चंडीगढ़: कोरोना काल के दौरान अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों से ज्यादापैसे वसूलने की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं. अब हरियाणा सरकार को भी प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से चूना लगाने का प्रयास हुआ तो सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए है प्राइवेट अस्पतालों की अदायगी पर रोक लगा दी है. साथ ही फिर से अस्पतालों को बिल भेजने को कहा गया है, इसके साथ ही पहले हुई ज्यादा अदायगी भी वापस मांगी गई है.
दरअसल, हरियाणा में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से कोरोना मरीजों से ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायतों को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है. जिसके तहत प्रतिपूर्ति की हुई ज्यादा अदायगी भी वापस ली जाएगी.
हरियाणा में सरकारी कर्मचारी, उनके आश्रितों और पेंशनर्स को इलाज के बाद क्षतिपूर्ति में भारी भरकम बिल प्राइवेट हॉस्पिटलों की तरफ से थमाए जाने के मामले में अब सरकार की तरफ से बिलों कि अदायगी पर रोक लगाते हुए अब फिर से बिल संशोधित कर देने को कहा गया है.
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स्वास्थ्य निदेशालय के पास बड़ी संख्या में ऐसे मामले पहुंचे हैं, जिनमें निजी अस्पतालों की ओर से प्रतिपूर्ति के लिए मांगा जा रहा पैसा सरकार की ओर से स्वीकृत धनराशि से काफी ज्यादा है. इस पर सख्ती दिखाते हुए स्वास्थ्य निदेशक ने बिलों की अदायगी पर रोक लगाते हुए दोबारा से निर्धारित मानकों के अनुसार बिल बनाने को कहा गया है.
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बता दें कि सरकार की ओर से कोविड-19 समेत अन्य बीमारियों के पैकेज बनाए गए हैं. मरीजों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर पैनल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है. बदले में सरकार निजी अस्पताल संचालकों को प्रतिपूर्ति करती है, लेकिन ज्यादा पैसा वसूलने के चलते अब ये अदायगी पर संशय गहरा गया है.