चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (haryana monsoon session) के दौरान कांग्रेस ने पूर्व सीएम और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया था. वहीं इस प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस अब घिरती नजर आ रही है. दरअसल इस प्रदर्शन में कांग्रेस ने एक छोटे बच्चे को (haryana congress protest child included) भी बुलाया था. कांग्रेस द्वारा निकाले गए पैदल रोष मार्च में रिक्शा पर एक छोटे बच्चे को बैठाया गया था. उसके हाथ में कापी-पेन था और वह कुछ लिख रहा था. कांग्रेस का ये प्रदर्शन पेपर लीक के खिलाफ था और कांग्रेसी प्रदर्शनकारी रिक्शा में बैठे इस बच्चे को आधार बनाकर यही संदेश देना चाह रहे थे.
वहीं अब इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. इस मामले को लेकर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि ये बेहद निंदनीय काम है, अगर कांग्रेस को सरकार का इस मुद्दे पर विरोध करना है तो वह सदन में आए और सरकार से सवाल पूछे, लेकिन इस तरह अपने प्रदर्शन में बच्चों को बुलाना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सरकार के सामने जो प्रश्न रखेंगे उनका सही तरीके से और मजबूती के साथ जवाब दिया जाएगा.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में 14 हजार सरकारी स्कूल हैं जिनमें कुछ स्कूलों में कमियां भी होंगी. विपक्ष विरोध करने से पहले सरकार के सामने उन कमियों को लाए. जिनका सरकार जवाब देगी और कमियों को पूरा भी करेगी. कांग्रेस को प्रदर्शन भी करना है तो करे, लेकिन बच्चों को इस तरह प्रदर्शन में लाकर आए.
बता दें कि, इस पहले भी हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में महिला विधायकों द्वारा ट्रैक्टर खींचने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस विवादों में घिरे थे. वहीं अब मानसून सत्र के दौरान पेपर लीक के खिलाफ किए गए प्रदर्शन में एक बच्चे को शामिल करने पर एक बार फिर पूर्व सीएम हुड्डा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. इससे पहले भी राज्य में कई बार पेपर लीक होने के कारण कई परीक्षाएं रद्द हुई थी. बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान है. यही वजह है कि सरकार विधानसभा के इसी सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने पर विचार कर रही है.