिया, क्योंकि वर्ष 2014 में हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था.

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से हरियाणा के जिला पानीपत से शुरू किए गए राष्ट्र स्तरीय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए किए गए हस्तक्षेप और कुशल मार्गदर्शन से 5 सालों में 923 के अद्भुत लिंगानुपात को प्राप्त कर लिया है. हरियाणा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने ये जानकारी दी.

5 वर्षों में 25 हजार बेटियों को बचाया गया
उन्होंने बताया कि इस अभियान के शुभारंभ के समय साल 2015 में प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था जो वर्ष 2019 में बढ़कर 923 हो गया है जोकि लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि दर्शाता है और ये अपने आप में अभूतपूर्व उपलब्धि है. कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध चलाए गए इस अभियान के माध्यम से पिछले 5 वर्षों के दौरान हरियाणा में लगभग 25,000 लड़कियों को बचाया जा सका है.

हरियाणा के लिंगानुपात में आया बेहतरीन सुधार, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- 20 जनवरी से शुरू होगा विधानसभा का स्पेशल सेशन, नए विधायकों को दी जाएगी ट्रेनिंग

हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों की ये वृद्धि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दिशानिर्देशों के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए वार्षिक लक्ष्य से भी अधिक है. इस प्रकार हरियाणा लिंगानुपात के मामले में 1000 पुरुषों पर 950 महिलाओं के बैंचमार्क को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है.

हर जिले का लिंगानुपात
पंचकूला में लिंगानुपात 963, अम्बाला में 959, पानीपत में 939, जींद में 938, यमुनानगर में 936, हिसार में 932, पलवल में 930, कुरुक्षेत्र में 929, फतेहाबाद में 922, नूंह में 921, फरीदाबाद में 921, सिरसा में 920, कैथल में 919, रेवाड़ी में 919, महेन्द्रगढ़ में 917, झज्जर में 914, सोनीपत में 911, रोहतक में 911, गुरुग्राम में 910, करनाल में 908 है जबकि इस सूची में भिवानी 894 के साथ रहा है.

वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश में कुल 5,18,725 जन्म पंजीकृत किए गए, जिनमें 2,48,950 बालिकाएं और 2,69,775 बालक शामिल हैं. ऐसे जिले जहां दशकों से लिंगानुपात 900 से कम रहा है, वहां भी अब लिंगानुपात 920 से अधिक हो गया है. दो जिलों पंचकूला और अंबाला ने लिंगानुपात में 950 से अधिक का आंकड़ा प्राप्त किया है, जोकि जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक आदर्श लिंगानुपात है.

2014 में 870 था लिंगानुपात
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के ऐतिहासिक जिला पानीपत से कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्घ राष्टीय स्तर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारम्भ किया था. उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अभियान को एक चुनौती के रूप में लिया, क्योंकि वर्ष 2014 में हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से हरियाणा के जिला पानीपत से शुरू किए गए राष्ट्र स्तरीय ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान और मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए किए गए व्यक्तिगत हस्तक्षेप एवं प्रतिबद्धता और कुशल मार्गदर्शन से हरियाणा ने मात्र 5 वर्षों में 923 के अद्भुत लिंगानुपात को प्राप्त कर लिया है । हरियाणा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने आज यहाँ यह जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के शुभारंभ के समय वर्ष 2015 में प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था जो वर्ष 2019 में बढक़र 923 हो गया है जोकि लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि दर्शाता है और यह अपने आप में अभूतपूर्व उपलब्धि है । कन्या भू्रण हत्या के विरूद्ध चलाए गए इस अभियान के माध्यम से पिछले 5 वर्षों के दौरान हरियाणा में लगभग 25,000 लड़कियों को बचाया जा सका है । Body:वीओ -
हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों की यह वृद्धि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दिशानिर्देशों के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए वार्षिक लक्ष्य से भी अधिक है। इस प्रकार हरियाणा लिंगानुपात के मामले में 1000 पुरूषों पर 950 महिलाओं के बैंचमार्क को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है ।
सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के अनुसार दिसम्बर 2019 तक हरियाणा राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 923 रहा। जिला पंचकूला में लिंगानुपात 963, अम्बाला में 959, पानीपत में 939, जींद में 938, यमुनानगर में 936, हिसार में 932, पलवल में 930, कुरुक्षेत्र में 929, फतेहाबाद में 922, नूह में 921, फरीदाबाद में 921, सिरसा में 920, कैथल में 919, रेवाड़ी में 919, महेन्द्रगढ़ में 917, झज्जर में 914, सोनीपत में 911, रोहतक में 911, गुरुग्राम में 910, करनाल में 908 है जबकि इस सूची में भिवानी 894 के साथ रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा इस अभियान के लिए अभिनव और नवल हस्तक्षेप हेतू मुख्यमंत्री कार्यालय में वर्ष 2015 में एक लघु बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सचिवालय स्थापित किया गया तथा स्टिंग आपरेशन चला कर कन्या भ्रूण हत्या के मामलों को रोकने के लिए पीसी-पीएनडीटी अधिनियम एवं एमटीपी अधिनियम को कड़ाई से लागू किया गया । राज्य में इस अभियान के शुरू होने से ले कर अब तक रणनीति और हस्तक्षेप के रूप में गत पांच वर्षों में राज्य भर में 730 से अधिक एफआईआर पीएनडीटी/एमटीपी अधिनियम के तहत दर्ज की गई और लगभग 2000 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया । इसके अतिरिक्त, पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत 200 से अधिक अभियोजन मामले अपराधियों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। राज्य के किसी भी हिस्से में लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या से जुड़े मामलों की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की योजना भी चलाई जा रही है। राज्य में पीएनडीटी/एमटीपी अधिनियम के तहत स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्जिला छापे मारने की एक अनूठी अवधारणा विकसित की गई ताकि सीमा-पार से संचालित कन्या भ्रूण हत्या सम्बन्धित गतिविधियों से निपटा जा सके ।
वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश में कुल 5,18,725 जन्म पंजीकृत किए गए जिनमें 2,48,950 बालिकाएं और 2,69,775 बालक शामिल हैं । ऐसे जिले जहां दशकों से लिंगानुपात 900 से कम रहा है, में भी अब लिंगानुपात 920 से अधिक हो गया है। दो जिलों नामत: पंचकूला और अंबाला ने लिंगानुपात में 950 से अधिक (क्रमश: 963 और 959) का आंकड़ा प्राप्त किया है जोकि जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक आदर्श लिंगानुपात है।
कन्या भू्रण हत्या के विरूद्ध चलाए गए इस अभियान के माध्यम से पिछले 5 वर्षों के दौरान हरियाणा में लगभग 25,000 लड़कियों को बचाया जा सका है। जन्म के समय लिंगानुपात में यह सुधार नारनौल से पंचकूला तक के सभी जिलों में देखा गया है और किसी विशेष बेल्ट या क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा है । राजस्थान का एक सीमावर्ती जिला महेंद्रगढ़, जहां लिंगानुपात आमतौर पर 800 से नीचे रहा है और वर्ष 2014 में 745 था, में भी अब लिंगानुपात वर्ष 2019 में 917 तक पहुंच गया है जोकि 172 अंकों की वृद्धि दर्शाता है। इस प्रकार अकेले जिला महेंद्रगढ़ में 2,500 से अधिक लड़कियों को इस अभियान के तहत बचाया जा सका भसज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई पिछली केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड की बैठक में भारत सरकार ने इस संबंध में हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना की थी और अन्य राज्यों को भी इसका अनुसर करने का आग्रह किया । इस अभियान के तहत शानदार उपलब्धि के लिए भारत सरकार द्वारा हरियाणा को बालिका दिवस 2017, 2018 और 2019 सहित विभिन्न अवसरों पर कई बार सम्मानित किया गया है।Conclusion:गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के ऐतिहासिक जिला पानीपत से कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्घ राष्टीय स्तर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारम्भ किया और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अभियान को एक चुनौती के रूप में लिया क्योंकि वर्ष 2014 में हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था ।
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