चंडीगढ़: हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केसनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि ‘अटल जल हरियाणा’ कार्यक्रम प्रदेश के भूजल-नियंत्रण में क्रांति (Atal Jal Haryana Programe) लाएगा. इसके साथ- साथ यह पूरे देश के लिए एक मिसाल साबित होगा. केसनी आनंद ने ये बात आज हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन कार्यशाला’ में कही है. बता दें कि इस कार्यशाला में प्रस्तुत जल सुरक्षा योजनाओं और जल सुरक्षा योजनाओं की तैयारी के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं पर सामूहिक चिंतन किया गया. दो दिन तक चली इस कार्यशाला में सभी जिलों के नोडल अधिकारी सहित डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के विशेषज्ञ उपस्थित थे.
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन श्रीमती केसनी आनंद अरोड़ा ने एजेंडे के संक्षिप्त परिचय के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. विभिन्न जिला टीमों द्वारा प्रस्तुत 'जल सुरक्षा योजनाओं’ की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी गई. उन्होंने बेहतर और सहभागी भूजल प्रबंधन के लिए योजनाओं की तैयारी में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर भी चर्चा की.
चर्चा में प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट इंप्लीमेंटेशन पार्टनर टीम द्वारा अपने-अपने विचार रखे गए. इसमें स्टेट प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट द्वारा बैठक में सभी टीमों के प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास किया गया. विलेज वॉटर सीवेज कमेटी, डेटा संग्रह आदि से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया गया. इस पर विभाग की ओर से सभी प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया गया.
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इस मौके पर प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और लिफ्ट कैनाल यूनिट के इंजीनियर-इन-चीफ डॉ. सतबीर सिंह कादियान भी उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि अटल जल योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में जल-पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान ग्रामीण अपने भूजल संसाधनों का स्वामित्व लेंगे और राज्य की टीम के परामर्श से भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे.
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