चंडीगढ़: सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए एक नायब तहसीलदार और बीडीओ समेत 6 अफसरों और कर्मचारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुशासन प्रोग्राम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राकेश गुप्ता एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने आदेश जारी जारी किए.
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
राकेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश हैं कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. समीक्षा बैठक के दौरान पानीपत जिले के रेर कलां गांव के सरपंच को गिरफ्तार करने के लिए पानीपत के पुलिस अधीक्षक को स्पेशल टीम बनाने का निर्देश दिया गया. सरपंच गांव के पंचायती फंड से 1.87 करोड़ का गबन कर फरार है.
पंचायती फंड में हेराफेरी करने के ऐसे ही एक मामले में मेवात के पंचायती फंड में से फर्जी कागजों के आधार पर 1 करोड़ 60 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालने का मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आते ही उन्होंने बीडीओ अमित कुमार और तत्कालीन पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है. साथ ही दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी दिया गया.
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यमुनानगर के एक भ्रष्टाचार के मामले में सही तरीके से उत्तर नहीं देने के चलते पंचायती राज विभाग के नोडल अधिकारी ऋषि डांगी को राकेश गुप्ता ने तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किए गए. सीएम ने कहा कि अगली किसी बैठक में वो नोडल अधिकारी के नाते शामिल नहीं होंगे. उनके स्थान पर विभाग का एचसीएस स्तर का अधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश भी जारी किया गया.
महेंद्रगढ़ के नारनौल में पीडब्ल्यूडी की जमीन पर एक बिल्डर का अवैध कब्जा करने में सहयोग करने पर तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद बीएन भारती (वर्तमान में रिटायर्ड) के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश देने के साथ ही तत्कालीन बिल्डिंग इंस्पेक्टर भीम सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया गया.
करनाल जिले में सहकारिता विभाग में कार्यरत इंस्पेक्टर अमित कुमार को भी निलंबित किया गया है. इंस्पेक्टर अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर फर्जी सोसाइटी बनाए हुए था. सोसाइटी के साथ सरकारी चिन्हों का इस्तेमाल करते हुए आईडी कार्ड बनाकर लोगों को झांसा दे रहे थे. इंस्पेक्टर अमित कुमार के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं.
फर्जी कागजों के आधार पर नायब तहसीलदार बने शिवराज सिंह के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरन्त प्रभाव से निलंबित करते हुए दो प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश भी जारी किए गए. एक प्राथमिकी पटवारी भी ना होने के बावजूद नायब तहसीलदार बनने का फर्जीवाड़ा करने पर और दूसरी प्राथमिकी सरकारी जमीन की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में दर्ज कराने का आदेश दिया गया.