चंडीगढ़: आत्मर्निभर अभियान के तहत कृषि ढांचागत विकास के लिए निर्धारित एक लाख करोड़ रुपये में से हरियाणा ने अपने हिस्से के 3900 करोड़ रुपये की योजनाएं अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेज दी हैं. ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है.
हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि कोरोना महामारी से न सिर्फ देश की बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है. देश की जीडीपी में भारी गिरावट आई है और अर्थव्यवस्था को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने नई योजनाएं बनाई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में से एक लाख करोड़ रुपये कृषि ढांचागत विकास के लिए निर्धारित किए हैं. कौशल ने बताया कि योजना के तहत कृषि उद्यमियों और स्टार्टअप को आगे लाया जाएगा.
वहीं हैफेड के प्रबंध निदेशक डीके बेहरा ने कहा कि कृषि ढांचागत फंड के तहत लगभग 3950 करोड़ रुपये की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपार्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई हैं, जिनमें हैफेड की ओर से 352 करोड़ रुपये की, हरियाणा भंडागार निगम की ओर से 315 करोड़ रुपये की, शुगर फैड की ओर से 72 करोड़ रुपये की, बागवानी विभाग की ओर से 1607 करोड़ रुपये की, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की ओर से 112 करोड़ रुपये की योजनाएं शामिल हैं.
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गौरतलब है कि इस योजना के तहत वेयरहाउस, साइलो, कोल्ड चेन और दूसरी आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित करने के लिए सिर्फ प्रारंभिक प्रसंस्करण के लिए दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर सब्सिडी का प्रावधान है और ये योजना 2021 से 2030 तक रहेगी.