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सिपाही भर्ती पेपर लीक मामला: 50-50 हजार के 2 और इनामी गिरफ्तार, अब तक 39 गिरफ्त में - हरियाणा सिपाही भर्ती पेपर

सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले (Constable Recruitment Paper Leak Case) में आरोपियों की धरपकड़ जारी है. इसी कड़ी में पुलिस द्वारा वांछित 50-50 हजार रुपये के 2 और इनामी आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Constable Paper Leak arrest
haryana Constable Recruitment Paper Leak
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Published : Sep 13, 2021, 9:00 PM IST

चंडीगढ़: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामला (Constable Recruitment Paper Leak Case) में हरियाणा पुलिस ने 50-50 हजार रुपये के 2 इनामी आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक कुल 39 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने सोमवार को चंडीगढ़ में जानकारी देते हुए बताया कि पकडे़ गए आरोपियों की पहचान निहाल सिंह निवासी ढानी खुशहाल जिला भिवानी और रमेश निवासी खुडाना जिला महेंद्रगढ के रूप में हुई है.

प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी निहाल सिंह द्वारा पहले गिरफ्तार किए जा चुके आरोपी नरेंद्र से आंसर की प्राप्त की गई थी और उसके द्वारा आगे कुछ कैंडिडेटस को आंसर की उपलब्ध करवाई गई थी. 4 अगस्त को ओंकार होटल, हिसार में पेपर आउट करवाने को लेकर नरेंद्र द्वारा आयोजित करवाई गई मीटिंग में आरोपी रमेश भी शामिल रहा था और उसने आरोपी नरेंद्र से आंसर की प्राप्त की थी. पुलिस महानिदेशक हरियाणा द्वारा उक्त मामले में वांछित 2 आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने पर 2-2 लाख रुपये इनाम और 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने पर 50-50 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था.

ये भी पढ़ें- सिपाही भर्ती पेपर लीक मामला: 50-50 हजार के 2 इनामी गिरफ्तार, दोनों को पुलिस रिमांड

उपरोक्त दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी से पूर्व पुलिस द्वारा 50-50 हजार रुपये के 4 इनामी आरोपी और 2 लाख रुपए के ईनामी अपराधी मुजफर अहमद खान निवासी गुल जिला रामबन जम्मू को पहले ही गिरफतार किया जा चुका है. काबू किए गए आरोपी निहाल सिंह और रमेश को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 6 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है.

क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. इससे पहले भी राज्य में कई बार पेपर लीक होने के कारण कई परीक्षाएं रद्द हुई थी. बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान थी. यही वजह है कि सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून भी पास किया.

ये भी पढ़ें- जिनके ऊपर परीक्षा की जिम्मेदारी वही कर रहे पेपर लीक, ये हैं युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वाले

चंडीगढ़: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामला (Constable Recruitment Paper Leak Case) में हरियाणा पुलिस ने 50-50 हजार रुपये के 2 इनामी आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक कुल 39 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने सोमवार को चंडीगढ़ में जानकारी देते हुए बताया कि पकडे़ गए आरोपियों की पहचान निहाल सिंह निवासी ढानी खुशहाल जिला भिवानी और रमेश निवासी खुडाना जिला महेंद्रगढ के रूप में हुई है.

प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी निहाल सिंह द्वारा पहले गिरफ्तार किए जा चुके आरोपी नरेंद्र से आंसर की प्राप्त की गई थी और उसके द्वारा आगे कुछ कैंडिडेटस को आंसर की उपलब्ध करवाई गई थी. 4 अगस्त को ओंकार होटल, हिसार में पेपर आउट करवाने को लेकर नरेंद्र द्वारा आयोजित करवाई गई मीटिंग में आरोपी रमेश भी शामिल रहा था और उसने आरोपी नरेंद्र से आंसर की प्राप्त की थी. पुलिस महानिदेशक हरियाणा द्वारा उक्त मामले में वांछित 2 आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने पर 2-2 लाख रुपये इनाम और 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने पर 50-50 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था.

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उपरोक्त दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी से पूर्व पुलिस द्वारा 50-50 हजार रुपये के 4 इनामी आरोपी और 2 लाख रुपए के ईनामी अपराधी मुजफर अहमद खान निवासी गुल जिला रामबन जम्मू को पहले ही गिरफतार किया जा चुका है. काबू किए गए आरोपी निहाल सिंह और रमेश को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 6 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है.

क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. इससे पहले भी राज्य में कई बार पेपर लीक होने के कारण कई परीक्षाएं रद्द हुई थी. बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान थी. यही वजह है कि सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून भी पास किया.

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