चंडीगढ़: हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से जारी प्राइवेट स्कूलों की मान्यता को रिव्यू किए जाने के आदेश के बाद निजी स्कूल संचालक इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं. इस मामले को लेकर हरियाणा प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने बुधवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मुलाकात की. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने हरियाणा में पेड़ों को बुढ़ापा पेंशन देने पर पर बड़ा बयान दिया है.
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हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने की शिक्षा मंत्री से मुलाकात: हरियाणा प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के साथ हुई मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मसले को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि, इस संबंध में इससे पहले भी एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बातचीत हुई है और उम्मीद है कि इस मामले का समाधान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मामले पर अध्ययन करने के बाद निश्चित तौर पर सरकार इस पर फिर से विचार करेगी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद फैसला लिया जाएगा. प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई है कि एक-दो दिन में इस मसले का समाधान हो जाएगा.
'अधिकारी भी लेते हैं कुछ फैसले': शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कुछ फैसले अधिकारी लेते हैं, ऐसा नहीं है कि सभी फैसले मंत्री लेते हैं. उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों को लगा होगा कि इसकी जरूरत है तभी उन्होंने ऐसा निर्णय लिया होगा. उन्होंने कहा कि अगर इस फैसले को लागू करने की जरूरत नहीं होगी तो जरूर इस पर विचार किया जाएगा.
'स्कूलों को बंद नहीं कर रही सरकार': स्कूलों को मर्ज करने की बातों उन्होंने कहा कि स्कूल मर्ज करने वाली बात गलतफहमी पैदा करने वाली है. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि स्कूल में बच्चों की संख्या के हिसाब से स्कूलों को मर्ज किया जाएगा. हम स्कूलों को बंद नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक ही जगह पांचवी, 10वीं और 12वीं का स्कूल अलग-अलग था तो उनके हेड अलग-अलग नियुक्त होते थे. अब हम उसे मर्ज करके एक ही बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कोई स्कूल बंद नहीं कर रही है यह सब गुमराह करने की बातें हैं.
'बच्चों की संख्य कम होने पर स्कूल किए बंद': उन्होंने कहा कि अगर को स्कूल हमने बंद किए भी तो वह इस आधार पर किए कि वहां पर बच्चों की संख्या बेहद कम थी. इसलिए हमने उन स्कूलों के बच्चों को साथ लगती नजदीक के स्कूल में भेज दिया और हमने उनके लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करने की भी बात कही. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे ही उन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो हम उनसे उनको दोबारा भी खोल देंगे. उन्होंने कहा कि पहले भी हमने 100 स्कूल बंद किए थे, उनमें से 66 स्कूलों को हमने दोबारा से खोल दिया है.
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