नूंह: हरियाणा निकाय चुनाव नजदीक है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काफी लंबे से लंबित पड़ी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़क पर उतर आई है. सोमवार को बाल विकास और आंगनबाड़ी महिला वर्कर्स यूनियन नूंह इकाई की आंगनबाड़ी कर्मी व हेल्पर ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अपना ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री नायब सैनी को भेजा है.
'पोषण ट्रैकर ऐप सबसे बड़ी परेशानी': आंगनबाड़ी वर्कर-हेल्पर को ग्रेजुएटी अधिनियम 1972 के अनुसार ग्रेजुएटी का लाभ दिया जाए. आंगनबाड़ी सेंटरों को चलाने में जो वर्करों को समस्या आ रही है, उनमें तकरीबन 11 ऐसी मांगें हैं, जिनका स्थाई समाधान सरकार को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो पोषण ट्रैकर एप सरकार ने चलाया है, उससे आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उसे समाप्त किया जाना चाहिए ताकि आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्परों को काम करने में आसानी हो.
क्या है पोषण ट्रैकर एप: पोषण ट्रैकर एप पर गर्भवती महिलाओं समेत कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों का डाटा भी अपलोड किया जाता है. एप के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को योजनाओं का लाभ दिया जाता है. इस एप पर गर्भवती महिलाओं समेत अन्य डाटा भी अपलोड रहता है. डाटा अपलोड होने के बाद उच्चाधिकारी सीधे लाभार्थियों से जानकारी ले सकते हैं.
'सरकार ने पूरे नहीं किए वादे': वहीं, प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि 50 फीसदी प्रमोशन से पदोन्नति का लाभ दिया जाए. जो कि सरकार द्वारा 2021 में भी घोषणा की गई थी. अगस्त 2024 में भी 50 फीसदी की घोषणा को रिपीट किया गया. लेकिन आज तक प्रमोशन की कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई. इसके अलावा, महिलाओं ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर के लिए 1500 हेल्पर के लिए 750 रुपये की घोषणा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में दिवाली के तोहफे के तौर पर की थी. जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया.
आंगनबाड़ी महिलाओं की मांग: महिलाओं ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक, आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर के मानदेय के अनुपात में जो फर्क किया गया, उसको ठीक किया जाए. जितने भी आंगनबाड़ी वर्कर के पद खाली हैं. पहले समायोजन किया जाए और 50 फीसदी को पदोन्नति की जाए. प्ले स्कूलों में काम करने वाली वर्करों की मदद के लिए एक कर्मी एक्स्ट्रा दी जाए. सभी वर्कर-हेल्पर को कम मानदेय वर्कर समझते हुए सभी को बिना शर्त चिकित्सा लाभ दिया जाए. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने दो टूक कहा कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो संघर्ष जारी रहेगी.
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