चंडीगढ़: हरियाणा में मानसून (Monsoon In Haryana) दमदार दस्तक दे चुका है. मंगलवार को हुई मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी. कई जिलों में तो बाढ़ से हालात (Waterlogging in Haryana) पैदा हो गए. लोगों के घरों तक पानी घुस गया. जलभराव होने की वजह से हरियाणा के लोगों का काफी परेशानी हुई. इस बार हुई मानसून की पहली बारिश ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़े. कई रिकॉर्ड इस बार मंगलवार को हुई बारिश ने बनाए भी हैं.
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मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में करनाल में बारिश ने पिछले 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है. साल 2011 में करनाल में 43.2 एमएम बारिश हुई थी. वहीं साल 2012 में 16.6 एमएम बारिश हई. जो अभी तक का सबसे कम रिकॉर्ड है. 24 घंटे के अंदर पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड साल 2020 में बना था. साल 2020 में 24 घंटों में 121.0 एमएम हई थी. लेकिन इस बार करनाल जिले में बीते 24 घंटे में 190 एमएम रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है.
इसके अलावा 12 जुलाई रात से 13 जुलाई सुबह 8:30 बजे तक हरियाणा के अंबाला में 26 मिलीमीटर बरसात हुई. गुरुग्राम में 51 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई. रोहतक में 10 मिलीमीटर के करीब बारिश दर्ज की गई. वहीं 13 जुलाई को सुबह 8:30 से शाम तक करनाल में 190 मिलीमीटर और रोहतक में करीब 14 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में हरियाणा के कई जिलों में हल्की और हल्की से अधिक बारिश होने की संभावना बनी हुई है. यानी 14, 15, और 16 जुलाई को हरियाणा के कई इलाकों में मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी.
मंगलवार को हुई बारिश में फरीदाबाद पानी-पानी हो गया. मुख्य चौराहे जैसे बाटा चौक, सीही चौक और बीके चौक पर गाड़ियां तैरती नजर आई. ऐसे में लोगों के लिए पैदल निकल पाना भी बेहद मुश्किल हो गया. नेशनल हाईवे पर पानी की निकासी ना होने के कारण पानी रोड पर जमा हो गया है, जिस वजह से जाम भी लग गया. बारिश ने सीएम सिटी करनाल (water logging karnal) को भी पानी-पानी कर दिया. पूरा शहर मानों मानसून की पहली बारिश में डूब गया. फिर चाहे वो घंटा घर, लिबर्टी चौक, अंबेडकर चौक या फिर मटका चौक ही क्यों ना हो.
दूसरी तरफ यमुनानगर में भी मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी. यमुनानगर के बॉम्बे पुर, चांदपुर और नग्गल पट्टी गांव में हुई बारिश की वजह से ड्रेन टूटने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इसके साथ ही पांवटा साहिब नेशनल हाईवे पर लगते यमुनानगर के 3 गांव के कई घरों में पानी घुस गया तो वहीं नेशनल हाईवे पर भी करीब 3-3 फीट तक पानी भर गया.