चंडीगढ़: हरियाणा सीड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से बीज की खरीद नहीं करने की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में हरियाणा सरकार ने बताया कि कुछ लोग अधिकारियों से मिलीभगत कर बाजार से फसल खरीदकर इसे बीज बताकर सरकार को बेच रहे हैं. जिस वजह से इस बार कॉरपोरेशन ने बीज की खरीद नहीं की.
बता दें कि सिरसा के किसानों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया था कि उन्होंने हरियाणा सीड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से अनुबंध कर भी बीज उगाए थे. इन बीजों को जब बेचने की बारी आई तो हरियाणा सीड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 24 मार्च 2021 को बीजों की खरीदना करने का फैसला ले लिया. इसी फैसले को उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका को खारिज करते हुए कहा कि बाजार से फसल खरीदकर इसे बीच बताकर बेचने वालों का गोरखधंधा बंद करने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है, जिसे गलत नहीं कहा जा सकता. इस फैसले के खिलाफ खंडपीठ में पहुंचे किसानों ने आदेश को खारिज करने की मांग की.
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हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन ने बताया कि किसानों ने जो जमीन की लीज के दस्तावेज दिए हैं, उसमें गांव का नाम और जमीन का ब्यौरा तक नहीं है और ना ही इन किसानों ने अपनी फसल को मेरी फसल मेरा ब्योरा में रजिस्टर किया है. ये घोटाला भी हो सकता है. ऐसे में उन्होंने हाई कोर्ट से समय मांगा है जिससे वो इस घोटाले का पता लगा सकें.
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साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया जा सकता है. ऐसे में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई भी करेगी. महाजन ने आगे कहा कि इस प्रकार का कोई घोटाला ना हो इसके लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी हलफनामे में दी जाएगी.