चंडीगढ़: हरियाणा में अबतक एस्टिमेशन साढ़े 8 लाख मीट्रिक टन धान आ चुका है. धान की इतनी ज्यादा हुई आवक पर हरियाणा सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है. विरोधी सरकार पर घोटाले और धान नहीं खरीदने का आरोप लगा रहे हैं. विरोधियों के आरोपों पर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जवाब दिया है.
हरियाणा में होगा राइस मिलर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन
डिप्टी सीएम दुष्यंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एस्टिमेशन से इतने ज्यादा धान का आना अपने आप में सवालिया निशाना है. सरकार इस बात की जांच कर रही है. विरोधियों के सरकार पर लगाए धान नहीं खरीदने के आरोप पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ऐसा नहीं कि सरकार किसान का धान नहीं खरीद रही है. बस सरकार की ओर से राइस मिलर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन कराया जा रहा है.
गलत जानकारी देने पर होगी विभागीय कार्रवाई
डिप्टी सीएम ने कहा कि फिजिकल वेरिफिकेशन कराने के बाद अगर परमल की जगह बासमती निकलती है या अगर मात्रा कम निकलती है तो ऐसे राइस मिलर्स के खिलाफ जांच की जाएगी और विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
‘धान का हर एक दाना खरीदा गया’
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि विपक्षी पार्टियों की ओर से विधानसभा में सवाल खड़े किए थे. जिसके बाद कैबिनेट में इस पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि सरकार ने 14 नवंबर तक धान का आखिरी दाना तक खरीदा है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाली परमल को भी हरियाणा में घुसने नहीं दिया. इतने बड़े स्तर पर धान की मात्रा को स्टोर करना सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिए स्टोर की वेरिफिकेशन होना बेहद जरूरी है.
ये भी पढ़िए: देशभर से लोग इन गांवों के गेहूं की करते हैं डिमांड, बिन सिंचाई-बिन खाद होती है पैदावार
बता दें कि विपक्ष की तरफ से सरकार पर धान की खरीद न होने के आरोप लगाए गए थे और अब आरोप लग रहे हैं कि कुछ राइस मीलर्स गलत तरीके से बाहरी राज्यों से धान खरीदकर बेच रहे हैं. जिसके बाद अब सरकार की ओर से राइस मीलर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन कराई जा रही है.