चंडीगढ़: आखिरकार हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले सरकार अनिल विज के स्वास्थ्य विभाग को लेकर हरकत में आ गई. जानकारी के मुताबिक 5 अक्टूबर से चल रहा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के स्वास्थ्य विभाग के विवाद को सुलझा लिया गया है. इस मुद्दे का सुलझाना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को देखना बंद कर दिया था. अनिल विज यहां तक कह चुके थे कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का जवाब नहीं देंगे. वहीं हरियाणा हेल्थ विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर को हरियाणा लोक सेवा आयोग का मेंबर बनाने का फैसला किया है.
सीएम से मुलाकात के बाद अनिल विज की नाराजगी दूर: सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दखल के बाद गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की नाराजगी के मामले को सुलझा लिया गया है. बताया जा रहा है कि सीएम से हुई मुलाकात के बाद अनिल विज की नाराजगी दूर हो गई है. बताया जा रहा है कि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की सीएम मनोहर लाल के साथ 7 दिसंबर को हुई मीटिंग में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री की रखी गई शर्तों को मानते हुए स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर को हेल्थ विभाग से हटा दिया गया था.
HPSC की मेंबर बनेंगी डॉ. सोनिया त्रिखा : हरियाणा मुख्यमंत्री खट्टर के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की पत्नी और हरियाणा हेल्थ विभाग की महानिदेशक डॉ सोनिया त्रिखा खुल्लर अब HPSC की मेम्बर बनेंगी. इस संबंध में गवर्नर ने आदेश जारी कर दिए हैं. आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से चल रहे स्वास्थ्य विभाग के विवाद को विराम लगाने के लिए डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर को स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक पद से हटा दिया गया था. पहले उनको छुट्टी पर भेजे जाने की खबर आ रही थी, लेकिन अब उनको हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का सदस्य बना दिया गया है.
इधर नाराजगी दूर, उधर अधिकारी खुश ! : ऐसे में एक तरफ जहां सीएम मनोहर लाल ने अनिल विज की नाराजगी को दूर कर दिया है, तो वहीं मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को भी एक तरह से खुश कर दिया है. आपको बता दें कि राजेश खुल्लर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नजदीकी अफसरों में से एक हैं. वे मुख्यमंत्री कार्यालय के सबसे ताकतवर अधिकारी माने जाते हैं.
विपक्षी पार्टियों ने घेरा था : राजेश खुल्लर ने 5 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली थी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री मौजूद नहीं थे. वहीं उनकी पत्नी स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक थीं. इसी वजह से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 5 अक्टूबर से स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को देखना बंद कर दिया था. वे इससे बेहद नाराज चल रहे थे. वहीं उनकी नाराजगी का आलम यहां तक पहुंच गया था कि ये मुद्दा राष्ट्रीय नेताओं तक भी पहुंच गया था. इसको लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर थीं. विपक्ष के तमाम नेता लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि स्वास्थ्य विभाग में 3000 से ज्यादा फाइल है अटकी पड़ी है. जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से पैरालाइज हो गया है.उसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनसे इस मुद्दे को लेकर बातचीत की. 2 महीने से ज्यादा समय के बाद भी इस मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया था, जिसके बाद डॉक्टर सोनिया त्रिखा खुल्लर को महानिदेशक पद से हटा दिया गया था.
सोमवार से पेंडिंग फाइलों पर काम शुरू करेंगे अनिल विज!: वहीं, अब DG हेल्थ सेकेंड डॉ. आरएस पूनिया बतौर HOD स्वास्थ्य विभाग का कामकाज देखेंगे. अब सोमवार से स्वास्थ्य विभाग में पेंडिंग फाइलों का काम शुरू हो जाएगा. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अब अनिल विज स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का जवाब देंगे.
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