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संयुक्त किसान मोर्चा से निकाले जाने के बाद चढ़ूनी का हरियाणा में नया मोर्चा, खुद बने अध्यक्ष

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Published : Jan 21, 2021, 3:02 PM IST

Updated : Jan 21, 2021, 3:20 PM IST

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आंदोलन के बीच गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के किसान संगठनों की बैठक हुई. बैठक में हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया गया.

gurnam singh chaduni
gurnam singh chaduni

चंडीगढ़: गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के कई किसान संगठनों की बैठक हुई. बैठक में हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया गया. गुरनाम सिंह चढूनी को हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है.

इस मौके गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार के प्रस्ताव को छलावा बताया जिसमें डेढ़ साल के लिए कानूनों पर रोक लगाने की बात कही गई थी. चढूनी ने कहा कि सरकार 26 जनवरी को किसान परेड टालने के लिए ऐसा प्रस्ताव लेकर आई. सरकार के प्रस्ताव पर फाइनल चर्चा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में होगी तभी कोई फैसला लिया जाएगा.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि 22 जनवरी को भी सरकार के साथ बैठक है. सरकार के साथ बैठक में समाधान निकलने की उम्मीद कम है. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में बात कम, ब्रेक ज्यादा होते हैं. ट्रैक्टर परेड को लेकर चढूनी ने बताया कि 26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर निकलेगी जिसमें किसान के साथ महिलाएं भी शामिल होंगी.

गुरनाम चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड

गौरतलब है कि गुरनाम सिंह चढूनी को राजनीतिक दलों से गठजोड़ के आरोप में संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी से सस्पेंड किया गया है. गुरनाम सिंह चढूनी पर आरोप है कि वो कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में हैं और उनसे मुलाकात तय कर रहे हैं.

गुरनाम सिंह की तरफ से 22 और 23 जनवरी को एक किसान संसद का आयोजन किया गया है. जिसमें कृषि कानूनों के विरोध करने वाले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत विपक्ष के पूर्व विधायकों, सांसदों, पूर्व सांसदों को बुलाया गया है. इस किसान संसद के लिए भी संयुक्त किसान मोर्चा से इजाजत नहीं ली गई.

ये भी पढे़ं- पुलिस ने नहीं दी ट्रैक्टर रैली की इजाजत, किसान नेता बोले- दिल्ली में ही करेंगे परेड

चंडीगढ़: गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के कई किसान संगठनों की बैठक हुई. बैठक में हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया गया. गुरनाम सिंह चढूनी को हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है.

इस मौके गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार के प्रस्ताव को छलावा बताया जिसमें डेढ़ साल के लिए कानूनों पर रोक लगाने की बात कही गई थी. चढूनी ने कहा कि सरकार 26 जनवरी को किसान परेड टालने के लिए ऐसा प्रस्ताव लेकर आई. सरकार के प्रस्ताव पर फाइनल चर्चा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में होगी तभी कोई फैसला लिया जाएगा.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि 22 जनवरी को भी सरकार के साथ बैठक है. सरकार के साथ बैठक में समाधान निकलने की उम्मीद कम है. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में बात कम, ब्रेक ज्यादा होते हैं. ट्रैक्टर परेड को लेकर चढूनी ने बताया कि 26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर निकलेगी जिसमें किसान के साथ महिलाएं भी शामिल होंगी.

गुरनाम चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड

गौरतलब है कि गुरनाम सिंह चढूनी को राजनीतिक दलों से गठजोड़ के आरोप में संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी से सस्पेंड किया गया है. गुरनाम सिंह चढूनी पर आरोप है कि वो कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में हैं और उनसे मुलाकात तय कर रहे हैं.

गुरनाम सिंह की तरफ से 22 और 23 जनवरी को एक किसान संसद का आयोजन किया गया है. जिसमें कृषि कानूनों के विरोध करने वाले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत विपक्ष के पूर्व विधायकों, सांसदों, पूर्व सांसदों को बुलाया गया है. इस किसान संसद के लिए भी संयुक्त किसान मोर्चा से इजाजत नहीं ली गई.

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Last Updated : Jan 21, 2021, 3:20 PM IST
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