ETV Bharat / state

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 2 लाख 38 हजार प्रवासी श्रमिकों को भेजा घर

author img

By

Published : May 23, 2020, 10:26 AM IST

हरियाणा सरकार ने 21 मई तक 2 लाख 38 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह प्रदेश भेजा है. इन प्रवासी श्रमिकों में अधिकतर श्रमिक यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और पुर्वोत्तर राज्यों के रहने वाले हैं. सभी प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन और बसों के माध्यम से उनके गृह प्रदेश पहुंचाया गया है.

haryana government send 2 lakh 38 thousand migrant workers to their home state
haryana government send 2 lakh 38 thousand migrant workers to their home state

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से राज्य में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को हरियाणा सरकार उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. 22 मई से 27 मई तक हरियाणा से बिहार, छत्तीसगढ़, नागालैंड, त्रिपुरा,मणिपुर,अरूणाचल प्रदेश,असम और मेघालय के लिए 19 ट्रेनें चलाई जाएगी. जिसमें से बिहार के लिए 15,छत्तीसगढ़ के लिए और पुर्वोत्तर राज्यों के लिए तीन रेलगाड़ियों के लिए अनुमति मिल चुकी है. राज्य सरकार ने अबतक 2 लाख 38 हजार से ज्यादा श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचा चुकी है.

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए तीन ट्रेनें प्रस्तावित

पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों को तीन विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनके घर पहुंचाया जाएगा. 22 मई को चलने वाली ट्रेन गुरुग्राम से चलकर गुवाहाटी होते हुए दीमापुर(नागालैंड) जाएगी. जिसमें अरूणाचल, मेघालय, नागालैंड और असम के यात्री जाएंगे.

इसी प्रकार 23 मई को गुरुग्राम से चलकर गुवाहाटी होते हुए ट्रेन अगरतला(त्रिपुरा) जाएगी. जिसमें त्रिपुरा और असम राज्य के लोग सवार होंगे. वहीं 25 मई को रवाना होने वाली ट्रेन गुरुग्राम से चलकर गुवाहाटी होते हुए जिरीबाम(मणिपुर) जाएगी. जिसमें मणिपुर के लोग सवार रहेंगे.

एमपी के प्रवासियों ने घर जाने का इरादा बदला

हरियाणा से 21 मई से 23 मई के बीच मध्य प्रदेश के लिए भी 5 ट्रेनें चलनी प्रस्तावित थी. लेकिन प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के शुरू होने से मध्य प्रदेश के श्रमिकों ने अपने गृह राज्य जाने का इरादा बदल दिया है. जिसके चलते इन ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.

एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव ने बताया कि कोविड 19 के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में प्रवासी श्रमिकों के ठहराव के लिए करीब 688 शेल्टर हम बनाए गए थे. उन्होंने बताया कि अबतक काफी प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य भेजा जा चुका है. जिसके चलते अधिकतकर शेल्टर होम खाली होने के चलते बंद कर दिए गए हैं.

एडीजीपी सीआईडी ने बताया कि वर्तमान में 72 शेल्टर होम में करीब 9400 प्रवासी श्रमिक रुके हुए हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान करीब विभिन्न राज्यों में फंसे हरियाणा के 11 हजार लोगों को उनके गृह प्रदेश लाया गया है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है.

एडीजीपी सीआईडी ने बताया कि 21 मई तक प्रदेश से 57 ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा जा चुका है. जिनमें से 40 ट्रेनें बिहार और 17 ट्रेनें मध्य प्रदेश गई हैं. वहीं 4600 से अधिक बसों के माध्यम से श्रमिकों को उनके घर भेजा जा चुका है. जिसमें से 4300 बसें उत्तर प्रदेश, 167 बसें राजस्थान, 73 बसें मध्य प्रदेश , 9 बसें पंजाब, 9 बसें उत्तराखंड और शेष हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों में भेजी जा चुकी है.

एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से 400 बसों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 4 क्लस्टरों बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ और इटावा के लिए करीब 12 हजार श्रमिकों को भेजा गया है. इसी प्रकार 21 मई को अंबाला रेलवे स्टेशन से मुजफ्फरपुर (बिहार) के लिए 1240 श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से भेजा गया है.

बिहार के श्रमिकों को किया गया रवाना

वहीं फरीदाबाद रेलवे स्टेशन से बरौनी (बिहार)के लिए 1400 श्रमिक और हिसार रेलवे स्टेशन से किशनगंज (बिहार) के लिए 1240 श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से भेजा गया. उन्होंने बताया कि गृहराज्य भेजे गए प्रवासी श्रमिकों में से एक लाख 17 हजार से अधिक श्रमिक उत्तर प्रदेश, 50 हजार से अधिक बिहार, 28 हजार से अधिक मध्य प्रदेश और 15 हजार से ज्यादा श्रमिक उत्तराखंड भेजा गया है. इसके अलावा आज 400 बसों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए भेजा गया.

एडीजीपी ने बताया कि हिसार से 1450 प्रवासी श्रमिकों को बिहार के किशनगंज के लिए रवाना किया गया. इस ट्रेन में हिसार मंडल के चाल जिलों जींद, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार के प्रवासी श्रमिक थे. उन्होंने बताया कि इन सभी मजदूरों को सरकारी खर्चे पर उनके घर भेजा गया है. उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में बिहार के किशनगंज, अररिया, भागलपुर, पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार, खगड़िया, सुपौल और सहरसा जिलों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे.

एडीजीपी ने बताया कि ट्रेन में महिला यात्री और बच्चे भी थे. जिन्हें जिला रेडक्रॉस की तरफ से सॉफ्ट टॉय, बिस्किट और चॉकलेट दी गई. वहीं अंबाला से 1212 प्रवासी श्रमिकों को मुजफ्फरपुर बिहार के लिए रवाना किया गया. इन प्रवासी मजदूरों में अंबाला शहर से 323, यमुनानगर से 645, नारायणगढ़ से 72, पंचकूला से 147 और अंबाला छावनी से 25 प्रवासी श्रमिक शामिल है. वहीं फरीदाबाद से बरौनी बिहार के लिए 1400 प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से रवाना किया गया.

इसे भी पढ़ें:सोनिया गांधी पर FIR के बाद फूटा कांग्रेस का गुस्सा, सैलजा बोली- ये बीजेपी की ओछी मानसिकता

चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से राज्य में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को हरियाणा सरकार उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. 22 मई से 27 मई तक हरियाणा से बिहार, छत्तीसगढ़, नागालैंड, त्रिपुरा,मणिपुर,अरूणाचल प्रदेश,असम और मेघालय के लिए 19 ट्रेनें चलाई जाएगी. जिसमें से बिहार के लिए 15,छत्तीसगढ़ के लिए और पुर्वोत्तर राज्यों के लिए तीन रेलगाड़ियों के लिए अनुमति मिल चुकी है. राज्य सरकार ने अबतक 2 लाख 38 हजार से ज्यादा श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचा चुकी है.

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए तीन ट्रेनें प्रस्तावित

पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों को तीन विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनके घर पहुंचाया जाएगा. 22 मई को चलने वाली ट्रेन गुरुग्राम से चलकर गुवाहाटी होते हुए दीमापुर(नागालैंड) जाएगी. जिसमें अरूणाचल, मेघालय, नागालैंड और असम के यात्री जाएंगे.

इसी प्रकार 23 मई को गुरुग्राम से चलकर गुवाहाटी होते हुए ट्रेन अगरतला(त्रिपुरा) जाएगी. जिसमें त्रिपुरा और असम राज्य के लोग सवार होंगे. वहीं 25 मई को रवाना होने वाली ट्रेन गुरुग्राम से चलकर गुवाहाटी होते हुए जिरीबाम(मणिपुर) जाएगी. जिसमें मणिपुर के लोग सवार रहेंगे.

एमपी के प्रवासियों ने घर जाने का इरादा बदला

हरियाणा से 21 मई से 23 मई के बीच मध्य प्रदेश के लिए भी 5 ट्रेनें चलनी प्रस्तावित थी. लेकिन प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के शुरू होने से मध्य प्रदेश के श्रमिकों ने अपने गृह राज्य जाने का इरादा बदल दिया है. जिसके चलते इन ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.

एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव ने बताया कि कोविड 19 के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में प्रवासी श्रमिकों के ठहराव के लिए करीब 688 शेल्टर हम बनाए गए थे. उन्होंने बताया कि अबतक काफी प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य भेजा जा चुका है. जिसके चलते अधिकतकर शेल्टर होम खाली होने के चलते बंद कर दिए गए हैं.

एडीजीपी सीआईडी ने बताया कि वर्तमान में 72 शेल्टर होम में करीब 9400 प्रवासी श्रमिक रुके हुए हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान करीब विभिन्न राज्यों में फंसे हरियाणा के 11 हजार लोगों को उनके गृह प्रदेश लाया गया है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है.

एडीजीपी सीआईडी ने बताया कि 21 मई तक प्रदेश से 57 ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा जा चुका है. जिनमें से 40 ट्रेनें बिहार और 17 ट्रेनें मध्य प्रदेश गई हैं. वहीं 4600 से अधिक बसों के माध्यम से श्रमिकों को उनके घर भेजा जा चुका है. जिसमें से 4300 बसें उत्तर प्रदेश, 167 बसें राजस्थान, 73 बसें मध्य प्रदेश , 9 बसें पंजाब, 9 बसें उत्तराखंड और शेष हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों में भेजी जा चुकी है.

एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से 400 बसों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 4 क्लस्टरों बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ और इटावा के लिए करीब 12 हजार श्रमिकों को भेजा गया है. इसी प्रकार 21 मई को अंबाला रेलवे स्टेशन से मुजफ्फरपुर (बिहार) के लिए 1240 श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से भेजा गया है.

बिहार के श्रमिकों को किया गया रवाना

वहीं फरीदाबाद रेलवे स्टेशन से बरौनी (बिहार)के लिए 1400 श्रमिक और हिसार रेलवे स्टेशन से किशनगंज (बिहार) के लिए 1240 श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से भेजा गया. उन्होंने बताया कि गृहराज्य भेजे गए प्रवासी श्रमिकों में से एक लाख 17 हजार से अधिक श्रमिक उत्तर प्रदेश, 50 हजार से अधिक बिहार, 28 हजार से अधिक मध्य प्रदेश और 15 हजार से ज्यादा श्रमिक उत्तराखंड भेजा गया है. इसके अलावा आज 400 बसों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए भेजा गया.

एडीजीपी ने बताया कि हिसार से 1450 प्रवासी श्रमिकों को बिहार के किशनगंज के लिए रवाना किया गया. इस ट्रेन में हिसार मंडल के चाल जिलों जींद, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार के प्रवासी श्रमिक थे. उन्होंने बताया कि इन सभी मजदूरों को सरकारी खर्चे पर उनके घर भेजा गया है. उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में बिहार के किशनगंज, अररिया, भागलपुर, पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार, खगड़िया, सुपौल और सहरसा जिलों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे.

एडीजीपी ने बताया कि ट्रेन में महिला यात्री और बच्चे भी थे. जिन्हें जिला रेडक्रॉस की तरफ से सॉफ्ट टॉय, बिस्किट और चॉकलेट दी गई. वहीं अंबाला से 1212 प्रवासी श्रमिकों को मुजफ्फरपुर बिहार के लिए रवाना किया गया. इन प्रवासी मजदूरों में अंबाला शहर से 323, यमुनानगर से 645, नारायणगढ़ से 72, पंचकूला से 147 और अंबाला छावनी से 25 प्रवासी श्रमिक शामिल है. वहीं फरीदाबाद से बरौनी बिहार के लिए 1400 प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन के माध्यम से रवाना किया गया.

इसे भी पढ़ें:सोनिया गांधी पर FIR के बाद फूटा कांग्रेस का गुस्सा, सैलजा बोली- ये बीजेपी की ओछी मानसिकता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.