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अनिल विज, विभाग और विवाद, क्या दिल्ली दरबार में होगा समाधान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Haryana Home Minister Anil Vij हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने बेबाक अंदाज को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहते हैं. इस बार अनिल विज किसी अन्य कारण से सुर्खियों में बने हुए हैं. खबरों के मुताबिक अनिल विज इन दिनों स्वास्थ्य विभाग से नाराज चल रहे हैं, आखिर क्या है पूरा मामला ? इस मामले में राजनीतिक विशेषज्ञों का क्या कहना है ? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर. CMO officials in Haryana

Anil Vij Health Department controversy
अनिल विज विभाग और विवाद
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 1, 2023, 12:05 PM IST

Updated : Nov 1, 2023, 1:14 PM IST

अनिल विज ने अपने विभाग बदलने पर दिया जवाब

चंडीगढ़: हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को प्रदेश के लोग गब्बर के नाम से भी जानते हैं. गब्बर को कब और किस बात पर गुस्सा आ जाए कोई कह नहीं सकता ?. अनिल विज अपने एक्शन और सरकार से नाराजगी की वजह से भी कई बार चर्चा में बने रहते हैं. इन दिनों वे सीएम कार्यालय के एक अधिकारी की वजह से स्वास्थ्य विभाग से विमुख हो गए हैं. हालांकि उन्होंने साफ कर दिया है कि कुछ फाइल पेंडिंग थी जिनकों क्लीयर कर दिया गया है. कुछ पर रिटेंडर के आदेश दिए हैं. अपने विभाग बदलने पर भी उन्होंने कहा है कि जो लोग ये कह रहे हैं. वे ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं.

विवादों का अनिल विज ने किया खंडन: मीडिया में चर्चा है कि अनिल विज सीएमओ के एक अधिकारी के स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेने से नाराज चल रहे हैं. इसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग के काम कई दिनों से पेंडिंग चल रहे हैं. हालांकि अनिल विज ने इस बात का खंडन किया है. उनका कहना है कि पेंडिंग फाइळ क्लीयर कर दी गई हैं. अब जो लोग स्वास्थ्य विभाग बदलने की बात सोशल मीडिया पर कर रहे हैं. वे ही इसका जवाब दे सकते हैं.उनको इसके बारे में कुछ नहीं पता है.

जानकारों की नजर में क्या है 'विज विवाद'?: इस पूरे विवाद पर सियासी गलियारों में जमकर चर्चा है. इसका विश्लेषण भी हो रहा है. राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं,'अनिल विज गब्बर के नाम से विख्यात हैं. उनके बयान सीएम को कई बार मुश्किल में डालते हैं. एक बार उनका सीआईडी को लेकर विवाद हो गया था. पूर्व डीजीपी मनोज यादव को लेकर भी उनका विवाद रहा.'गुरमीत सिंह आगे विश्लेषण करते हैं कि अनिल विज की छवि ईमानदार नेता की है. ईमानदार आदमी को घेरना मुश्किल होता है. इसी के चलते उनके बयानों की काट किसी के पास नहीं होती है. इसलिए जो उनकी इच्छा होती है. वे वह कह देते हैं. स्वास्थ्य विभाग को लेकर सीएमओ के एक अधिकारी ने बैठक ली जिससे वे अब नाराज चल रहे हैं. इसको लेकर भी बयान आए हैं. हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह मुख्य सचिव की भूमिका उतनी अहम नहीं होती है. यहां सीएमओ के अधिकारियों में विभाग बंटे होते हैं, वे प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कई बार मंत्री से भी ज्यादा ताकतवर हो जाते हैं. वहीं, अनिल विज झुकते नहीं है और ना ही समझौता करते हैं.

'CMO के अधिकारी से अनिल विज का टकराव': राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार सीएमओ के अधिकारी से उनका टकराव हुआ है. इसकी वजह से ये चर्चाएं है. अगर वे झुकेंगे नहीं और समझौता नहीं होगा तो उनका विभाग भी बदला जा सकता है. या फिर वे खुद ही इस्तीफा दे सकते हैं. प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं, 'अगर अनिल विज इस्तीफा देते हैं तो यह सरकार के लिए शर्मिंदगी का विषय होगा. वहीं, चुनावी साल आ गया है. इस्तीफा देने से अनिल विज को फायदा होगा. ऐसा करके अनिल विज सरकार के खिलाफ जो नाराजगी का माहौल है. उससे खुद को अलग कर लेंगे.' वैसे अब इस मामले का पटाक्षेप देखना भी दिलचस्प होगा. ऐसे में अगर हाई कमान उनसे कहेगा कि आपका विभाग बदला जाएगा और आप इस्तीफा नहीं देंगे तो हो सकता है .वह मान भी जाएं, लेकिन अगर अनिल विज की अपनी चली तो वे इसको अपनी नाक का सवाल बना लेंगे. ऐसे में अगर उनका विभाग बदल गया तो वह इस्तीफा भी दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Haryana Home Minister Big Action : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का बड़ा एक्शन, पुलिस विभाग के 372 इंक्वायरी अफसरों को किया सस्पेंड

दिल्ली दौरे पर जाएंगे सीएम मनोहर लाल: सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली दौरे पर जाने वाले हैं. इस दौरान वे हाइकमान से भी मुलाकात कर सकते हैं. हो सकता है इस दौरान अनिल विज के मुद्दे पर भी पार्टी के नेताओं से बात हो. वहीं, अनिल विज के भी दिल्ली जाने की बातें सामने आ रही हैं. हो सकता है दिल्ली दौरे के दौरान अनिल विज की पार्टी की वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत हो. अनिल विज वहां पर अपना पक्ष रखें.

अनिल विज और सीएम के बीच टकराव: अनिल विज विवाद के मुद्दे पर राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि सरकार के बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री और अनिल बीच के बीच टकराव की स्थितियां हमेशा बनी रही. शुरुआत सीएमओ के दो अधिकारियों को अनिल विज के विभाग में तैनात करने से हुई थी. उसके बाद सीआईडी का विवाद हुआ जो करीब डेढ़ महीने चला और आखिरी में विज से सीआईडी को ले लिया गया. बाद में सीआईडी सीएम के पास चली गई. बात टकराव की ही नहीं है अनिल विज बहुत सीनियर विधायक हैं .छह बार जीतकर आए हैं, जबकि सीएम दूसरी बार विधायक बने हैं. राजनीतिक मामलों के जानकारों का कहना है कि अनिल विज मानते हैं कि वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वरिष्ठ हैं. उसके हिसाब से जो उन्हें मिलना चाहिए था. वह उन्हें नहीं मिला है. इसलिए वह गाहे बगाहे अपने मन की बात को बाहर ले आते हैं.

ये भी पढ़ें: 372 IO Suspension in Haryana: 100 जांच अधिकारियों के निलंबन के बाद बाकी पर कार्रवाई क्यों नहीं, गृह मंत्री अनिल विज ने बुधवार तक का दिया अल्टीमेटम

अनिल विज ने अपने विभाग बदलने पर दिया जवाब

चंडीगढ़: हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को प्रदेश के लोग गब्बर के नाम से भी जानते हैं. गब्बर को कब और किस बात पर गुस्सा आ जाए कोई कह नहीं सकता ?. अनिल विज अपने एक्शन और सरकार से नाराजगी की वजह से भी कई बार चर्चा में बने रहते हैं. इन दिनों वे सीएम कार्यालय के एक अधिकारी की वजह से स्वास्थ्य विभाग से विमुख हो गए हैं. हालांकि उन्होंने साफ कर दिया है कि कुछ फाइल पेंडिंग थी जिनकों क्लीयर कर दिया गया है. कुछ पर रिटेंडर के आदेश दिए हैं. अपने विभाग बदलने पर भी उन्होंने कहा है कि जो लोग ये कह रहे हैं. वे ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं.

विवादों का अनिल विज ने किया खंडन: मीडिया में चर्चा है कि अनिल विज सीएमओ के एक अधिकारी के स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेने से नाराज चल रहे हैं. इसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग के काम कई दिनों से पेंडिंग चल रहे हैं. हालांकि अनिल विज ने इस बात का खंडन किया है. उनका कहना है कि पेंडिंग फाइळ क्लीयर कर दी गई हैं. अब जो लोग स्वास्थ्य विभाग बदलने की बात सोशल मीडिया पर कर रहे हैं. वे ही इसका जवाब दे सकते हैं.उनको इसके बारे में कुछ नहीं पता है.

जानकारों की नजर में क्या है 'विज विवाद'?: इस पूरे विवाद पर सियासी गलियारों में जमकर चर्चा है. इसका विश्लेषण भी हो रहा है. राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं,'अनिल विज गब्बर के नाम से विख्यात हैं. उनके बयान सीएम को कई बार मुश्किल में डालते हैं. एक बार उनका सीआईडी को लेकर विवाद हो गया था. पूर्व डीजीपी मनोज यादव को लेकर भी उनका विवाद रहा.'गुरमीत सिंह आगे विश्लेषण करते हैं कि अनिल विज की छवि ईमानदार नेता की है. ईमानदार आदमी को घेरना मुश्किल होता है. इसी के चलते उनके बयानों की काट किसी के पास नहीं होती है. इसलिए जो उनकी इच्छा होती है. वे वह कह देते हैं. स्वास्थ्य विभाग को लेकर सीएमओ के एक अधिकारी ने बैठक ली जिससे वे अब नाराज चल रहे हैं. इसको लेकर भी बयान आए हैं. हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह मुख्य सचिव की भूमिका उतनी अहम नहीं होती है. यहां सीएमओ के अधिकारियों में विभाग बंटे होते हैं, वे प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कई बार मंत्री से भी ज्यादा ताकतवर हो जाते हैं. वहीं, अनिल विज झुकते नहीं है और ना ही समझौता करते हैं.

'CMO के अधिकारी से अनिल विज का टकराव': राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार सीएमओ के अधिकारी से उनका टकराव हुआ है. इसकी वजह से ये चर्चाएं है. अगर वे झुकेंगे नहीं और समझौता नहीं होगा तो उनका विभाग भी बदला जा सकता है. या फिर वे खुद ही इस्तीफा दे सकते हैं. प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं, 'अगर अनिल विज इस्तीफा देते हैं तो यह सरकार के लिए शर्मिंदगी का विषय होगा. वहीं, चुनावी साल आ गया है. इस्तीफा देने से अनिल विज को फायदा होगा. ऐसा करके अनिल विज सरकार के खिलाफ जो नाराजगी का माहौल है. उससे खुद को अलग कर लेंगे.' वैसे अब इस मामले का पटाक्षेप देखना भी दिलचस्प होगा. ऐसे में अगर हाई कमान उनसे कहेगा कि आपका विभाग बदला जाएगा और आप इस्तीफा नहीं देंगे तो हो सकता है .वह मान भी जाएं, लेकिन अगर अनिल विज की अपनी चली तो वे इसको अपनी नाक का सवाल बना लेंगे. ऐसे में अगर उनका विभाग बदल गया तो वह इस्तीफा भी दे सकते हैं.

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दिल्ली दौरे पर जाएंगे सीएम मनोहर लाल: सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली दौरे पर जाने वाले हैं. इस दौरान वे हाइकमान से भी मुलाकात कर सकते हैं. हो सकता है इस दौरान अनिल विज के मुद्दे पर भी पार्टी के नेताओं से बात हो. वहीं, अनिल विज के भी दिल्ली जाने की बातें सामने आ रही हैं. हो सकता है दिल्ली दौरे के दौरान अनिल विज की पार्टी की वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत हो. अनिल विज वहां पर अपना पक्ष रखें.

अनिल विज और सीएम के बीच टकराव: अनिल विज विवाद के मुद्दे पर राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि सरकार के बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री और अनिल बीच के बीच टकराव की स्थितियां हमेशा बनी रही. शुरुआत सीएमओ के दो अधिकारियों को अनिल विज के विभाग में तैनात करने से हुई थी. उसके बाद सीआईडी का विवाद हुआ जो करीब डेढ़ महीने चला और आखिरी में विज से सीआईडी को ले लिया गया. बाद में सीआईडी सीएम के पास चली गई. बात टकराव की ही नहीं है अनिल विज बहुत सीनियर विधायक हैं .छह बार जीतकर आए हैं, जबकि सीएम दूसरी बार विधायक बने हैं. राजनीतिक मामलों के जानकारों का कहना है कि अनिल विज मानते हैं कि वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वरिष्ठ हैं. उसके हिसाब से जो उन्हें मिलना चाहिए था. वह उन्हें नहीं मिला है. इसलिए वह गाहे बगाहे अपने मन की बात को बाहर ले आते हैं.

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Last Updated : Nov 1, 2023, 1:14 PM IST
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